हजारीबागः दामोदर वैली कॉर्पोरेशन के आपूर्ति क्षेत्र में बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है. इन जिलों में सात से आठ घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. वहीं 16 से 17 घंटे बिजली गुल रहती है. डीवीसी की मनमानी से परेशान जनप्रतिनिधि और अधिकारी विकल्प तलाशने में जुटे हैं. सदर विधायक मनीष जायसवाल ने दो विकल्प बिजली विभाग को दिये हैं. पहला डीवीसी को सरकार खरीद ले और संचालन अपने हाथ में रखें. दूसरा, एनटीपीसी के नेशनल ग्रिड के जरिए बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें. इसको लेकर सिर्फ 23 बिजली पोल की आवश्यकता होगी.
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डीवीसी हजारीबाग के साथ साथ कोडरमा, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिले में बिजली आपूर्ति करती है. इन सभी जिलों में बिजली की आंख मिचौली से लोग परेशान है. बिजली व्यवस्था ठप होने का सवाल विधानसभा में भी उठाया गया. इसके साथ ही सड़क पर भी विरोध किया जा रहा है और सरकार से मांग की जा रही है कि बिजली व्यवस्था दुरुस्त की जाए.
केंद्र सरकार मदद को है तैयार
सदर विधायक मनीष जायसवाल ने विभाग के सामने दो प्रस्ताव रखा है. विधायक ने कहा है कि सरकार डीवीसी को अपने हाथ में ले लेती है तो उसकी मनमानी नहीं चलेगी और लोगों को निर्बाध बिजली मिलेगी. उन्होंने कहा कि समय के साथ डीवीसी के स्वरूप में बदलाव हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डीवीसी को लेने के लिए आगे बढ़ेगी तो केंद्र सरकार मदद करेगी.
सरकार नहीं होगी गंभीर तो करेंगे आंदोलन
मनीष जयसवाल ने कहा कि एनटीपीसी बिजली निर्माता कंपनी है. यह कंपनी वितरण नहीं करती है. उन्होंने कहा कि 23 बिजली पोल लगा दिये जाते हैं तो नेशनल ग्रिड से बिजली हजारीबाग को मिलने लगेगी. इससे डीवीसी पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के पदाधिकारियों से बात हुई है. सरकार गंभीर होगी तो 2 से 3 महीने के अंदर इस समस्या का निदान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार बिजली समस्या को लेकर गंभीर नहीं होती है तो जन आंदोलन किया जाएगा.