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डॉक्टरों ने 25 दिनों तक लाश को ICU में रखा! पता चला तो लगा 5.40 लाख का जुर्माना - Falsification in hazaribag ksitij hospital

हजारीबाग में आयुष्मान भारत के तहत एक अस्पताल ने फर्जीवाड़ा किया है. क्षितिज अस्पताल में भर्ती पेशेंट की मौत के बाद भी उसे कागज पर 25 दिनों तक आईसीयू में भर्ती दिखाया गया. इस मामले में जांच के बाद अस्पताल प्रशासन पर भारी जुर्माना भरना पड़ा.

Scam of millions in Ayushman Bharat scheme in hazaribag
आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ झाला
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Published : Jan 22, 2020, 4:44 PM IST

हजारीबाग: आयुष्मान भारत में बड़ा घोटाला होने का मामला हजारीबाग में सामने आया है, जहां एक मृत्त व्यक्ति को 25 दिनों तक आईसीयू में रखकर इलाज करने का क्लेम किया गया, बाद में जब पता चला तो अस्पताल को लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

देखें पूरी खबर

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत हजारीबाग जिले में शुरू से ही विवादों में रही है. अब एक नया विवाद भी सामने आया है, जहां एक मरीज को 27 सितंबर 2019 को हजारीबाग के क्षितिज अस्पताल में एडमिट कराया गया. बड़कागांव निवासी मोतीराम आयुष्मान भारत योजना के तहत अपने टूटे हुए पैर में हुए इन्फेक्शन का इलाज करा रहे थे. 29 सितंबर को अस्पताल में उनकी मौत हो गई, अस्पताल प्रशासन ने उनके परिजनों को उनका शव भी 29 सितंबर को सौंप दिया गया, लेकिन अस्पताल ने कागजात में मोतीराम को 28 अक्टूबर तक आईसीयू में ही भर्ती दिखाया. जैसे ही योजना के कोऑर्डिनेटर को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने मामले की पड़ताल की और इसकी जानकारी सीएस कार्यालय और इंश्योरेंस कंपनी को दिया, जिन्होंने आकर अस्पताल में जांच किया तो पाया 27 दिन पहले ही मोतीराम की मौत हो गई है. इस बात की जानकारी राज्य सरकार को दी गई, जिसके बाद अस्पताल को नोटिस दिया गया. इस मामले में अस्पताल पर कार्वाई की गई.

इसे भी पढ़ें:- पलामू DC ने ट्रेन में लगाई 'जनता दरबार', साथ सफर कर रही 3 छात्राओं के लिए दिया ये आदेश

इसे लेकर हजारीबाग सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि हम लोगों को जानकारी मिली थी, जिसके बाद मामले की जांच की गई और राज्य सरकार को भी इसकी जानकारी दी गई. विभाग ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल पर जुर्माना लगाया. जुर्माना के बाद अस्पताल को फिर से आयुष्मान भारत योजना का लाइसेंस दे दिया गया.

अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि कंप्यूटर ऑपरेटर के लापरवाही के कारण ऐसी घटना घटी है. हमने इंश्योरेंस कंपनी से किसी भी तरह का पैसा क्लेम नहीं किया है. उन्होंने बताया कि 5 लाख 40 हजार रुपया का जुर्माना किया गया था, जिसे अस्पताल प्रबंधन ने चुका दिया है . उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की समस्या ना हो इसे लेकर सावधानी बरती जाएगी.

हजारीबाग: आयुष्मान भारत में बड़ा घोटाला होने का मामला हजारीबाग में सामने आया है, जहां एक मृत्त व्यक्ति को 25 दिनों तक आईसीयू में रखकर इलाज करने का क्लेम किया गया, बाद में जब पता चला तो अस्पताल को लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

देखें पूरी खबर

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत हजारीबाग जिले में शुरू से ही विवादों में रही है. अब एक नया विवाद भी सामने आया है, जहां एक मरीज को 27 सितंबर 2019 को हजारीबाग के क्षितिज अस्पताल में एडमिट कराया गया. बड़कागांव निवासी मोतीराम आयुष्मान भारत योजना के तहत अपने टूटे हुए पैर में हुए इन्फेक्शन का इलाज करा रहे थे. 29 सितंबर को अस्पताल में उनकी मौत हो गई, अस्पताल प्रशासन ने उनके परिजनों को उनका शव भी 29 सितंबर को सौंप दिया गया, लेकिन अस्पताल ने कागजात में मोतीराम को 28 अक्टूबर तक आईसीयू में ही भर्ती दिखाया. जैसे ही योजना के कोऑर्डिनेटर को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने मामले की पड़ताल की और इसकी जानकारी सीएस कार्यालय और इंश्योरेंस कंपनी को दिया, जिन्होंने आकर अस्पताल में जांच किया तो पाया 27 दिन पहले ही मोतीराम की मौत हो गई है. इस बात की जानकारी राज्य सरकार को दी गई, जिसके बाद अस्पताल को नोटिस दिया गया. इस मामले में अस्पताल पर कार्वाई की गई.

