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विभागीय संवेदनहीनता के कारण टूटी नहर, असामाजिक तत्वों ने नहर का गेट किया था बंद: जांच टीम

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Published : Aug 31, 2019, 10:51 AM IST

Updated : Aug 31, 2019, 11:51 AM IST

झारखंड सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना में से एक कोनार सिंचाई परियोजना महज 16 घंटे के अंदर टूट जाने को लेकर पूरे सरकारी महकमे में खलबली मची हुई है. सरकार ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर 24 घंटे के अंदर जांच प्रतिवेदन मांगी थी. जिसके बाद टीम ने क्षेत्र भ्रमण कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

कोनार परियोजना का टूटा हुआ भाग

हजारीबाग: कोनार सिंचाई परियोजना उद्घाटन के महज 16 घंटे के अंदर नहर टूटने को लेकर सरकार सख्त दिखाई दे रही है. सरकार ने विभाग से 24 घंटे के अंदर जांच प्रतिवेदन सौंपने को कहा है. जिसके बाद तीन सदस्यीय जांच टीम हजारीबाग पहुंची और उसने क्षेत्र भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

देखें पूरी खबर


टीम ने 2 पेज की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि महज 28 मीटर नहर टूटी है और जहां नहर टूटी है वह तटबंध है. प्रतिवेदन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 10 किलोमीटर तक पक्का नहर बनाया गया है, इसके बाद नहर का हिस्सा कच्चा है. जांच प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा नहर का दरवाजा बंद कर दिया गया था. जिसके कारण 10 से 15 एकड़ खेतों में पानी घुस गया है, इस पानी से मकई की फसल बर्बाद हो गई.


जांच में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि चूहों के द्वारा नहर को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां से नहर शुरू होती है वहां से 32 किलोमीटर दूर कुसमराज पंचायत के घोसको गांव में यह घटना घटी है. अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय पदाधिकारी अगर संवेदनशील रहते तो शायद यह घटना नहीं घटती. वहीं अब अधिकारियों के ऊपर गाज गिरने की बात भी कही जा रही है.

ये भी देखें - आज जारी होगी NRC की अंतिम सूची, जानें पूरा विवरण


कोनार सिंचाई परियोजना 42 साल के बाद पूरी हुई थी. 28 अगस्त को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस परियोजना को राज्य की जनता के नाम किया था. हजारीबाग के बिष्णुगढ़ में भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था. सरकार ने लंबी चौड़ी उपलब्धि भी गिनाई थी. इस दौरान कई सांसद और विधायक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. ये योजना सरकार के लिए मान और सम्मान के साथ जुड़ी हुई है. ऐसे में नहर के एक हिस्से के टूटने से कई सवाल खड़े हुए हैं.

हजारीबाग: कोनार सिंचाई परियोजना उद्घाटन के महज 16 घंटे के अंदर नहर टूटने को लेकर सरकार सख्त दिखाई दे रही है. सरकार ने विभाग से 24 घंटे के अंदर जांच प्रतिवेदन सौंपने को कहा है. जिसके बाद तीन सदस्यीय जांच टीम हजारीबाग पहुंची और उसने क्षेत्र भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

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टीम ने 2 पेज की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि महज 28 मीटर नहर टूटी है और जहां नहर टूटी है वह तटबंध है. प्रतिवेदन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 10 किलोमीटर तक पक्का नहर बनाया गया है, इसके बाद नहर का हिस्सा कच्चा है. जांच प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा नहर का दरवाजा बंद कर दिया गया था. जिसके कारण 10 से 15 एकड़ खेतों में पानी घुस गया है, इस पानी से मकई की फसल बर्बाद हो गई.


जांच में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि चूहों के द्वारा नहर को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां से नहर शुरू होती है वहां से 32 किलोमीटर दूर कुसमराज पंचायत के घोसको गांव में यह घटना घटी है. अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय पदाधिकारी अगर संवेदनशील रहते तो शायद यह घटना नहीं घटती. वहीं अब अधिकारियों के ऊपर गाज गिरने की बात भी कही जा रही है.

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कोनार सिंचाई परियोजना 42 साल के बाद पूरी हुई थी. 28 अगस्त को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस परियोजना को राज्य की जनता के नाम किया था. हजारीबाग के बिष्णुगढ़ में भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था. सरकार ने लंबी चौड़ी उपलब्धि भी गिनाई थी. इस दौरान कई सांसद और विधायक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. ये योजना सरकार के लिए मान और सम्मान के साथ जुड़ी हुई है. ऐसे में नहर के एक हिस्से के टूटने से कई सवाल खड़े हुए हैं.

Intro:झारखंड सरकार की महत्वपूर्ण थी परियोजना में 1 कोनार सिंचाई परियोजना 24 घंटे के अंदर बह जाने को लेकर पूरे सरकारी महकमा में खलबली मची हुई है।


Body:उद्घाटन के 24 घंटे के अंदर कोनार सिंचाई परियोजना का नहर टूटने को लेकर सरकार सख्त है। सरकार ने विभाग से 24 घंटे के अंदर जांच प्रतिवेदन सौंपने को कहा है। इस बाबत तीन सदस्यीय जांच टीम हजारीबाग पहुंची और उसने क्षेत्र भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया है।

2 पेज की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि महज 28 मीटर नहर टूटी है। जो नहर टूटी है तटबंध है ।प्रतिवेदन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 10 किलोमीटर तक पक्का नाहर बनाया गया है ।इसके बाद नहर का हिस्सा कच्चा है ।विभागीय लापरवाही के कारण घटना घटी है। जांच प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा नहर का दरवाजा बंद कर दिया गया। जिससे पानी भर गई और खेतों में जा घुसी। 10 से 15 एकड़ में खेतों में पानी घुसा है ।जिसमें मकई और धान की खेती हुई थी। जिसमें मकई की फसल बर्बाद हो गई और धान की फसल में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।

जांच में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि चूहों के द्वारा नहर को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है ।जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां से चैनल शुरू होता है वहां से 32 किलोमीटर और जहां नहर खुलती है वहां से 16 किलोमीटर पर यह घटना घटी है। घटना कुसमराज पंचायत के घोसको गांव की है।

अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय पदाधिकारी अगर संवेदनशील रहते तो शायद यह घटना नहीं घटती ।वहीं अब अधिकारियों के ऊपर गाज गिरने की बात भी कही जा रही है।

byte... अशोक सिंह ,मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग


Conclusion:बताते चलें कि कोनार सिंचाई परियोजना 42 साल के बाद पूरी हुई। 28 अगस्त को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस परियोजना को राज्य की जनता के नाम किया था। इस बाबत हजारीबाग के बिष्णुगढ़ में भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। सरकार ने लंबी चौड़ी उपलब्धि गिनाई थी। इस दौरान कई सांसद और विधायक भी कार्यक्रम में हिस्सा लिए थे ।इस योजना सरकार के लिए मान और सम्मान के साथ जुड़ी हुई है ।ऐसे में नहर का एक हिस्सा टुट जाना कई सवाल तो जरूर खड़ा करता है ।अब देखने वाली बात होगी अधिकारियों पर गाज गिरती है।
Last Updated : Aug 31, 2019, 11:51 AM IST
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