हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के लिए आज का दिन बेहद खास रहा. देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई से 2 बड़े वैज्ञानिक एक दिवसीय सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए विश्वविद्यालय पहुंचे. सेमिनार का विषय 'परमाणु ऊर्जा शांति, शक्ति और समृद्धि के लिए' था. इस दौरान पहुंचे वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण बातें university college of engineering and technology के छात्रों के साथ साझा की ताकि उन्हें भी एटॉमिक एनर्जी के बारे में जानकारी मिले.
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हजारीबाग में बुधवार को विनोबा भावे विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के छात्रों के लिए सेमिनार आयोजित किया गया. इसमें शामिल होने के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई के 2 वैज्ञानिक डॉ. ललित वासनी और डॉक्टर आरके सिंह के हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय पहुंचे. इस दौरान वैज्ञानिकों ने अपनी बातें रखीं और बताया कि कैसे परमाणु ऊर्जा महत्वपूर्ण है. वैज्ञानिकों ने छात्र-छात्राओं को की महत्वपूर्ण जानकारी दी. साइंटिस्ट ललित वासनी ने कहा कि साइंटिस्ट कम्युनिटी और यूनिवर्सिटी का समाज में महत्वपूर्ण योगदान है. न्यूक्लियर सोसाइटी ऑफ इंडिया के पूर्व सचिव आरके सिंह ने बताया कि कैसे परमाणु ऊर्जा का उपयोग समाज के विकास में कर सकते हैं. साथ ही साथ भाभा रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर रंजन शरण ऑनलाइन जुड़े रहे. इन्होंने भारत के पहले न्यूक्लियर रिएक्टर प्रेशराइज हैवी वाटर की जानकारी दी.
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कुलपति भी काम कर चुके हैं रिसर्च सेंटर में
कार्यक्रम समन्वयक अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि आज का दिन बहुत खास है. इस दिन विश्वविद्यालय के छात्रों को राष्ट्र नायक वैज्ञानिकों से सीधा वार्ता करने का मौका मिला. ऐसा पहली बार हुआ है कि भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक हजारीबाग में सेमिनार में आए हैं. उन्होंने इसका श्रेय कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव को दिया, जो भाभा अनुसंधान केंद्र में साइंटिस्ट रह चुके हैं.