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इसे लेकर हजारीबाग सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि हम लोगों को जानकारी मिली थी, जिसके बाद मामले की जांच की गई और राज्य सरकार को भी इसकी जानकारी दी गई. विभाग ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल पर जुर्माना लगाया. जुर्माना के बाद अस्पताल को फिर से आयुष्मान भारत योजना का लाइसेंस दे दिया गया.

अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि कंप्यूटर ऑपरेटर के लापरवाही के कारण ऐसी घटना घटी है. हमने इंश्योरेंस कंपनी से किसी भी तरह का पैसा क्लेम नहीं किया है. उन्होंने बताया कि 5 लाख 40 हजार रुपया का जुर्माना किया गया था, जिसे अस्पताल प्रबंधन ने चुका दिया है . उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की समस्या ना हो इसे लेकर सावधानी बरती जाएगी.

Intro:आयुष्मान भारत में बड़ा घोटाला होने का मामला हजारीबाग में प्रकाश में आया है। जहां एक मृत्त व्यक्ति को 25 दिनों तक आईसीयू में रखकर इलाज करने का क्लेम किया गया। बाद में जब पता चला तो अस्पताल को लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया है।


Body:भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत हजारीबाग जिले में शुरू से ही विवादों में रही है ।अब एक नया विवाद प्रकाश में आया है। जहां एक मरीज को 27 सितंबर 2019 को हजारीबाग के क्षितिज अस्पताल में एडमिट किया गया। बड़कागांव निवासी मोतीराम आयुष्मान भारत योजना से अपने टूटे हुए पैर में हुए इन्फेक्शन का इलाज करा रहे थे। 29 सितंबर को उनकी मौत हो गई। उनके परिजनों को उनका शव भी 29 सितंबर को सौंप दिया गया। लेकिन अस्पताल के द्वारा 28 अक्टूबर तक आईसीयू में भर्ती दिखाया गया और योजना का साइट पर अपलोड करता रहा। जैसे ही योजना के कोऑर्डिनेटर को जानकारी हुई तो उसने मामले की पड़ताल की और उन्होंने इसकी जानकारी सीएस कार्यालय और इंसुरेंस कंपनी को दिया। जिन्होंने आकर अस्पताल में जांच किया पपाया 27 दिन पहले ही उसकी मौत हो गई है ।इस बात की जानकारी राज्य सरकार को सूचित किया गया और संस्थान को नोटिस किया गया। विभाग के द्वारा अस्पताल पर जुर्माना भी लगाया गया और कुछ दिनों के लिए अस्पताल को योजना से सस्पेंड कर दिया गया ।

इस बात पर हजारीबाग सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि हम लोगों को जानकारी मिली थी। इस बाबत जांच किया गया और हम लोगों ने राज्य सरकार को भी इसकी जानकारी दिया। विभाग के द्वारा कार्रवाई भी किया गया और जुर्माना लगाया गया है ।साथ ही साथ जांच में यह पाया भी गया था कि मृत व्यक्ति को 25 दिनों तक आईसीयू में रखकर इलाज कराने का क्लेम किया गया। सरकार के द्वारा जुर्माना के बाद अस्पताल को पुनः लाइसेंस आयुष्मान भारत योजना का दे दिया गया है। जहां योजना अभी चल भी रही है।

तो दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि कंप्यूटर ऑपरेटर के लापरवाही के कारण ऐसी घटना घटी है ।हमने इंश्योरेंस कंपनी से किसी भी तरह का पैसा क्लेम नहीं किया है। ₹5 लाख 40 हजार रुपया का जुर्माना किया गया था वह अस्पताल प्रबंधन ने दे दिया है ।उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की समस्या ना हो इसे देखते हुए हम लोग भी अब सावधान है और अपनी भी नजर ऑपरेटरों पर रखे हैं कि इस तरह की गलती ना करें।

byte.... डॉ कृष्ण कुमार ,सिविल सर्जन सदर अस्पताल हजारीबाग
byte... अंजनी पाठक, प्रबंधक, क्षितिज अस्पताल हजारीबाग


Conclusion:कहीं ना कहीं मामला काफी संवेदनशील है कि आखिर गड़बड़ी कैसे हुई ।यह एक ओर इशारा भी कर रहा है कि हजारीबाग में जितने भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ जो अस्पताल दे रहे हैं वहा भी इस तरह का गड़बड़झाला तो नहीं है ।जरूरत है वैसे अस्पताल जो आयुष्मान भारत के तहत सेवा दे रहे हैं वहां जांच करने की ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग

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