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मिसाल: जमीन लीज पर लेकर शुरू किया कारोबार, अब दे रहे दूसरों को रोजगार - हजारीबाग में युवा किसान खेती से लोगों को रोजगार दे रहे हैं

हजारीबाग में इन दिनों दो दोस्त लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं. एक दोस्त मजदूरी करता था तो दूसरा ड्राइवरी का काम. लेकिन दोनों ने सोचा कि क्यों ना खुद के लिए कुछ किया जाए और फिर उन्होंने खेती शुरू कर दी. फल सब्जी की खेती में इनकी मेहनत रंग लाई, जिससे इनकी आमदनी भी बढ़ने लगी.

youth entrepreneur giving employment
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Published : Aug 12, 2020, 6:23 AM IST

Updated : Aug 12, 2020, 7:54 AM IST

हजारीबाग: युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति समाज एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है. यही युवा समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं. जब अपने दम पर कुछ ऐसा कर जाते हैं जो अन्य के लिए पथ प्रदर्शक का काम करता है. ऐसे ही दो युवा मित्र हजारीबाग में इन दिनों अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने का काम कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

हजारीबाग में इन दिनों अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं. एक दोस्त मजदूरी करता था तो दूसरा ड्राइवरी का काम. लेकिन दोनों ने सोचा कि क्यों ना खुद के लिए कुछ किया जाए और फिर उन्होंने खेती शुरू कर दी. फल सब्जी की खेती में इनकी मेहनत रंग लाई, जिससे इनकी आमदनी भी बढ़ने लगी.

आर्थिक रूप से हो रहे हैं सबल

वर्तमान समय में दोनों ने दारू प्रखंड के रामदेव खरिका पंचायत के गोपलो गांव में 12 एकड़ जमीन लीज पर लेकर खेती कर रहे हैं. आज इस जमीन पर कई तरह की सब्जी भी हुई है. वे दोनों ना केवल खुद इस जमीन पर मेहनत कर खेती कर रहे हैं बल्कि गांव के 2 दर्जन से अधिक महिला पुरुष को नौकरी भी दे रखा है. साथ ही साथ सब्जी को राज्य के विभिन्न जिलों में भेजकर आर्थिक रूप से सबल भी हो रहे हैं.

दुर्घटना से छूटी चालक की नौकरी

देवा महतो ने बताया कि पहले वह चालक की नौकरी किया करता था. एक बार दुर्घटना होने के बाद उसके चालक की नौकरी छूट गई और उसने फिर अपने दोस्त के साथ पार्टनरशिप पर खेती का व्यवसाय करने का योजना बनाया. उनका कहना है कि पढ़ा लिखा नहीं होने के बावजूद हम लोगों ने व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया. किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया और आज हम अपना घर का तो पालन पोषण कर ही रहे हैं साथ ही साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

खेतों की शोभा बढ़ाता है सब्जी

देवा के मित्र अनिल कुमार बताते हैं कि हमें खुशी तब होती है कि जब हमारे खेत की सब्जी राज्य समेत अन्य जिलों के थाली का शोभा बढ़ाता है. हम समय के अनुसार खेती करते हैं. कोशिश करते हैं कि पहली फसल बाजार में उतारे. उनका यह भी कहना है कि हम खुदरा व्यापार नहीं करते हैं. बल्कि व्यापारी हमारे पास आते हैं अपना गाडी लगाते हैं खुद से तोड़ते हैं और सब्जी ले जाते हैं .लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मौसम की बेरुखी के कारण हम लोगों को अच्छा पैसा नहीं मिल पाता है और हमें घाटा भी हो जाता है .लेकिन इसके बावजूद हम लोग कोशिश करते हैं कि अपने पैरों पर खड़े हो और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें.

