हजारीबाग : विस्थापितों की समस्याओं को लेकर 7 नवंबर को सीपीआई, सीपीएम माले, मासस, राजद और कांग्रेस समेत 15 जन संगठन रांची में धरना प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता राजभवन मार्च करेंगे. सीपीआई के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया.
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हजारीबाग के पूर्व सांसद और सीपीआई के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 7 मार्च को राजभवन के समक्ष सीपीआई, सीपीएम, माले, मासस, राजद, कांग्रेस सहित झारखंड के 15 जन संगठन धरना प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद राजभवन मार्च किया जाएगा. झारखंड राज्य में विस्थापित और प्रभावित के मामले बड़े पैमाने पर नजर आ रहे हैं. पिछले 21 वर्षों से केंद्र और राज्य सरकार विस्थापित और प्रभावित लोगों के आंदोलनों की अनदेखी कर रही है. उनके हक और अधिकार लौटाने के बजाय उन्हें और उनके परिवारों का बेघर करके शोषण किया जा रहा है जिसके खिलाफ यह आंदोलन है.
यह हैं मांगें
भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने मांग की कि राज्य सरकार विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए विस्थापन आयोग का गठन करे, जिससे प्रभावितों को उचित रोजगार और बेहतर मुआवजा मिल सके. 2012 से बंद गैरमजरूआ भूमि की रसीद को पुनः काटने के लिए सरकार आदेश दे. राज्य में अवैध तरीके से हजारों एकड़ बंदोबस्त भूमि की बंदोबस्ती रद्द की जाए जिसकी जांच भी ससमय पूरी कई जाए.
सीपीआई सचिव ने दी चेतावनी
सीपीआई के राज्य सचिव ने उन तमाम संगठन से एकजुट होने की अपील की है जो पिछले कई सालों से झारखंड में विस्थापित प्रभावित के लिए आंदोलन कर रहे हैं. वहीं उन्होंने आगामी नवंबर माह तक राज्य सरकार से विस्थापन आयोग के गठन सहित विस्थापन प्रभावितों के 23 मांगों पर विचार नहीं करने पर विशाल आंदोलन की चेतावनी दी.