ETV Bharat / state

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा हजारीबाग, 10 राज्यों में पहुंच रहे हैं यहां के चिप्स, कुरकुरे और मिक्सचर

हालिया दौर में हर क्षेत्र में स्टार्टअप्स की भरमार है. इसके पीछे दो बड़ी वजह है एक तो युवा स्वरोगार या उद्यमी बनने की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं और कुछ नया करने का जुनून रखते हैं. दूसरी सरकार के द्वारा योजनाओं में मदद भी मिल रही है. समय को देखते हुए सरकार भी लगभग हर क्षेत्र में तमाम नई योजनाओं को प्रोत्साहित कर रही है. ऐसे में हजारीबाग डेमोटांड़ युवा उद्यमी सोनल सिन्हा ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की है. जो अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है. युवा सोच ने आज हजारीबाग को पूरे देश भर में अलग पहचान दी है. जहां लगभग 10 राज्यों में हजारीबाग का बना उत्पाद पहुंच रहा है. इसकी कमान संभाली है हजारीबाग की महिलाएं. सोनल भी कहते हैं कि नारी ही नारायणी है इस कारण मैंने नारी शक्ति को अपने यूनिट में विशेष स्थान दिया है.

Hazaribag Food Processing Unit
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Aug 27, 2021, 4:54 PM IST

हजारीबाग: छोटे और पिछड़े इलाके में अगर कोई युवा उद्यमी अपनी पहचान देश स्तर में बना है तब आप समझ सकते हैं कि उसकी सोच क्या है? हजारीबाग के डेमोटांड़ में एक वृहद फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई है. आज यह प्रोसेसिंग यूनिट धीरे-धीरे अपना आधार बनाता जा रहा है. 10 राज्यों में यहां के प्रोडक्ट्स चिप्स, कुरकुरे, भुजिया, स्नैक्स, मिक्सचर का प्रोडक्शन भेजे जा रहे हैं.

कंपनी के निदेशक सोनल सिन्हा का कहना है कि चार ऑटोमेटिक वर्ल्ड क्लास मशीन से हमने उत्पादन शुरू किया था. आज 12 यूनिट हमारे पास है. जो उच्च कोटि के फूड मेटेरियल तैयार करता है. जिसे हम लोग देश के कोने कोने में भेज रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट पहुंचे और पूरे प्रोसेस की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि यह हम लोगों के लिए बहुत खुशी की बात है कि हजारीबाग से अब आलू नहीं चिप्स जा रहा है. यह चिप्स पूरे देश भर में हजारीबाग को पहचान दे रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
ये भी पढ़ें- आत्मनिर्भर हजारीबाग योजना की शुरुआत, किसान और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना उद्देश्य


जयंत सिन्हा ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए बताया कि आत्मनिर्भर हजारीबाग को बनाने के लिए हम लोग जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. वर्तमान समय में यह 14 कोऑपरेटिव बनाकर तैयार किए गए हैं. जिसमें 7,500 से अधिक किसान, महिलाएं और युवा जुड़े हुए हैं. जो अलग-अलग उत्पाद बनाएंगे और उन्हें बाजार मुहैया कराया जाएगा. इसमें फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी शामिल है. ऐसे में आने वाले समय में एक बृहत चेन हजारीबाग की आत्मनिर्भरता के लिए बनाया जा रहा है.

Hazaribag Food Processing Unit
फूड प्रोसेसिंग यूनिट में अधिकारी

फूड प्रोसेसिंग यूनिट के निदेशक सोनल सिन्हा ने बताया कि हमारे फैक्ट्री में महिलाओं की संख्या अधिक है. सभी यूनिट में महिलाएं अपनी सेवा हम लोगों को दे रही हैं. उनका मानना है कि महिलाएं का जब हाथ किसी काम में लगता है तो तरक्की जरूर मिलती है. क्योंकि नारी ही नारायणी है. इसे देखते हुए हम लोगों ने महिलाओं को विशेष स्थान दिया है. एक पूरे शिफ्ट में महिलाएं ही काम करती हैं. अगर दूसरे शिफ्ट से उसका मुकाबला किया जाए तो महिलाओं के द्वारा किया गया काम बेहतर होता है. ऐसे में हमारी सफलता के पीछे महिलाओं का योगदान अहम है.

Hazaribag Food Processing Unit
फूड प्रोसेसिंग यूनिट में काम
फैक्ट्री के ऑपरेशन मैनेजर भी बताते हैं कि हम लोग हाइजीन पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं. साफ-सुथरा प्रोडक्शन के साथ-साथ उच्च कोटि का उत्पाद तैयार हो यह हमारी प्राथमिकता है. पहले महिलाओं को हम लोगों ने जब फैक्ट्री में देखा तो लगा कि कैसे काम होगा. लेकिन इनके काम के प्रति समर्पण देखते हुए हम लोग आशान्वित हुए कि महिलाएं अच्छा काम करेगी. उनका कहना है कि कोरोना के दौरान स्कूल कॉलेज बंद होने से इस व्यवसाय पर असर भी पड़ा है. लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां बदल रही हैं और हमारा व्यवसाय फिर से गति पकड़ेगा.
Hazaribag Food Processing Unit
फूड प्रोसेसिंग यूनिट
ये भी पढ़ें- लघु और मध्यम क्षेत्र के एंटरप्रेन्योरों के साथ जयंत सिन्हा का संवाद, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बल


हजारीबाग जैसे छोटे जिले में युवा उद्यमी ने चुनौती स्वीकार किया. आज चुनौती सफलता की ऊंचाई छू रहा है. जिन्होंने हजारीबाग के लोगों को रोजगार दिया. तो क्षेत्र की पहचान पूरे देश भर में कराई. जरूरत है समाज के वैसे युवक को जो आज के समय में हार मान कर घर में बैठ गए हैं वह इनसे सीख लें ताकि वे भी बुलंदी पा सके, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें. जिस तरह से अमूल ने फूट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है और हजारों लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था में को मजबूत करने में अपना योगदान दिया है. उसी तरह अगर सरकार की ओर से इन्हें प्रोत्साहन मिले तो रोजगार देने के साथ-साथ राज्य को आर्थिक रूप से मजबूती मिल सकती है.

