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गर्दा और नमी के नाम पर 10% काट रहे फसल की रकम, किसानों को हो रहा भारी नुकसान

किसानों के फसल में गर्दा और नमी के नाम पर 8 से 10 प्रतिशत रकम काटा जा रहा है. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी का कहना है कि यह सरकार का आदेश है और नमी के नाम पर 10% काटा जा रहा है.

10% money are detucted for paddy crop
गर्दा और नमी के नाम पर काट रहे फसल की रकम
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Published : Feb 4, 2021, 6:45 PM IST

जामताड़ा: किसानों के फसल में गर्दा और नमी के नाम पर 8 से 10 प्रतिशत रकम काटा जा रहा है. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. प्रशासन की तरफ से इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

देखिये पूरी खबर

सरकार की तरफ से धान के फसल को उचित मूल्य पर खरीदारी के लिए धान क्रय केंद्र खोला गया है. लैंप्स के माध्यम से धान की खरीदारी की जा रही है. किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं और फिर लैंप्स की तरफ से उन्हें सूचना दी जाती है. इसके बाद धान को मिल में भेजा जाता है. किसानों को बताया जाता है कि गर्दा और नमी के नाम पर 10 प्रतिशत काटा जा रहा है.

इसे आसान भाषा में समझते हैं. उदाहरण के लिए किसान अगर एक किलो धान बेचता है तो उसे 900 ग्राम का ही पैसा दिया जाएगा. 100 ग्राम गर्दा और नमी के नाम पर काटा जा रहा है. किसान सैकड़ों क्विंटल धान बेचते हैं और ऐसे में उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.

पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता सत्यानंद झा का कहना है कि यह किसानों पर अन्याय हो रहा है. सरकार को इस पर सजग रहने की आवश्यकता है. लैंप्स में कार्यरत कर्मचारी से जब इस बारे में पूछा गया कि 10% फसल क्यों काटा जा रहा है तो उनका कहना है कि इसकी कोई जानकारी नहीं है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी का कहना है कि यह सरकार का आदेश है और नमी के नाम पर 10% फसल काटा जा रहा है.

जामताड़ा: किसानों के फसल में गर्दा और नमी के नाम पर 8 से 10 प्रतिशत रकम काटा जा रहा है. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. प्रशासन की तरफ से इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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सरकार की तरफ से धान के फसल को उचित मूल्य पर खरीदारी के लिए धान क्रय केंद्र खोला गया है. लैंप्स के माध्यम से धान की खरीदारी की जा रही है. किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं और फिर लैंप्स की तरफ से उन्हें सूचना दी जाती है. इसके बाद धान को मिल में भेजा जाता है. किसानों को बताया जाता है कि गर्दा और नमी के नाम पर 10 प्रतिशत काटा जा रहा है.

इसे आसान भाषा में समझते हैं. उदाहरण के लिए किसान अगर एक किलो धान बेचता है तो उसे 900 ग्राम का ही पैसा दिया जाएगा. 100 ग्राम गर्दा और नमी के नाम पर काटा जा रहा है. किसान सैकड़ों क्विंटल धान बेचते हैं और ऐसे में उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.

पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता सत्यानंद झा का कहना है कि यह किसानों पर अन्याय हो रहा है. सरकार को इस पर सजग रहने की आवश्यकता है. लैंप्स में कार्यरत कर्मचारी से जब इस बारे में पूछा गया कि 10% फसल क्यों काटा जा रहा है तो उनका कहना है कि इसकी कोई जानकारी नहीं है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी का कहना है कि यह सरकार का आदेश है और नमी के नाम पर 10% फसल काटा जा रहा है.

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