हजारीबाग: आयुष्मान भारत में बड़ा घोटाला होने का मामला हजारीबाग में सामने आया है, जहां एक मृत्त व्यक्ति को 25 दिनों तक आईसीयू में रखकर इलाज करने का क्लेम किया गया, बाद में जब पता चला तो अस्पताल को लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत हजारीबाग जिले में शुरू से ही विवादों में रही है. अब एक नया विवाद भी सामने आया है, जहां एक मरीज को 27 सितंबर 2019 को हजारीबाग के क्षितिज अस्पताल में एडमिट कराया गया. बड़कागांव निवासी मोतीराम आयुष्मान भारत योजना के तहत अपने टूटे हुए पैर में हुए इन्फेक्शन का इलाज करा रहे थे. 29 सितंबर को अस्पताल में उनकी मौत हो गई, अस्पताल प्रशासन ने उनके परिजनों को उनका शव भी 29 सितंबर को सौंप दिया गया, लेकिन अस्पताल ने कागजात में मोतीराम को 28 अक्टूबर तक आईसीयू में ही भर्ती दिखाया. जैसे ही योजना के कोऑर्डिनेटर को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने मामले की पड़ताल की और इसकी जानकारी सीएस कार्यालय और इंश्योरेंस कंपनी को दिया, जिन्होंने आकर अस्पताल में जांच किया तो पाया 27 दिन पहले ही मोतीराम की मौत हो गई है. इस बात की जानकारी राज्य सरकार को दी गई, जिसके बाद अस्पताल को नोटिस दिया गया. इस मामले में अस्पताल पर कार्वाई की गई.
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इसे लेकर हजारीबाग सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि हम लोगों को जानकारी मिली थी, जिसके बाद मामले की जांच की गई और राज्य सरकार को भी इसकी जानकारी दी गई. विभाग ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल पर जुर्माना लगाया. जुर्माना के बाद अस्पताल को फिर से आयुष्मान भारत योजना का लाइसेंस दे दिया गया.
अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि कंप्यूटर ऑपरेटर के लापरवाही के कारण ऐसी घटना घटी है. हमने इंश्योरेंस कंपनी से किसी भी तरह का पैसा क्लेम नहीं किया है. उन्होंने बताया कि 5 लाख 40 हजार रुपया का जुर्माना किया गया था, जिसे अस्पताल प्रबंधन ने चुका दिया है . उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की समस्या ना हो इसे लेकर सावधानी बरती जाएगी.