हजारीबाग: सूअर पालन बदलते समय के साथ एक नए रोजगार के रूप में लोगों को आकर्षित कर रहा है. अब गांवों में इससे रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग के भी ग्रामीण क्षेत्रों में अब महिलाएं सूअर पालन कर रही हैं, ताकि आर्थिक तंगी से निजात पाया जा सके.
लघु सूअर पालन योजना
जिला पदाधिकारी महेश कुमार बताते हैं कि इस वक्त हम लघु सूअर पालन योजना के तहत 4 फीमेल और 2 मेल दे रहे हैं. जेएसपीएल समूह का चयन करती है. विभाग उन्हें पैसा देता है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इसमें 50% सब्सिडी है. लाभुक स्थानीय बाजार या फिर सरकारी फार्म से पिगलेट ले सकता है. उनका यह भी कहना है कि इस व्यवसाय के लिए बैंकों से लोन लेने की भी सुविधा है. वहीं सरकार के द्वारा भी कई योजना चलायी जा रही है. जिसे ऑनलाइन देखा भी जा सकता है और लाभ उठाया जा सकता है. व्यवसाय में सूअर के रहने के लिए बाड़ा का इंतजाम किया जाता है. उसमें भी सरकारी मदद मिलती है. इस कारण आज के समय में जो युवक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं इसे कर सकते हैं.
लोगों को होना होगा जागरूक
कुछ व्यवसाय ऐसे भी हैं जो दिखते छोटे स्तर के हैं. लेकिन उसमें मुनाफा अधिक होता है. ऐसे में सूअर पालन भी एक अच्छा व्यवसाय बन कर उभर रहा है. महिलाओं में इसे लेकर उत्साह भी है. जरूरत है पशु पालन विभाग को भी जागरूक होने की, ताकि इस व्यवसाय का लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सके.
सूअर पालन की विशेषताएं
- पालन कम पूंजी और काम स्थान में किया जा सकता है.
- वंश वृद्धि अधिकतम 8 से 12 महीना में होती है.
- शारीरिक वृद्धि 500 से 800 तक प्रतिदिन होती है.
- उत्पादन में मजदूरी कम में होता है.
- बेकार खाद्य पदार्थ की कीमती उत्पादन में परिवर्तित करने की अद्भुत क्षमता होती है.
- सूअर पालन में वंश सुधार की संभावना अधिक होती है.
- 80% खाने योग्य भाग प्राप्त होता है.
- देश विदेश में अच्छी मांग है.
- चर्म उद्योग में इसकी अच्छी मांग है.
- कई दवा में इसका उपयोग किया जाता है, इस कारण दवा कंपनी में भी इसकी मांग है.