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हजारीबागः कोचिंग बंद कराने का छात्रों ने किया विरोध, सड़कों पर उतरकर जताया आक्रोश - कोचिंग बंद करने के फैसले का छात्रों ने किया विरोध

हजारीबाग में कोचिंग बंद करने के सरकार के आदेश के खिलाफ छात्र व कोचिंग संचालक सड़कों पर उतर आए हैं. सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है. छात्रों ने हजारीबाग के मटवारी में कोरा चौक पर जमकर हंगामा किया.

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Published : Apr 9, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 10:21 PM IST

हजारीबागः शहर में छात्र और कोचिंग संचालक सड़क पर उतरे हैं और वे कोचिंग बंद कराने को लेकर विरोध दर्ज करा रहे हैं. राज्य सरकार ने आदेश निर्गत किया है कि सभी शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद किए जाएंगे. इसके बाद हजारीबाग में कोचिंग संस्थान और छात्रों ने इस आदेश का विरोध किया है. इस दौरान छात्रों ने भारी हंगामा किया. सुरक्षा को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स लगाया गया.

यह भी पढे़ंः झारखंड के सभी सिविल कोर्ट में वर्चुअल मोड में होगी सुनवाई, फिजिकल कोर्ट बंद

छात्र और जिला प्रशासन के बीच तू-तू ,मैं-मैं होती रही. 8 घंटों तक पूरा हजारीबाग अस्त-व्यस्त रहा. कई बार पुलिस को सख्ती भी बरतनी पड़ी. बेकाबू छात्रों ने पुलिस पर प्लास्टिक की बोतल भी फेंकी और जमकर सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रशासन के समझाने के बावजूद उन लोगों ने कई जगह सड़क जाम किया. ऐसे में पुलिस-प्रशासन की ओर से भी सख्ती की गई और अंत में लाठीचार्ज कर छात्रों को तितर-बितर किया गया.

क्या है पूरा मामला

झारखंड सरकार ने आदेश निर्गत किया है कि कोरोना वायरस जिस तरह से फैल रहा है ऐसे में शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे. इसके खिलाफ विभिन्न कोचिंग संस्थान के संचालक और छात्रों ने मिलकर हजारीबाग में जमकर हंगामा कर दिया. छात्र पहले कोरा थाना अंतर्गत मटवारी में पुलिस के साथ तू-तू, मैं मैं करते रहे.

जब प्रशासन ने उन्हें समझाया तो उन्होंने जगह बदलते हुए कोरा चौक जाम कर दिया. जिससे यातायात बाधित हो गया. इस दौरान हजारीबाग जिला प्रशासन के कई वरीय पदाधिकारी छात्र और कोचिंग संचालकों को समझाते रहे. लेकिन किसी ने एक भी नहीं सुनी और जमकर हंगामा किया. 8 घंटे तक हजारीबाग के विभिन्न पदाधिकारी छात्रों को समझाते और नियम को बताते रहे. जब पदाधिकारी के साथ छात्रों ने गलत व्यवहार किया तो प्रशासन ने सख्ती शुरू की और लाठीचार्ज कर छात्रों को तितर-बितर किया. इस दौरान पुलिस ने तीन संचालकों को भी हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

छात्र बोले- चुनाव पर पाबंदी नहीं तो कोचिंग पर क्यों

कोचिंग संचालक और छात्रों का कहना है कोचिंग चलाने की इजाजत जिला प्रशासन दे ताकि हम लोग पढ़ सकें. छात्रों का कहना था कि राज्य सरकार छात्रों के साथ राजनीति कर रही है. शिक्षा में राजनीति की जगह नहीं है. जिस तरह से प. बंगाल में चुनाव हो रहा है और मधुपुर में उपचुनाव झारखंड में कराया जा रहा है. लेकिन वहां कोरोना नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. सरकार सिर्फ और सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट करना चाहती है. इस कारण हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं. सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द कोचिंग शुरू करने की इजाजत दे.

क्या बोलीं डीएसपी अमिता लकड़ा

वहीं हजारीबाग में डीएसपी अमिता लकड़ा ने कहा कि छात्रों की मांग सरासर गलत है. क्योंकि कोविड-19 को देखते हुए राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश निर्गत किए हैं और हर एक नागरिक को सरकार के आदेश का पालन करना चाहिए. ऐसे में कोचिंग संस्थान और छात्रों को ये समझना चाहिए कि उनकी समझदारी इसी में है कि वो संस्थान बंद रखें.

