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हजारीबाग में बच्चों का भविष्य संवारने को आगे बढ़ रही महिलाएं, ट्रेनिंग लेकर शुरू करेंगी फूलों का कारोबार - हजारीबाग में अपने पैर पर खड़ी हो रही महिलाएं

हजारीबाग में महिलाएं अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए खुद आगे बढ़ रही हैं. महिलाएं फूलों का कारोबार शुरू करने के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं. महिलाओं का कहना है कि कारोबार शुरू होने के बाद थोड़ी आमदनी होगी जिससे बच्चों का भविष्य बना सकूंगी.

Women started flower business in hazaribagh
महिलाओं ने शुरू किया फूलों का कारोबार
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Published : Apr 17, 2021, 10:23 PM IST

हजारीबाग: महंगाई और बेरोजगारी के कारण समाज का हर तबका परेशान है. जहां एक और महंगाई ने हर एक व्यक्ति को प्रभावित किया है तो वहीं, दूसरी ओर कोरोना के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में अब हजारीबाग में महिलाएं अपने बच्चों का भविष्य बनाने की कोशिश कर रही हैं. महिलाएं फूलों के कारोबार का प्रशिक्षण ले रही हैं ताकि पैसा कमाकर बच्चों का भविष्य बना सकें. ट्रेनिंग लेने वाली महिला शांति देवी ने बताया कि महंगाई के कारण कमर टूट गई है. बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था तो फूलों का कारोबार शुरू करने के लिए ट्रेनिंग लेने की सोची.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: मधुपुर का महामुकाबलाः वोटिंग खत्म, 2 मई को होगा नतीजों का एलान

तेजी से बढ़ रही फूलों की डिमांड

ट्रेनिंग सेंटर के पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में फूलों की डिमांड बढ़ी है. हर तरह के कार्यक्रम में लोग गुलदस्ता लेकर जाते हैं. ऐसे में फूलों का कारोबार अच्छा मुनाफा दे रहा है. शादी से लेकर पूजा कार्यक्रम में लोग बुके लेकर पहुंचते हैं. फूलों के कारोबार में मेहनत भी कम है और लाभ भी अच्छा है. महिलाएं ट्रेनिंग ले रही हैं. ट्रेनिंग लेकर महिलाएं गांव में ही फूलों का कारोबार शुरू करेंगी. थोड़ी सी जमीन पर फूल के पौधे लगाकर कारोबार को बड़ा भी किया जा सकता है.

Women started flower business in hazaribagh
समूह बनाकर महिलाओं को फूलों का कारोबार शुरू करने के गुर सिखाए जा रहे हैं.

'...पैसे के कारण पढ़ नहीं सकी, बच्चों को ऐसी जिंदगी नहीं जीने दूंगी'

फूलों का कारोबार शुरू करने वाली महिला अनीता देवी बताया कि अपनी जिंदगी में बहुत गरीबी देखी है. पैसा नहीं करने के कारण पढ़ नहीं सकी. पढ़ाई बीच में ही छूट गया. लेकिन, अब मौका मिला है तो इसका भरपूर फायदा उठाना चाहती हूं. ट्रेनिंग के बाद घर जाकर छोटा बगीचा बनाऊंगी. एक दुकान खोलकर फूलों का कारोबार शुरू करूंगी ताकि आमदनी हो सके और इससे बच्चों का भविष्य बना सकूं. पैसा आएगा तो बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी. बच्चों को पढ़ाने के लिए मां खुद अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं. जरूरत है ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की ताकि ये और भी अच्छा कर सकें.

Women started flower business in hazaribagh
महिलाएं एक-एक चीज बारीकी से सीख रही हैं.

हजारीबाग: महंगाई और बेरोजगारी के कारण समाज का हर तबका परेशान है. जहां एक और महंगाई ने हर एक व्यक्ति को प्रभावित किया है तो वहीं, दूसरी ओर कोरोना के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में अब हजारीबाग में महिलाएं अपने बच्चों का भविष्य बनाने की कोशिश कर रही हैं. महिलाएं फूलों के कारोबार का प्रशिक्षण ले रही हैं ताकि पैसा कमाकर बच्चों का भविष्य बना सकें. ट्रेनिंग लेने वाली महिला शांति देवी ने बताया कि महंगाई के कारण कमर टूट गई है. बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था तो फूलों का कारोबार शुरू करने के लिए ट्रेनिंग लेने की सोची.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

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तेजी से बढ़ रही फूलों की डिमांड

ट्रेनिंग सेंटर के पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में फूलों की डिमांड बढ़ी है. हर तरह के कार्यक्रम में लोग गुलदस्ता लेकर जाते हैं. ऐसे में फूलों का कारोबार अच्छा मुनाफा दे रहा है. शादी से लेकर पूजा कार्यक्रम में लोग बुके लेकर पहुंचते हैं. फूलों के कारोबार में मेहनत भी कम है और लाभ भी अच्छा है. महिलाएं ट्रेनिंग ले रही हैं. ट्रेनिंग लेकर महिलाएं गांव में ही फूलों का कारोबार शुरू करेंगी. थोड़ी सी जमीन पर फूल के पौधे लगाकर कारोबार को बड़ा भी किया जा सकता है.

Women started flower business in hazaribagh
समूह बनाकर महिलाओं को फूलों का कारोबार शुरू करने के गुर सिखाए जा रहे हैं.

'...पैसे के कारण पढ़ नहीं सकी, बच्चों को ऐसी जिंदगी नहीं जीने दूंगी'

फूलों का कारोबार शुरू करने वाली महिला अनीता देवी बताया कि अपनी जिंदगी में बहुत गरीबी देखी है. पैसा नहीं करने के कारण पढ़ नहीं सकी. पढ़ाई बीच में ही छूट गया. लेकिन, अब मौका मिला है तो इसका भरपूर फायदा उठाना चाहती हूं. ट्रेनिंग के बाद घर जाकर छोटा बगीचा बनाऊंगी. एक दुकान खोलकर फूलों का कारोबार शुरू करूंगी ताकि आमदनी हो सके और इससे बच्चों का भविष्य बना सकूं. पैसा आएगा तो बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी. बच्चों को पढ़ाने के लिए मां खुद अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं. जरूरत है ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की ताकि ये और भी अच्छा कर सकें.

Women started flower business in hazaribagh
महिलाएं एक-एक चीज बारीकी से सीख रही हैं.
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