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हजारीबागः कोनार पुल के पास लोगों ने लगाया जाम, संक्रमित व्यक्तियों के शव जलाने का कर रहे विरोध - कोनार पुल के पास लोगों ने लगाया जाम

People jammed highway in hazaribag
कोनार पुल के पास लोगों ने लगाया जाम
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Published : Jul 28, 2020, 2:12 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 7:27 PM IST

14:00 July 28

हजारीबाग में कोनार पुल के पास लोगों ने लगाया जाम, संक्रमित व्यक्तियों के शव जलाने का कर रहे विरोध

People jammed highway in hazaribag
कोनार पुल के पास लोगों ने लगाया जाम

हजारीबाग: जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत कोनार पुल मुक्तिधाम के पास एक बार फिर संक्रमित व्यक्ति का शव जलाने को लेकर जमकर हंगामा बरसा. कोनार पुल के पास कोरोना संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किया जा रहा है. इस बात को लेकर पिछले कई दिनों से यहां विवाद गहराता जा रहा है. ऐसे में आज ग्रामीणों ने सड़क जाम किया है. सड़क जाम करने से रांची-पटना हाईवे पर यातायात पूर्ण रूप से बाधित हो गई है. गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है.

एक सप्ताह में चौथी बार हंगामा

हजारीबाग में बीते 1 सप्ताह में यह चौथी बार है कि संक्रमित व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हंगामा बरसा है. जिला प्रशासन ने मुफस्सिल थाना अंतर्गत कोनार मुक्तिधाम को अंतिम संस्कार के लिए चिन्हित किया है. ऐसे में इसके पहले भी तीन लोगों का अंतिम संस्कार यहां किया जा चुका है. हर अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ा. बुधवार को तीन संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार कोनार मुक्तिधाम में जाना था. इसकी सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली उन्होंने एनएच घंटों जाम रखा और जिला प्रशासन से मांग किया कि अंतिम संस्कार का जगह बदला जाए. 

क्या है ग्रामीणों का कहना

ग्रामीणों का कहना है कि जिस नदी के किनारे अंतिम संस्कार होता है उस पानी को हम लोग घर और खेती में उपयोग करते हैं. साथ ही साथ स्थानीय मुक्तिधाम का उपयोग ग्रामीण करते हैं. अगर किसी ग्रामीण का मौत होता है तो अंतिम संस्कार यहां किया जाएगा .ऐसे मे संक्रमण का खतरा हो सकता है. इस कारण जगह बदल देनी चाहिए.

स्वास्थ्य समस्या हो सकती है उत्पन्न

हजारीबाग की महापौर रोशनी तिर्की ने भी ग्रामीणों के विरोध का साथ दिया. उन्होंने कहा कि यह नियम भी है कि वे ऐसी जगह जहां स्थानीय और ग्रामीण लोगों का स्वास्थ्य के साथ समस्या उत्पन्न हो सकती है उस जगह अंतिम संस्कार नहीं करना है. हजारीबाग उपायुक्त ने भी बैठक कर इस बारे में नगर निगम से किसी भी तरह की जानकारी नहीं ली. इस कारण समस्या उत्पन्न हो रही है .अब प्रशासन जोर जबस्ती से अंतिम संस्कार कोनार नदी के तट पर कर रही है.

ये भी पढ़ें-रांचीः रिम्स कैंटीन के 3 कर्मचारियों को हुआ कोरोना, राज्य में रिकवरी रेट में आई 10 प्रतिशत की कमी

घंटों तैनात रहे अधिकारी

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हजारीबाग की एसडीओ मेघा भारद्वाज, एसडीपीओ कमल किशोर,स्थानीय थाना प्रभारी समेत कई आला अधिकारी यहां घंटों तैनात रहे इसके अलावा सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. जिला प्रशासन अपनी उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया.

बहरहाल जिस तरह से हर एक मौत के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहा है ऐसे में जरूरत है जिला प्रशासन को इस समस्या का स्थाई रूप से समाधान करने की.

14:00 July 28

हजारीबाग में कोनार पुल के पास लोगों ने लगाया जाम, संक्रमित व्यक्तियों के शव जलाने का कर रहे विरोध

People jammed highway in hazaribag
कोनार पुल के पास लोगों ने लगाया जाम

हजारीबाग: जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत कोनार पुल मुक्तिधाम के पास एक बार फिर संक्रमित व्यक्ति का शव जलाने को लेकर जमकर हंगामा बरसा. कोनार पुल के पास कोरोना संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किया जा रहा है. इस बात को लेकर पिछले कई दिनों से यहां विवाद गहराता जा रहा है. ऐसे में आज ग्रामीणों ने सड़क जाम किया है. सड़क जाम करने से रांची-पटना हाईवे पर यातायात पूर्ण रूप से बाधित हो गई है. गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है.

एक सप्ताह में चौथी बार हंगामा

हजारीबाग में बीते 1 सप्ताह में यह चौथी बार है कि संक्रमित व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हंगामा बरसा है. जिला प्रशासन ने मुफस्सिल थाना अंतर्गत कोनार मुक्तिधाम को अंतिम संस्कार के लिए चिन्हित किया है. ऐसे में इसके पहले भी तीन लोगों का अंतिम संस्कार यहां किया जा चुका है. हर अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ा. बुधवार को तीन संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार कोनार मुक्तिधाम में जाना था. इसकी सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली उन्होंने एनएच घंटों जाम रखा और जिला प्रशासन से मांग किया कि अंतिम संस्कार का जगह बदला जाए. 

क्या है ग्रामीणों का कहना

ग्रामीणों का कहना है कि जिस नदी के किनारे अंतिम संस्कार होता है उस पानी को हम लोग घर और खेती में उपयोग करते हैं. साथ ही साथ स्थानीय मुक्तिधाम का उपयोग ग्रामीण करते हैं. अगर किसी ग्रामीण का मौत होता है तो अंतिम संस्कार यहां किया जाएगा .ऐसे मे संक्रमण का खतरा हो सकता है. इस कारण जगह बदल देनी चाहिए.

स्वास्थ्य समस्या हो सकती है उत्पन्न

हजारीबाग की महापौर रोशनी तिर्की ने भी ग्रामीणों के विरोध का साथ दिया. उन्होंने कहा कि यह नियम भी है कि वे ऐसी जगह जहां स्थानीय और ग्रामीण लोगों का स्वास्थ्य के साथ समस्या उत्पन्न हो सकती है उस जगह अंतिम संस्कार नहीं करना है. हजारीबाग उपायुक्त ने भी बैठक कर इस बारे में नगर निगम से किसी भी तरह की जानकारी नहीं ली. इस कारण समस्या उत्पन्न हो रही है .अब प्रशासन जोर जबस्ती से अंतिम संस्कार कोनार नदी के तट पर कर रही है.

ये भी पढ़ें-रांचीः रिम्स कैंटीन के 3 कर्मचारियों को हुआ कोरोना, राज्य में रिकवरी रेट में आई 10 प्रतिशत की कमी

घंटों तैनात रहे अधिकारी

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हजारीबाग की एसडीओ मेघा भारद्वाज, एसडीपीओ कमल किशोर,स्थानीय थाना प्रभारी समेत कई आला अधिकारी यहां घंटों तैनात रहे इसके अलावा सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. जिला प्रशासन अपनी उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया.

बहरहाल जिस तरह से हर एक मौत के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहा है ऐसे में जरूरत है जिला प्रशासन को इस समस्या का स्थाई रूप से समाधान करने की.

Last Updated : Jul 28, 2020, 7:27 PM IST
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