जामताड़ा: असम सरकार के एनआरसी की सूची जारी किए जाने के बाद जामताड़ा में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला गहराने लगा है. असम सरकार ने एनआरसी के तहत कुल 37 मामले जांच के लिए भेजे थे. जिसे राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला प्रशासन को भेजा था. जिसमें जिला प्रशासन ने जांच उपरांत एक भी मामले को सही नहीं पाया. प्रशासन के इस जांच के बाद इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है.
प्रशासन से घुसपैठियों पर कार्रवाई की मांग
इस मामले के बाद जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष संतन मिश्रा ने जिले में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठियों के गलत तरीके से रहने की आशंका जताई है. उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए घुसपैठियों को चिन्हित कर जिला प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की है.
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उपायुक्त ने क्या कहा
इस मामले में उपायुक्त गणेश कुमार ने कहा कि जिले में बांग्लादेशी घुसपैठ होने की खबर झूठी है. असम सरकार ने 37 मामलों को जांच के लिए भेजा था, लेकिन जांच में एक भी मामला सही नहीं पाया गया. जिसकी रिपोर्ट भेज दी गई है. हालांकि उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि यदि इस तरह का मामला सामने आता है तो इस पर कार्रवाई अवश्य होगी.
जामताड़ा में पहले से दर्ज है मामला
जामताड़ा जिला पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है, जहां मुर्शिदाबाद और बंगाल के अन्य इलाकों से बड़े पैमाने पर रोजगार के लिए लोग आना-जाना करते हैं. ऐसे में यहां घुसपैठियों के आने की आशंका हमेशा बनी रहती है. इसके पहले भी एक बांग्लादेशी महिला घुसपैठ का मामला प्रकाश में आ चुका है. जिसे लेकर संबंधित थाने में मामला भी दर्ज है. यही कारण है कि यहां समय-समय पर घुसपैठियों को लेकर मामला गर्माता रहता है.