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छात्रों को आकर्षित करने के लिए बनाया गया 'ट्रेन वाला स्कूल', घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में यह अनोखी पहल - हजारीबाग में स्कूल को बनाया गया ट्रेन

ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में छात्रों की उपस्थिति अच्छी हो इसे देखते हुए सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के स्कूलों ने छात्रों को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाया है. उसी क्रम में हजारीबाग के अंगो थाना के उत्क्रमित उच्च विद्यालय के बच्चों को आकर्षित करने के लिए पूरे स्कूल को ट्रेन की शक्ल दी गई है, ताकि बच्चे आकर्षित हों और स्कूल आए. ऐसे में बच्चों की संख्या भी बड़ी है और बच्चे आकर्षित होकर स्कूल भी आ रहे हैं.

छात्रों को आकर्षित करने के लिए बनाया गया 'ट्रेन वाला स्कूल', घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में यह अनोखी पहल
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Published : Jan 18, 2020, 2:57 PM IST

हजारीबाग: जिला प्रशासन के सामने सरकारी स्कूल में छात्रों की उपस्थिति ना होना एक चिंता का विषय रहा है. हाल के दिनों में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या भी हजारीबाग में बढ़ी है. ऐसे में जिला प्रशासन छात्रों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. इसी के तहत अंगो थाना अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय को ट्रेन की शक्ल दी गई है, ताकि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंचे.

देखें पूरी खबर

बच्चे काफी खुश

ऐसे में छात्र भी काफी खुश हैं उनका कहना है कि वे कभी भी ट्रेन नहीं देखे थे क्योंकि वे गांव में रहते हैं. ऐसे में ट्रेन बनाया गया है और उनको ऐसा लगता है कि वह ट्रेन में बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं. दूसरी ओर अन्य छात्राओं का यह भी कहना है कि ऐसा करने से स्कूल की सुंदरता भी बढ़ी है और सबसे अहम बात है कि हर कोच का नाम महापुरुषों के नाम पर रखी गई है, जिससे बच्चों को महापुरुषों के बारे में भी जानकारी मिल रही है.

और पढ़ें- ट्विटर पर CM से की गई शिकायत, एक्शन में आएं DC जांच के लिए पहुंचे ईचाकडीह

स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी

स्कूल के प्राचार्य कहते हैं कि उन्हें विभाग की ओर से यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है कि बच्चों की संख्या स्कूल में कम नहीं होनी चाहिए. ऐसे में वे कई तरह के कदम उठा रहे हैं. उसी कड़ी में पूरे स्कूल को ट्रेन कि शक्ल दी गई है. प्राचार्य का कहना है कि इससे दो फायदा हो रहा है कि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंच रहे हैं और कोच का नाम महापुरुषों के नाम पर रखा गया है, तो उनकी जीवनी भी जान रहे हैं. उनका कहना है कि घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में बच्चे स्कूल बहुत कम आते थे, लेकिन जब से हम लोगों ने ट्रेन बनाया है छात्रों की संख्या बढ़ी है.

हजारीबाग: जिला प्रशासन के सामने सरकारी स्कूल में छात्रों की उपस्थिति ना होना एक चिंता का विषय रहा है. हाल के दिनों में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या भी हजारीबाग में बढ़ी है. ऐसे में जिला प्रशासन छात्रों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. इसी के तहत अंगो थाना अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय को ट्रेन की शक्ल दी गई है, ताकि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंचे.

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बच्चे काफी खुश

ऐसे में छात्र भी काफी खुश हैं उनका कहना है कि वे कभी भी ट्रेन नहीं देखे थे क्योंकि वे गांव में रहते हैं. ऐसे में ट्रेन बनाया गया है और उनको ऐसा लगता है कि वह ट्रेन में बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं. दूसरी ओर अन्य छात्राओं का यह भी कहना है कि ऐसा करने से स्कूल की सुंदरता भी बढ़ी है और सबसे अहम बात है कि हर कोच का नाम महापुरुषों के नाम पर रखी गई है, जिससे बच्चों को महापुरुषों के बारे में भी जानकारी मिल रही है.