हजारीबाग: छोटे और पिछड़े इलाके में अगर कोई युवा उद्यमी अपनी पहचान देश स्तर में बना है तब आप समझ सकते हैं कि उसकी सोच क्या है? हजारीबाग के डेमोटांड़ में एक वृहद फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई है. आज यह प्रोसेसिंग यूनिट धीरे-धीरे अपना आधार बनाता जा रहा है. 10 राज्यों में यहां के प्रोडक्ट्स चिप्स, कुरकुरे, भुजिया, स्नैक्स, मिक्सचर का प्रोडक्शन भेजे जा रहे हैं.

कंपनी के निदेशक सोनल सिन्हा का कहना है कि चार ऑटोमेटिक वर्ल्ड क्लास मशीन से हमने उत्पादन शुरू किया था. आज 12 यूनिट हमारे पास है. जो उच्च कोटि के फूड मेटेरियल तैयार करता है. जिसे हम लोग देश के कोने कोने में भेज रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट पहुंचे और पूरे प्रोसेस की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि यह हम लोगों के लिए बहुत खुशी की बात है कि हजारीबाग से अब आलू नहीं चिप्स जा रहा है. यह चिप्स पूरे देश भर में हजारीबाग को पहचान दे रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
ये भी पढ़ें- आत्मनिर्भर हजारीबाग योजना की शुरुआत, किसान और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना उद्देश्य


जयंत सिन्हा ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए बताया कि आत्मनिर्भर हजारीबाग को बनाने के लिए हम लोग जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. वर्तमान समय में यह 14 कोऑपरेटिव बनाकर तैयार किए गए हैं. जिसमें 7,500 से अधिक किसान, महिलाएं और युवा जुड़े हुए हैं. जो अलग-अलग उत्पाद बनाएंगे और उन्हें बाजार मुहैया कराया जाएगा. इसमें फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी शामिल है. ऐसे में आने वाले समय में एक बृहत चेन हजारीबाग की आत्मनिर्भरता के लिए बनाया जा रहा है.

Hazaribag Food Processing Unit
फूड प्रोसेसिंग यूनिट में अधिकारी

फूड प्रोसेसिंग यूनिट के निदेशक सोनल सिन्हा ने बताया कि हमारे फैक्ट्री में महिलाओं की संख्या अधिक है. सभी यूनिट में महिलाएं अपनी सेवा हम लोगों को दे रही हैं. उनका मानना है कि महिलाएं का जब हाथ किसी काम में लगता है तो तरक्की जरूर मिलती है. क्योंकि नारी ही नारायणी है. इसे देखते हुए हम लोगों ने महिलाओं को विशेष स्थान दिया है. एक पूरे शिफ्ट में महिलाएं ही काम करती हैं. अगर दूसरे शिफ्ट से उसका मुकाबला किया जाए तो महिलाओं के द्वारा किया गया काम बेहतर होता है. ऐसे में हमारी सफलता के पीछे महिलाओं का योगदान अहम है.

Hazaribag Food Processing Unit
फूड प्रोसेसिंग यूनिट में काम
फैक्ट्री के ऑपरेशन मैनेजर भी बताते हैं कि हम लोग हाइजीन पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं. साफ-सुथरा प्रोडक्शन के साथ-साथ उच्च कोटि का उत्पाद तैयार हो यह हमारी प्राथमिकता है. पहले महिलाओं को हम लोगों ने जब फैक्ट्री में देखा तो लगा कि कैसे काम होगा. लेकिन इनके काम के प्रति समर्पण देखते हुए हम लोग आशान्वित हुए कि महिलाएं अच्छा काम करेगी. उनका कहना है कि कोरोना के दौरान स्कूल कॉलेज बंद होने से इस व्यवसाय पर असर भी पड़ा है. लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां बदल रही हैं और हमारा व्यवसाय फिर से गति पकड़ेगा.
Hazaribag Food Processing Unit
फूड प्रोसेसिंग यूनिट
ये भी पढ़ें- लघु और मध्यम क्षेत्र के एंटरप्रेन्योरों के साथ जयंत सिन्हा का संवाद, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बल


हजारीबाग जैसे छोटे जिले में युवा उद्यमी ने चुनौती स्वीकार किया. आज चुनौती सफलता की ऊंचाई छू रहा है. जिन्होंने हजारीबाग के लोगों को रोजगार दिया. तो क्षेत्र की पहचान पूरे देश भर में कराई. जरूरत है समाज के वैसे युवक को जो आज के समय में हार मान कर घर में बैठ गए हैं वह इनसे सीख लें ताकि वे भी बुलंदी पा सके, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें. जिस तरह से अमूल ने फूट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है और हजारों लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था में को मजबूत करने में अपना योगदान दिया है. उसी तरह अगर सरकार की ओर से इन्हें प्रोत्साहन मिले तो रोजगार देने के साथ-साथ राज्य को आर्थिक रूप से मजबूती मिल सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.