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नकली विभागीय दस्तावेज बनाकर जारी है शराब का गोरखधंधा, मामले की हो रही है जांच

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Published : Nov 10, 2019, 8:42 AM IST

हजारीबाग जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्पाद विभाग ने 500 पेटी देसी शराब जब्त किया है. जब्त शराब की कीमत करीब 5 लाख है.

जब्त देसी शराब

हजारीबाग: जिले के उत्पाद विभाग ने शराब का एक बड़ा गोरखधंधा करने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. यह गैंग नकली दस्तावेज बनाकर शराब एक डिपो से दूसरे डिपो ट्रांसफर करने का काम करता है. उत्पाद विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 500 पेटी देसी शराब और एक गाड़ी जब्त किया है. इस पर विभाग का कहना है कि जब्त शराब करीब 5 लाख रूपये के हैं.

देखें पूरी खबर


जाली दस्तावेज बनाकर किया जाता काम
इस कार्रवाई पर विभाग का कहना है कि जब्त गाड़ी के ड्राइवर के पास से जो दस्तावेज प्राप्त हुए हैं वह जाली दस्तावेज हैं. हालांकि इसमें विभाग का मोहर और साइन भी किया हुआ है. ऐसे में इसकी जांच की जा रही है कि आखिर कागजात और डिजिटल साइन किया हुआ दस्तावेज डिपो से बाहर कैसे निकला. दस्तावेज में यह बताया गया है कि शराब कोडरमा डिपो से पलामू डिपो भेजी जा रही थी. वहीं जिस गाड़ी से शराब भेजी जा रही थी वह रांची के नंबर की गाड़ी है.

ये भी पढ़ें: दलबदलू नेताओं को लेकर कांग्रेस और जेवीएम में जुबानी जंग हुई तेज, बाबूलाल ने कांग्रेस को दी नसीहत


राजस्व की हो रही हेरा-फेरी
सहायक उत्पाद आयुक्त एके मिश्रा का कहना है कि जहां से शराब लोड किए जाने की बात ड्राइवर ने कही, वहां के अधिकारी और कर्मी बात से इनकार कर रहे हैं कि शराब वहां से निकली है. वहीं दूसरी ओर डाल्टेनगंज डिपो से भी बात की गयी तो उन्होंने कोई ऐसा पुख्ता प्रमाण नहीं दिया कि उनके यहां शराब आना है. लिहाजा कहीं न कहीं कागजात की हेराफेरी कर शराब का बड़ा खेल चल रहा है साथ ही राजस्व की भी चोरी हो रही है.


मामले की होगी जांच
इस रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसका पता तो नहीं चल पाया है लेकिन उत्पाद विभाग के वरीय पदाधिकारी दावा कर रहे हैं कि पूरे मामले की छानबीन की जाएगी और वरीय पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी जाएगी ताकि इस गिरोह में शामिल लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके.

हजारीबाग: जिले के उत्पाद विभाग ने शराब का एक बड़ा गोरखधंधा करने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. यह गैंग नकली दस्तावेज बनाकर शराब एक डिपो से दूसरे डिपो ट्रांसफर करने का काम करता है. उत्पाद विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 500 पेटी देसी शराब और एक गाड़ी जब्त किया है. इस पर विभाग का कहना है कि जब्त शराब करीब 5 लाख रूपये के हैं.

देखें पूरी खबर


जाली दस्तावेज बनाकर किया जाता काम
इस कार्रवाई पर विभाग का कहना है कि जब्त गाड़ी के ड्राइवर के पास से जो दस्तावेज प्राप्त हुए हैं वह जाली दस्तावेज हैं. हालांकि इसमें विभाग का मोहर और साइन भी किया हुआ है. ऐसे में इसकी जांच की जा रही है कि आखिर कागजात और डिजिटल साइन किया हुआ दस्तावेज डिपो से बाहर कैसे निकला. दस्तावेज में यह बताया गया है कि शराब कोडरमा डिपो से पलामू डिपो भेजी जा रही थी. वहीं जिस गाड़ी से शराब भेजी जा रही थी वह रांची के नंबर की गाड़ी है.