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स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी

स्कूल के प्राचार्य कहते हैं कि उन्हें विभाग की ओर से यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है कि बच्चों की संख्या स्कूल में कम नहीं होनी चाहिए. ऐसे में वे कई तरह के कदम उठा रहे हैं. उसी कड़ी में पूरे स्कूल को ट्रेन कि शक्ल दी गई है. प्राचार्य का कहना है कि इससे दो फायदा हो रहा है कि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंच रहे हैं और कोच का नाम महापुरुषों के नाम पर रखा गया है, तो उनकी जीवनी भी जान रहे हैं. उनका कहना है कि घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में बच्चे स्कूल बहुत कम आते थे, लेकिन जब से हम लोगों ने ट्रेन बनाया है छात्रों की संख्या बढ़ी है.

Intro:ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में छात्रों की उपस्थिति अच्छी हो इसे देखते हुए सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के स्कूलों ने छात्रों को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाया हैं ।उसी क्रम में अंगो थाना अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय के बच्चों को आकर्षित करने के लिए पूरे स्कूल को ट्रेन की शक्ल दी गई है। ताकि बच्चे आकर्षित हो और स्कूल आए ।ऐसे में बच्चों की संख्या भी बड़ी है और बच्चे आकर्षित होकर स्कूल भी आ रहे हैं।


Body:जिला प्रशासन के सामने सरकारी स्कूल में छात्रों की उपस्थिति ना होना एक चिंता का विषय रहा है। हाल के दिनों में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या भी हजारीबाग में बढ़ी है। ऐसे में जिला प्रशासन छात्रों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं ।इसी के तहत आंगै थाना अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय को ट्रेन की शक्ल दी गई है। ताकि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंचे।

ऐसे में छात्र भी काफी खुश हैं उनका कहना है कि हम कभी भी ट्रेन नहीं देखे हैं क्योंकि हम गांव में रहते हैं ।ऐसे में ट्रेन बनाया गया है और हम लोगों को ऐसा लगता है कि हम ट्रेन में बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं ।तो दूसरी ओर अन्य छात्रा का यह भी कहना है कि ऐसा करने से स्कूल की सुंदरता भी बढ़ी है और सबसे अहम बात है कि हर कोच का नाम महापुरुषों के नाम पर रखी गई है जिससे हमें महापुरुषों के बारे में भी जानकारी मिल रही है।

स्कूल के प्राचार्य कहते हैं कि हम लोगों को विभाग के द्वारा यह दिशा निर्देश जारी किया गया है कि बच्चों की संख्या स्कूल में कम नहीं होनी चाहिए। ऐसे में हम कई तरह के कदम उठा रहे हैं। उसी कड़ी में पूरे स्कूल को ट्रेन कि शक्ल दी गई है ।इससे दो फायदा हो रहा है कि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंच रहे हैं और कोच का नाम महापुरुषों के नाम पर रखा गया है तो उनकी जीवनी भी जान रहे हैं। उनका कहना है कि घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में बच्चे स्कूल बहुत कम आते थे, लेकिन जब से हम लोगों ने ट्रेन बनाया है छात्रों की संख्या बढ़ी है।

byte.... नेहा कुमारी छोटी वाली छात्रा
byte... पुष्पा कुमारी बड़ी वाली छात्रा
byte.... प्रेमचंद महतो ,प्रभारी ,उत्क्रमित उच्च विद्यालय अंगों हजारीबाग


Conclusion: कहा जाए तो स्कूल प्रबंधन के द्वारा जो कदम उठाया गया है यह सराहनीय है। ऐसे में जहां बच्चे स्कूल भी आ रहे हैं और शिक्षा भी पा रहे हैं तो दूसरी ओर अपने महापुरुषों के बारे में जानकारी भी इकट्ठा कर रहे हैं।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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