हजारीबागः जिला में अवैध क्रशर पर प्रशासन ने शिकंजा कसा है. जिला खनन विभाग की कार्रवाई में 6 अवैध रूप से संचालित क्रशर को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया है. ये सभी अवैध क्रशर इको सेंसिटिव जोन में धड़ल्ले से चल रहे थे.
हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय और पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे के निर्देश पर इचाक थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में अवैध क्रशर को लेकर औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान बोंगा मौजा में ही 6 अवैध क्रेशर संचालित पाए गए. जहां से पत्थर अवैध रूप से हजारीबाग और बिहार के कई इलाकों में भेजे जाते थे. यहां तक की यह क्रशर इको सेंसिटिव जोन में भी पड़ते हैं. ऐसे में खनन विभाग की टीम ने सभी अवैध क्रशर को जेसीबी के मदद से ध्वस्त कर दिया. इको सेंसिटिव जोन में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होना है और ना ही वहां कल कारखाना खोलना है. इसके बावजूद धड़ल्ले से प्रतिबंधित क्षेत्र में भी क्रशर चलाए जा रहे हैं.
हजारीबाग में अवैध उत्खनन जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. खासकर के इचाक का क्षेत्र अवैध उत्खनन के लिए पूरे राज्य भर में जाना जाता है. जहां जिला प्रशासन समय-समय पर अभियान चलाकर अवैध क्रशर ध्वस्त भी करती है. लेकिन कुछ महीने के अंदर ही फिर से क्रशर तैयार कर दिए जाते हैं. ऐसा बताया जाता है कि इचाक से ही केवल करोड़ों रुपया का अवैध पत्थर का व्यवसाय चल रहा है. यहां के व्यवसायियों का लिंक सफेद पोश से लेकर पदाधिकारी तक है. इस कारण अवैध उत्खनन और क्रशर मालिकों पर कार्रवाई न के बराबर होती है.
जिला में अवैध उत्खनन को रोकने के लिए टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है. समय-समय पर राज्य सरकार की ओर से भी दिशा निर्देश निर्गत किया जाता है. इसके बावजूद अवैध पत्थर का व्यवसाय धड़ल्ले से इन इलाकों में चल रहा है.
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