हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 500 से अधिक अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. 20 दिसंबर को जारी प्लस टू शिक्षा पात्रता परीक्षा पास करने वाले 500 से अधिक अभ्यर्थियों ने प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था. लेकिन छात्रों को प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. विभावि ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के बाद मूल प्रमाण पत्र नहीं दे पाया. जिसे लेकर गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी विभावि में भारी हंगामा हुआ. परिणामस्वरुप विभावि में शुक्रवार को परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी रोते और बिलखते दिखाई दिए. हंगामा कर रहे छात्र बता रहे थे कि चार माह पूर्व सरकार ने प्लस टू की परीक्षा ली थी और रिजल्ट भी दे दिया. 22 दिसंबर से कांउसिलिंग भी की जा रही है. जबकि आवेदन नौ से दस माह पूर्व दिया गया था. मूल प्रमाण नहीं रहेगा तो उनके हाथ से नौकरी चली जाएगी.
23 दिसंबर से विभावि में छुट्टी है, प्रभारी कुलपति 22 दिसंबर से छुट्टी पर चली गईं. छुट्टी पर चले जाने के कारण विभावि में छात्रों का प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया जहां थी वहीं रुक गई. जानकारी के अनुसार विभावि द्वारा अभ्यर्थियों को एक पत्र दिया जा रहा है, जिसमें विभावि की ओर से अंडरटेकिंग दिया जा रहा है कि 10 जनवरी तक सभी के प्रमाण पत्र वह दे पाएगा. पूर्व एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सह युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रकाश यादव के दबाव में देर रात परीक्षा नियंत्रक ने पत्र के बाबत संबंधित विभाग को मेल भेजकर भी इस आशय की जानकारी दी.
नौ माह से भी अधिक समय से ऑनलाइन करने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं दे पाने के कारण सभी नाराज लोगों का कोपभाजन का केंद्र परीक्षा नियंत्रक बनते रहे. देर शाम परीक्षा भवन में प्रकाश यादव ने ताला भी मार दिया और ऐलान किया कि जब तक सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा घर जाने की इजाजत भी नहीं दी जाएगी. छात्रों ने कहा है कि विश्वविद्यालय ने जीवन के साथ ही खिलवाड़ कर दिया. बरहाल कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह से विनोबा भावे विश्वविद्यालय प्रबंधन ने लापरवाही की है, इसका खामियाजा छात्रों को ही भुगतना पड़ेगा.
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