ये भी पढ़ें-10 से 16 अगस्त तक भारतीय रेलवे में विशेष स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन, रांची रेल मंडल में भी शुरू हुई स्वच्छता अभियान

दूरदर्शिता को दर्शातें हैं युवा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही वर्तमान परिपेक्ष में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना की है. लेकिन ये दो युवा दोस्त आत्मनिर्भरता की ओर पिछले 6 साल से धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. यह यहां की युवाओं की दूरदर्शिता को दर्शाता है. जरूरत है समाज के हर एक तबके को सीख लेने की तभी हम कुछ बेहतर कर सकते हैं.

हजारीबाग: युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति समाज एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है. यही युवा समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं. जब अपने दम पर कुछ ऐसा कर जाते हैं जो अन्य के लिए पथ प्रदर्शक का काम करता है. ऐसे ही दो युवा मित्र हजारीबाग में इन दिनों अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने का काम कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

हजारीबाग में इन दिनों अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं. एक दोस्त मजदूरी करता था तो दूसरा ड्राइवरी का काम. लेकिन दोनों ने सोचा कि क्यों ना खुद के लिए कुछ किया जाए और फिर उन्होंने खेती शुरू कर दी. फल सब्जी की खेती में इनकी मेहनत रंग लाई, जिससे इनकी आमदनी भी बढ़ने लगी.

आर्थिक रूप से हो रहे हैं सबल

वर्तमान समय में दोनों ने दारू प्रखंड के रामदेव खरिका पंचायत के गोपलो गांव में 12 एकड़ जमीन लीज पर लेकर खेती कर रहे हैं. आज इस जमीन पर कई तरह की सब्जी भी हुई है. वे दोनों ना केवल खुद इस जमीन पर मेहनत कर खेती कर रहे हैं बल्कि गांव के 2 दर्जन से अधिक महिला पुरुष को नौकरी भी दे रखा है. साथ ही साथ सब्जी को राज्य के विभिन्न जिलों में भेजकर आर्थिक रूप से सबल भी हो रहे हैं.

दुर्घटना से छूटी चालक की नौकरी

देवा महतो ने बताया कि पहले वह चालक की नौकरी किया करता था. एक बार दुर्घटना होने के बाद उसके चालक की नौकरी छूट गई और उसने फिर अपने दोस्त के साथ पार्टनरशिप पर खेती का व्यवसाय करने का योजना बनाया. उनका कहना है कि पढ़ा लिखा नहीं होने के बावजूद हम लोगों ने व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया. किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया और आज हम अपना घर का तो पालन पोषण कर ही रहे हैं साथ ही साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

खेतों की शोभा बढ़ाता है सब्जी

देवा के मित्र अनिल कुमार बताते हैं कि हमें खुशी तब होती है कि जब हमारे खेत की सब्जी राज्य समेत अन्य जिलों के थाली का शोभा बढ़ाता है. हम समय के अनुसार खेती करते हैं. कोशिश करते हैं कि पहली फसल बाजार में उतारे. उनका यह भी कहना है कि हम खुदरा व्यापार नहीं करते हैं. बल्कि व्यापारी हमारे पास आते हैं अपना गाडी लगाते हैं खुद से तोड़ते हैं और सब्जी ले जाते हैं .लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मौसम की बेरुखी के कारण हम लोगों को अच्छा पैसा नहीं मिल पाता है और हमें घाटा भी हो जाता है .लेकिन इसके बावजूद हम लोग कोशिश करते हैं कि अपने पैरों पर खड़े हो और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें.

ये भी पढ़ें-10 से 16 अगस्त तक भारतीय रेलवे में विशेष स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन, रांची रेल मंडल में भी शुरू हुई स्वच्छता अभियान

दूरदर्शिता को दर्शातें हैं युवा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही वर्तमान परिपेक्ष में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना की है. लेकिन ये दो युवा दोस्त आत्मनिर्भरता की ओर पिछले 6 साल से धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. यह यहां की युवाओं की दूरदर्शिता को दर्शाता है. जरूरत है समाज के हर एक तबके को सीख लेने की तभी हम कुछ बेहतर कर सकते हैं.

Last Updated : Aug 12, 2020, 7:54 AM IST

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