क्योंकि हजारीबाग में कोरोना जिस रफ्तार से बढ़ रहा है ऐसे में अगर कक्षा चलेगी तो इसका बुरा परिणाम हो सकता है. उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए हम लोगों ने छात्रों को समझाया और अंत में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल भी प्रयोग किया है. बताते चलें कि जिला प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति सरकार के गाइडलाइन की अनदेखी करेगा या फिर उसे तोड़ेगा तो उसे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल अब देखने वाली बात होगी प्रशासन इस घटना पर किन लोगों पर कार्रवाई करती है.

हजारीबागः शहर में छात्र और कोचिंग संचालक सड़क पर उतरे हैं और वे कोचिंग बंद कराने को लेकर विरोध दर्ज करा रहे हैं. राज्य सरकार ने आदेश निर्गत किया है कि सभी शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद किए जाएंगे. इसके बाद हजारीबाग में कोचिंग संस्थान और छात्रों ने इस आदेश का विरोध किया है. इस दौरान छात्रों ने भारी हंगामा किया. सुरक्षा को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स लगाया गया.

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छात्र और जिला प्रशासन के बीच तू-तू ,मैं-मैं होती रही. 8 घंटों तक पूरा हजारीबाग अस्त-व्यस्त रहा. कई बार पुलिस को सख्ती भी बरतनी पड़ी. बेकाबू छात्रों ने पुलिस पर प्लास्टिक की बोतल भी फेंकी और जमकर सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रशासन के समझाने के बावजूद उन लोगों ने कई जगह सड़क जाम किया. ऐसे में पुलिस-प्रशासन की ओर से भी सख्ती की गई और अंत में लाठीचार्ज कर छात्रों को तितर-बितर किया गया.

क्या है पूरा मामला

झारखंड सरकार ने आदेश निर्गत किया है कि कोरोना वायरस जिस तरह से फैल रहा है ऐसे में शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे. इसके खिलाफ विभिन्न कोचिंग संस्थान के संचालक और छात्रों ने मिलकर हजारीबाग में जमकर हंगामा कर दिया. छात्र पहले कोरा थाना अंतर्गत मटवारी में पुलिस के साथ तू-तू, मैं मैं करते रहे.

जब प्रशासन ने उन्हें समझाया तो उन्होंने जगह बदलते हुए कोरा चौक जाम कर दिया. जिससे यातायात बाधित हो गया. इस दौरान हजारीबाग जिला प्रशासन के कई वरीय पदाधिकारी छात्र और कोचिंग संचालकों को समझाते रहे. लेकिन किसी ने एक भी नहीं सुनी और जमकर हंगामा किया. 8 घंटे तक हजारीबाग के विभिन्न पदाधिकारी छात्रों को समझाते और नियम को बताते रहे. जब पदाधिकारी के साथ छात्रों ने गलत व्यवहार किया तो प्रशासन ने सख्ती शुरू की और लाठीचार्ज कर छात्रों को तितर-बितर किया. इस दौरान पुलिस ने तीन संचालकों को भी हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

छात्र बोले- चुनाव पर पाबंदी नहीं तो कोचिंग पर क्यों

कोचिंग संचालक और छात्रों का कहना है कोचिंग चलाने की इजाजत जिला प्रशासन दे ताकि हम लोग पढ़ सकें. छात्रों का कहना था कि राज्य सरकार छात्रों के साथ राजनीति कर रही है. शिक्षा में राजनीति की जगह नहीं है. जिस तरह से प. बंगाल में चुनाव हो रहा है और मधुपुर में उपचुनाव झारखंड में कराया जा रहा है. लेकिन वहां कोरोना नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. सरकार सिर्फ और सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट करना चाहती है. इस कारण हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं. सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द कोचिंग शुरू करने की इजाजत दे.

क्या बोलीं डीएसपी अमिता लकड़ा

वहीं हजारीबाग में डीएसपी अमिता लकड़ा ने कहा कि छात्रों की मांग सरासर गलत है. क्योंकि कोविड-19 को देखते हुए राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश निर्गत किए हैं और हर एक नागरिक को सरकार के आदेश का पालन करना चाहिए. ऐसे में कोचिंग संस्थान और छात्रों को ये समझना चाहिए कि उनकी समझदारी इसी में है कि वो संस्थान बंद रखें.

क्योंकि हजारीबाग में कोरोना जिस रफ्तार से बढ़ रहा है ऐसे में अगर कक्षा चलेगी तो इसका बुरा परिणाम हो सकता है. उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए हम लोगों ने छात्रों को समझाया और अंत में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल भी प्रयोग किया है. बताते चलें कि जिला प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति सरकार के गाइडलाइन की अनदेखी करेगा या फिर उसे तोड़ेगा तो उसे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल अब देखने वाली बात होगी प्रशासन इस घटना पर किन लोगों पर कार्रवाई करती है.

Last Updated : Apr 10, 2021, 10:21 PM IST

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