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हजारीबाग में रोजगार और इलाके को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, ट्रांसपोर्टिंग कार्य प्रभावित

हजारीबाग में रोजगार नहीं मिलने और वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को लेकर बड़कागांव प्रखंड के चेपाकला के ग्रामीण और भू-रैयतों ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग रोड को जाम कर दिया. सड़क जाम होने से कोयले का ट्रांसपोर्टिंग कई घंटे तक प्रभावित रहा.

Villagers jammed road demanding employment in Hazaribag
हजारीबाग में रोजगार और इलाके को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया सड़क जाम
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Published : Jul 3, 2020, 7:43 PM IST

बड़कागांव, हजारीबाग: रोजगार और प्रदूषण को लेकर पंकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना का चेपाकला और चेपाखुर्द - लंगातू के पास ग्रामीणों ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग रोड को जाम कर दिया. सड़क जाम के दौरान भू-रैयत और ग्रामीण मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंस का पूर्ण अनुपालन किया. ग्रामीणों ने सुबह 4 बजे से ही सड़क को जाम कर दिया. इस कारण कोयले का ट्रांसपोर्टिंग लगभग 10 घंटे तक प्रभावित रहा और एनटीपीसी का करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. बड़कागांव के अंचलाधिकारी वैभव कुमार सिंह और बड़कागांव और डाड़ी कला पुलिस दोनों जाम स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को 22 जुलाई तक कंपनी और ग्रामीणों से वार्ता कराए जाने की शर्त पर सड़क जाम हटाया गया.

किसानों ने कहा कि प्रदूषण से बचाने और रोजगार की मांग कोल कंपनियों से वह डेढ़ साल से कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस संबंध में 12 जून को उपायुक्त समेत विभिन्न जनप्रतिनिधियों और विभागों को आवेदन देकर रोजगार की मांग को लेकर आवेदन दे चुके हैं. ग्रामीणों ने कहा कि उन लोगों ने 2 जुलाई तक मांग पूरा नहीं होने पर बृहद रूप पर आंदोलन करने की सूचना जिला प्रशासन को दी थी, लेकिन आज तक कोई पहल नहीं होने पर बाध्य हो कर वह लोग सड़क जाम करने को मजबूर हो गए. ग्रामीणों ने 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र वालों को रोजगार देने, सड़क, बिजली, पानी, अच्छे स्कूल और अस्पताल, स्कूल कॉलेज बस की व्यवस्था, खेल सामग्री और खेल मैदान की व्यवस्था, पायलोडिंग बंद कर, लेबर लोडिंग और लेबलिंग शुरू किया जाना, गांव के नाम पर डिओ का लाइसेंस दिया जाए.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ चल रही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम हेमंत भी शामिल, संशोधित एक्ट पर जताई आपत्ति


इस संबंध में एनटीपीसी के जीजीएम प्रशांत कश्यप ने कहा कि सड़क जाम से एनटीपीसी के साथ-साथ सरकार का भी भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों की मांग राज्य सरकार का काम है पूरा करना, क्योंकि देश और राज्य में बेरोजगारी का आलम है. उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन में एनटीपीसी देश की सेवा के लिए कोयला खनन कार्य जारी रखा है. बड़कागांव में हर एक व्यक्ति का अपने आप का कानून है. वहीं, त्रिवेणी सैनिक लिमिटेड के अधिकारी अरविंद देव ने कहा कि कंपनी ग्रामीणों से वार्ता करने के लिए सदैव तैयार हैं. कंपनी भी वार्ता करती रही है जो उचित होगा उसी के अनुसार किया जाएगा.

प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ ग्रामीणों की वार्ता के बाद ट्रांसपोर्टिंग सड़क जाम लगभग 2:00 बजे शुरू हो गया. ट्रांसपोर्टिंग शुरू होने के तुरंत बाद बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, बड़कागांव प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष विशेश्वर नाथ चौबे, विधायक प्रतिनिधि संजय कुमार सहित अन्य लोगों ने पहुंचकर ग्रामीणों के साथ पुनः ट्रांसपोर्टिंग कार्य को बंद करा दिया गया. इस अवसर पर विधायक अंबा प्रसाद ने ग्रामीणों से कहा कि बिना समझौता के उन लोगों ने ट्रांसपोर्टिंग कार्य को क्यों शुरू होने दिया. जब तक कंपनी लोगों के साथ समझौता नहीं करती है ट्रांसपोर्टिंग कार्य बंद रहेगा. इस मौके पर उपेंद्र कुमार, प्रभात ठाकुर, दिल चंद कुमार, आयुष कुमार, शंकर कुमार, उदय कुमार, सिकंदर कुमार, लक्ष्मण कुमार, सुनील कुमार, राम सागर कुमार, रवी कांत शर्मा, गोपाल शर्मा, विजय ठाकुर, ओम प्रकाश कुमार, सुनील महतो, होरिल ठाकुर, आदि मौजूदर रहे.

