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हजारीबाग में तीन ट्रैक्टर नदी में जलमग्न, बालू का हो रहा था अवैध उठाव, बाल बाल बची 15 मजदूरों की जिंदगी

हजारीबाग के बड़कागांव में अवैध बालू खनन में लगे तीन ट्रैक्टर चोरका नदी के पानी में समा गए. खनन में लगे 15 मजदूर किसी तरह से वहां से सही सलामत निकल पाए.

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Published : Jul 30, 2022, 9:52 PM IST

Three tractors engaged in illegal sand mining in Hazaribag submerged in Chorka river
Three tractors engaged in illegal sand mining in Hazaribag submerged in Chorka river

हजारीबाग: बड़कागांव के शर्मा पंचायत के चोरका नदी में तीन ट्रैक्टर की जल समाधि हो गई. तीनों ट्रैक्टर पर अवैध तरीके से बालू लादा जा रहा था. इसी बीच अचानक हुई तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर पड़ गया और तीनों ट्रैक्टर तेज धार में समा गए. राहत वाली बात यह है कि नदी से बालू का अवैध खनन कर रहे 15 मजदूर समय रहते वहां से निकलने में सफल रहे. इस घटना ने बता दिया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है. एनजीटी के आदेश है कि मॉनसून के दौरान नदियों से बालू उठाव नहीं करना है.

झारखंड में बालू के अवैध ढुलाई का मामला आए दिन उठता है. इस पर जमकर राजनीति भी होती है. जिला प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप भी लगता है. विपक्ष की घेराबंदी के बीच पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया था कि राज्य में कहीं भी बालू का अवैध उठाव नहीं होने दिया जाएगा. उनके आदेश के बाद कई जिलों में कार्रवाई भी हुई. लेकिन समय के साथ सब कुछ पुराने ढर्रे पर लौटता दिख रहा है.

आपको बता दें कि चोर का नदी का जलस्तर कम होने के बाद जेसीबी की मदद से तीनों ट्रैक्टर को बाहर निकाला गया है. इस घटना ने बालू उठाव के अवैध खेल की पोल खोल दी है. खास बात है कि अभी तक इस गंभीर मामले में किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है.

हजारीबाग: बड़कागांव के शर्मा पंचायत के चोरका नदी में तीन ट्रैक्टर की जल समाधि हो गई. तीनों ट्रैक्टर पर अवैध तरीके से बालू लादा जा रहा था. इसी बीच अचानक हुई तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर पड़ गया और तीनों ट्रैक्टर तेज धार में समा गए. राहत वाली बात यह है कि नदी से बालू का अवैध खनन कर रहे 15 मजदूर समय रहते वहां से निकलने में सफल रहे. इस घटना ने बता दिया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है. एनजीटी के आदेश है कि मॉनसून के दौरान नदियों से बालू उठाव नहीं करना है.

झारखंड में बालू के अवैध ढुलाई का मामला आए दिन उठता है. इस पर जमकर राजनीति भी होती है. जिला प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप भी लगता है. विपक्ष की घेराबंदी के बीच पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया था कि राज्य में कहीं भी बालू का अवैध उठाव नहीं होने दिया जाएगा. उनके आदेश के बाद कई जिलों में कार्रवाई भी हुई. लेकिन समय के साथ सब कुछ पुराने ढर्रे पर लौटता दिख रहा है.

आपको बता दें कि चोर का नदी का जलस्तर कम होने के बाद जेसीबी की मदद से तीनों ट्रैक्टर को बाहर निकाला गया है. इस घटना ने बालू उठाव के अवैध खेल की पोल खोल दी है. खास बात है कि अभी तक इस गंभीर मामले में किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है.

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