हजारीबाग: जिले में असामाजिक तत्व बड़ा दंगा फैलाने की फिराक में थे. इस बात का दावा एसपी कार्तिक एस ने किया है. उनका कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को गुमराह किया गया और फिर भीड़ जमा करके शांति भंग करने का प्रयास किया गया. मामले में 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है. वहीं 47 लोगों पर नामजद और 405 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है.
निकाला गया कैंडल मार्च
हजारीबाग पेलावल ओपी क्षेत्र के रोमी में रहने वाली केवी महिला कॉलेज की छात्रा यासमीन की संदेहास्पद स्थिति में मौत के बाद कैंडल मार्च निकाला गया था. कोविड-19 के कारण प्रशासन ने जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी थी. फिर भी असामाजिक तत्वों ने हजारीबाग में शांति व्यवस्था भंग करने के उदेश्य से जुलूस निकाला और फिर पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 5 पुलिसकर्मी को चोट लगी थी. ऐसे में पुलिस को भी हल्का बल प्रयोग करना पड़ा था.
मामले की हो रही जांच
इस मामले को लेकर हजारीबाग के एसपी कार्तिक एस ने स्पष्ट कर दिया है कि पूरे मामले को लेकर गंभीरतापूर्वक जांच की जा रही है. किसी व्यक्ति की तरफ से फोटो में छेड़छाड़ करके गलत जानकारी सोशल मीडिया में दिया गया. इसके बाद हजारीबाग में उपद्रवियों की तरफ से दंगा फैलाने का योजना बनाया गया. इस बाबत बैनर पोस्टर भी तैयार किया गया. अब हजारीबाग पुलिस उन सारे लोगों को चिंहित कर रही है, जिसमें 47 लोगों का नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है और सात लोगों को हिरासत में लिया गया है. वहीं 405 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है.
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बिजली विभाग को दी गलत जानकारी
पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने पहले बिजली विभाग को सूचना दिया कि पेलावल क्षेत्र में पेड़ गिर गया है, ऐसे में बिजली काट दें. अंधेरा का फायदा उठाकर उन लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस का यह भी कहना है कि अगर उन्हें कल्लू चौक के पास नहीं रोका गया था तो पूरा शहर में इसका असर पड़ सकता था. उन्होंने आम जनता से अपील भी किया है कि सोशल मीडिया में अधूरी जानकारी देकर माहौल खराब करने का कोशिश ना करें. अगर ऐसा कांड किया जाएगा तो पुलिस भी कार्रवाई करेगी.