बड़कागांव, हजारीबाग: रोजगार और प्रदूषण को लेकर पंकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना का चेपाकला और चेपाखुर्द - लंगातू के पास ग्रामीणों ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग रोड को जाम कर दिया. सड़क जाम के दौरान भू-रैयत और ग्रामीण मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंस का पूर्ण अनुपालन किया. ग्रामीणों ने सुबह 4 बजे से ही सड़क को जाम कर दिया. इस कारण कोयले का ट्रांसपोर्टिंग लगभग 10 घंटे तक प्रभावित रहा और एनटीपीसी का करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. बड़कागांव के अंचलाधिकारी वैभव कुमार सिंह और बड़कागांव और डाड़ी कला पुलिस दोनों जाम स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को 22 जुलाई तक कंपनी और ग्रामीणों से वार्ता कराए जाने की शर्त पर सड़क जाम हटाया गया.

किसानों ने कहा कि प्रदूषण से बचाने और रोजगार की मांग कोल कंपनियों से वह डेढ़ साल से कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस संबंध में 12 जून को उपायुक्त समेत विभिन्न जनप्रतिनिधियों और विभागों को आवेदन देकर रोजगार की मांग को लेकर आवेदन दे चुके हैं. ग्रामीणों ने कहा कि उन लोगों ने 2 जुलाई तक मांग पूरा नहीं होने पर बृहद रूप पर आंदोलन करने की सूचना जिला प्रशासन को दी थी, लेकिन आज तक कोई पहल नहीं होने पर बाध्य हो कर वह लोग सड़क जाम करने को मजबूर हो गए. ग्रामीणों ने 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र वालों को रोजगार देने, सड़क, बिजली, पानी, अच्छे स्कूल और अस्पताल, स्कूल कॉलेज बस की व्यवस्था, खेल सामग्री और खेल मैदान की व्यवस्था, पायलोडिंग बंद कर, लेबर लोडिंग और लेबलिंग शुरू किया जाना, गांव के नाम पर डिओ का लाइसेंस दिया जाए.

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इस संबंध में एनटीपीसी के जीजीएम प्रशांत कश्यप ने कहा कि सड़क जाम से एनटीपीसी के साथ-साथ सरकार का भी भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों की मांग राज्य सरकार का काम है पूरा करना, क्योंकि देश और राज्य में बेरोजगारी का आलम है. उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन में एनटीपीसी देश की सेवा के लिए कोयला खनन कार्य जारी रखा है. बड़कागांव में हर एक व्यक्ति का अपने आप का कानून है. वहीं, त्रिवेणी सैनिक लिमिटेड के अधिकारी अरविंद देव ने कहा कि कंपनी ग्रामीणों से वार्ता करने के लिए सदैव तैयार हैं. कंपनी भी वार्ता करती रही है जो उचित होगा उसी के अनुसार किया जाएगा.

प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ ग्रामीणों की वार्ता के बाद ट्रांसपोर्टिंग सड़क जाम लगभग 2:00 बजे शुरू हो गया. ट्रांसपोर्टिंग शुरू होने के तुरंत बाद बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, बड़कागांव प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष विशेश्वर नाथ चौबे, विधायक प्रतिनिधि संजय कुमार सहित अन्य लोगों ने पहुंचकर ग्रामीणों के साथ पुनः ट्रांसपोर्टिंग कार्य को बंद करा दिया गया. इस अवसर पर विधायक अंबा प्रसाद ने ग्रामीणों से कहा कि बिना समझौता के उन लोगों ने ट्रांसपोर्टिंग कार्य को क्यों शुरू होने दिया. जब तक कंपनी लोगों के साथ समझौता नहीं करती है ट्रांसपोर्टिंग कार्य बंद रहेगा. इस मौके पर उपेंद्र कुमार, प्रभात ठाकुर, दिल चंद कुमार, आयुष कुमार, शंकर कुमार, उदय कुमार, सिकंदर कुमार, लक्ष्मण कुमार, सुनील कुमार, राम सागर कुमार, रवी कांत शर्मा, गोपाल शर्मा, विजय ठाकुर, ओम प्रकाश कुमार, सुनील महतो, होरिल ठाकुर, आदि मौजूदर रहे.

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