हजारीबागः एक महिला रोजाना मौत को मात दे रही है. यह सुनने में आपको अटपटा लग रहा होगा. लेकिन यह सच्चाई है. मौत को मात देती महिला को देखना हो तो चले आइए हजारीबाग के बरकट्ठा, जहां 30 जनवरी तक सूर्यकुंड मेला का आयोजन किया गया है. इस मेले में मौत का कुआं है, जिसमें जूली खातून हर दिन मौत को मात देने वाली करतब दिखाती है. लोग जूली की करतब देख दिल थाम लेते हैं.
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साल 2013 से हर दिन जूली खातून मौत को मात देते हुए करतब दिखा रही है. मौत का कुआं में जूली खातून कार के जरिए करतब दिखाती है. इससे होने वाली आमदनी से जूली अपने परिवार और दो बच्चों का भरण-पोषण करती है. जूली कहती है कि पश्चिम बंगाल के रानीगंज के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि केरल में मौत का कुआं में गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद आज देश भर में घूम-घूम कर मौत का कुआं लगाते है और करतब दिखाते हैं.
जूली खातून कहती है कि पति नहीं है. घर में सिर्फ दो बच्चे हैं. पिछले 7 से 8 सालों से बरकट्ठा मेला में आ रहे हैं और लोगों का का मनोरंजन करते हैं. उन्होंने कहा कि यहां के लोग मौत का कुआं में खूब करतब देखते है. इससे हमलोग सालों भर इस मेले का इंतजार करते हैं. पिछले दो तीन साल बाद इस साल करतब दिखाने के लिए मेला में आए हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग कलाकार हैं. जब लोगों हमारे कला को देख सराहना करते हैं तो खुशी मिलती है. इसके साथ ही दो रुपये की कमाई भी हो जाती है. उन्होंने कहा कि हजारीबाग ही नहीं आसाम, बिहार, बंगाल उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में जाकर मौत का कुआं में करतब दिखाते हैं.
उन्होंने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. पेट भरने के लिए कुछ तो करना होगा. इसलिए करतब दिखाने लगा. उन्होंने कहा कि अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के साथ साथ अच्छा इंसान बना सकूं. इसलिए मैंने मौत का कुआं में गाड़ी चलाने का मन बनाया. उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में काभी डर लगता था. लेकिन प्रैक्टिस से आत्मविश्वास बढ़ा और 10 सालों से लगातार करतब दिखा रही हूं.