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34वें कोल महासम्मेलन का समापन, अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग - 34वें कोल महासम्मेलन का समापन

जामताड़ा के ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रत्येक साल की भांति इस साल भी कोल जाति समुदाय ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर भारत प्राचीन आदिवासी कोल जाति कल्याण समिति के बैनर तले 34 वां कोल महासम्मेलन का आयोजन हुआ. सम्मेलन में कोल जाति समुदाय के नेताओं ने अपनी समस्याओं को लेकर चर्चा की और अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया.

34th kol conference organized in jamtara
34वें कोल महासम्मेलन का समापन
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Published : Feb 16, 2021, 7:27 AM IST

जामताङ़ा: 34वां कोल महासम्मेलन का आयोजन जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुआ. जिसमें कुल 7 प्रस्ताव लिए गए. जिनमें प्रमुख रूप से कोल जाति को आदिम जनजाति का दर्जा देने की मांग की गई.

देखें पूरी खबर
ये भी पढ़ेंः दलबदल मामला: स्पीकर के ट्रिब्यूनल में सुनवाई का पहला दिन, क्या हुआ, पढ़ें पूरी रिपोर्ट


34 वां कोल महासम्मेलन संपन्न

जामताड़ा के ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रत्येक साल की भांति इस साल भी कोल जाति समुदाय ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर भारत प्राचीन आदिवासी कोल जाति कल्याण समिति के बैनर तले 34 वां कोल महासम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें कोल जाति समुदाय के नेता और लोगों ने भाग लिया. कोविड-19 को देखते हुए काफी कम संख्या में कोल जाति समुदाय के लोगों ने इसमें भाग लिया और कार्यक्रम में कटौती की, रैली नहीं निकाली गई.


सम्मेलन में विभिन्न समस्याओं पर चर्चा

सम्मेलन में कोल जाति समुदाय के नेताओं ने अपनी समस्याओं को लेकर चर्चा की और अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया.


सम्मेलन में कुल 7 प्रस्ताव

34वें कोल महासम्मेलन में कोल जाति समुदाय के लोगों ने कुल 7 प्रस्ताव लिये. जिसमें कोल जाति को आदिम जाति का दर्जा देने. 2001 की जनगणना में अलग आदिवासी धर्म कोड का कॉलम देने. संविधान की पांचवीं अनुसूची कोल विकास प्राधिकरण को सख्ती से लागू करने. लुप्त हो रहे कोल जाति समुदाय के सुरक्षा बचाव के लिए विशेष व्यवस्था करने. वनाधिकार कानून को सख्ती से लागू करने और कोल जाति के लिए शिक्षण संस्थान और नौकरियों में अलग से आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की गई है. कोल जाति एक विलुप्त होती आदिम जनजाति है. जिसको आदिम जनजाति का दर्जा नहीं मिल पाया है. कोल जाति समुदाय के लोग आज भी अपने अस्तित्व और अधिकार की लड़ाई को लेकर संघर्ष करने को मजबूर हैं.

जामताङ़ा: 34वां कोल महासम्मेलन का आयोजन जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुआ. जिसमें कुल 7 प्रस्ताव लिए गए. जिनमें प्रमुख रूप से कोल जाति को आदिम जनजाति का दर्जा देने की मांग की गई.

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34 वां कोल महासम्मेलन संपन्न

जामताड़ा के ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रत्येक साल की भांति इस साल भी कोल जाति समुदाय ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर भारत प्राचीन आदिवासी कोल जाति कल्याण समिति के बैनर तले 34 वां कोल महासम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें कोल जाति समुदाय के नेता और लोगों ने भाग लिया. कोविड-19 को देखते हुए काफी कम संख्या में कोल जाति समुदाय के लोगों ने इसमें भाग लिया और कार्यक्रम में कटौती की, रैली नहीं निकाली गई.


सम्मेलन में विभिन्न समस्याओं पर चर्चा

सम्मेलन में कोल जाति समुदाय के नेताओं ने अपनी समस्याओं को लेकर चर्चा की और अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया.


सम्मेलन में कुल 7 प्रस्ताव

34वें कोल महासम्मेलन में कोल जाति समुदाय के लोगों ने कुल 7 प्रस्ताव लिये. जिसमें कोल जाति को आदिम जाति का दर्जा देने. 2001 की जनगणना में अलग आदिवासी धर्म कोड का कॉलम देने. संविधान की पांचवीं अनुसूची कोल विकास प्राधिकरण को सख्ती से लागू करने. लुप्त हो रहे कोल जाति समुदाय के सुरक्षा बचाव के लिए विशेष व्यवस्था करने. वनाधिकार कानून को सख्ती से लागू करने और कोल जाति के लिए शिक्षण संस्थान और नौकरियों में अलग से आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की गई है. कोल जाति एक विलुप्त होती आदिम जनजाति है. जिसको आदिम जनजाति का दर्जा नहीं मिल पाया है. कोल जाति समुदाय के लोग आज भी अपने अस्तित्व और अधिकार की लड़ाई को लेकर संघर्ष करने को मजबूर हैं.

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