हजारीबाग: जिले को टीबी और कुष्ठ रोग से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कार्यक्रम शुरू होने वाला है. 1 जुलाई से 14 जुलाई तक चलने वाली समेकित यक्ष्मा और कुष्ठ रोग खोज अभियान के तहत घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी मरीजों को चिन्हित करेंगे और उनका इलाज करेगें. इस बाबत की तैयारी पूरी कर ली गई है.
क्षेत्र को पूर्ण रूप से टीबी से मुक्त कराने और कुष्ठ रोगियों को खोज अभियान को सफल बनाने के लिए हजारीबाग सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने तैयारी कर ली है. इस बाबत 20 लाख 35 हजार लाभार्थियों के घर जा जाकर स्कैनिंग की जाएगी. इस अभियान में जिला एवं प्रखंड स्तर पर कुल लगभग 2 लाख 80 हजार हाउस होल्डर को कवर किया जाना है. जिसमें कुल 1995 टीम 364 सुपरवाइजर को लगाया जाएगा. इस अभियान के तहत जांच एवं उपचार की सुविधा सभी सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में दी जाएगी.
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इसके तहत एक टीम में एक सहिया है एवं एक पुरुष कार्यकर्ता लगाया जाएगा ताकि सभी का स्क्रीनिंग की जा सकी. राज्य सरकार के इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य को टीबी मुक्त किया जा सके. इसके साथ जो कुष्ठ रोगी है उन्हें समुचित सुविधा दी जा सके.सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार का कहना है कि समाज में जागरूकता की कमी है इस कारण जिन्हें टीवी है वह इलाज कराने अस्पताल नहीं पहुंचते हैं. इसके अलावा कुष्ठ रोगी भी खुलकर अपनी बात नहीं रखते हैं. इसलिए यह अभियान चलाया जा रहा है.उन्होंने हजारीबाग वासियों से अपील भी किया है कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लें और आसपास के लोगों को भी जागरूक करें.