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राजस्व की हो रही हेरा-फेरी
सहायक उत्पाद आयुक्त एके मिश्रा का कहना है कि जहां से शराब लोड किए जाने की बात ड्राइवर ने कही, वहां के अधिकारी और कर्मी बात से इनकार कर रहे हैं कि शराब वहां से निकली है. वहीं दूसरी ओर डाल्टेनगंज डिपो से भी बात की गयी तो उन्होंने कोई ऐसा पुख्ता प्रमाण नहीं दिया कि उनके यहां शराब आना है. लिहाजा कहीं न कहीं कागजात की हेराफेरी कर शराब का बड़ा खेल चल रहा है साथ ही राजस्व की भी चोरी हो रही है.


मामले की होगी जांच
इस रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसका पता तो नहीं चल पाया है लेकिन उत्पाद विभाग के वरीय पदाधिकारी दावा कर रहे हैं कि पूरे मामले की छानबीन की जाएगी और वरीय पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी जाएगी ताकि इस गिरोह में शामिल लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके.

Intro:हजारीबाग उत्पाद विभाग ने शराब का एक बड़ा गोरखधंधा करने का नेटवर्क का पर्दाफाश किया है ।जिसमें नकली दस्तावेज बनाकर शराब एक शहर से दूसरे शहर भेजा जाता था। उत्पाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए 500 पेटी देसी शराब और एक गाड़ी जप्त किया है।


Body:हजारीबाग में उत्पाद विभाग के द्वारा शराब के अवैध कारोबार का बड़ा नेटवर्क का खुलासा हुआ है ।जिसमें नकली दस्तावेज बनाकर शराब एक डिपो से दूसरे डिपो ट्रांसफर करने की बात कही जा रही थी। विभाग का कहना है कि जो दस्तावेज प्राप्त हुए हैं वह जाली दस्तावेज है ।जिसमें विभाग का मोहर और साइन भी किया हुआ है। जिसकी जांच की जा रही है आखिर कागजात और डिजिटल साइन किया हुआ दस्तावेज डिपो से बाहर कैसे निकला ।दस्तावेज में यह बताया गया है कि शराब कोडरमा डिपो से पलामू डिपो भेजा जा रहा था। जिसमें रांची के नंबर की गाड़ी का उपयोग किया जा रहा था।पदाधिकारी का कहना है कि ₹5 लाख रूपये से अधिक का देसी शराब है।

दरअसल जांच के दौरान हजारीबाग के पद्मा पुलिस ने एक गाड़ी को पकड़ा और दस्तावेज की मांग की थी। जब पुलिस को ऐसा प्रतीत हुआ कि कहीं ना कहीं गड़बड़ी है तो उसने इसकी जानकारी विभाग को दी। विभाग में कार्रवाई करते हुए यह सफलता पाया है ।सहायक उत्पाद आयुक्त एके मिश्रा ने कहा कि जहां से शराब लोड किए जाने की बात कही जा रही है वहां के अधिकारी और कर्मी बात से इंकार कर रहे कि शराब यहां से निकला है। वहीं दूसरी ओर डाल्टेनगंज के डिपो से भी बात किया गया तो उन्होंने कोई ऐसा पुख्ता प्रमाण नहीं दिया कि उनके यहां शराब आना है। लिहाजा कहीं ना कहीं कागजात की हेराफेरी कर शराब का बड़ा खेल चल रहा है। साथ हि राजस्व की भी चोरी हो रही है।

byte.... ए के मिश्रा, सहायक उत्पाद, आयुक्त हजारीबाग


Conclusion:इस रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल है इसका पता तो नहीं चल पाया है ।लेकिन उत्पाद विभाग के वरीय पदाधिकारी ने दावा किया कि पूरे मामले की छानबीन की जाएगी और साथ ही साथ वरीय पदाधिकारी को इसकी जानकारी भी दी जाएगी ।
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