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मनरेगा पार्क जहां धरातल पर उतरी हैं 10 योजनाएं, पढ़िये पूरी रिपोर्ट

फ्लावर पार्क या फूड पार्क के बारे में आपने जरूर सुना और देखा होगा. लेकिन बात अगर मनरेगा पार्क की करें तो शायद आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. हजारीबाग में मनरेगा पार्क से लोगों को रोजगार मिल रहा है. वैसे तो मनरेगा से रोजगार की गारंटी मिलती है मगर इस पार्क के बनने से काम का भरोसा दोगुना हो गया है.

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Published : Mar 26, 2022, 9:13 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 11:03 PM IST

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हजारीबाग में मनरेगा पार्क

हजारीबागः एक ऐसा पार्क जहां सरकार की योजनाएं धरातल पर उतर रही है और ग्रामीणों के वर्तमान से लेकर भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाएगी. सरकार की इच्छाशक्ति और ग्रामीणों की मदद से मनरेगा की 10 से ज्यादा योजनाएं आपको यहां दिख जाएंगी. सिंचाई कूप, डोभा, दीदी बाड़ी, वर्मी कंपोस्ट, टीसीबी, शेड निर्माण सहित अन्य मनरेगा से संचालित योजनाएं यहां धरातल पर उतर चुकी हैं. हजारीबाग में मनरेगा पार्क रोजगार नए अवसर प्रदान कर रही है.

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग में वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतर्गत चल रही मनरेगा की कई योजनाएं, जानें रिपोर्ट



मनरेगा से रोजगार का सृजन हो रहा है. लेकिन हजारीबाग में मनरेगा पार्क से लोगों को नया आयाम मिला है. जिला मुख्यालय से लगभग 19 किमी के दूरी पर चुरचू प्रखंड अंतर्गत कुल 41 राजस्व ग्राम हैं. वहीं चुरचू पंचायत अंतर्गत 12 राजस्व ग्राम है. यह गांव कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पूरे राज्यभर में जाना जाता था. जहां सूर्यास्त होने के बाद कोई भी व्यक्ति जाना पसंद नहीं करता था. सुरक्षा बल भी एहतियात बरतते हुए क्षेत्र से गुजरती थी. लेकिन अब इस गांव की पहचान नक्सल से नहीं बल्कि मनरेगा पार्क से पूरे सूबे में होने जा रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ग्राम डूमर मनरेगा योजनाओं का केंद्र बन गया है. यहां मनरेगा की 10 से ज्यादा योजनाएं धरातल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराती दिख रही है. ग्राम डूमर में 9 परिवार मिलकर मनरेगा पार्क का निर्माण 10 एकड़ अपने भूमि पर विकसित कर रहे हैं. ग्रामीणों को यहां महीने में कम से कम 20 दिन रोजगार की गांरटी है. इस पार्क में मनरेगा के अंतर्गत संचालित होने वाली सभी योजनाओं का समावेश है. 10 एकड़ में यह पार्क ना सिर्फ ग्राम विशेष में स्थायी परिसंपत्तियों का सृजन करेगा बल्कि संबंधित प्रखंड में रोजगार मांगने वाले श्रमिकों को रोजगार की गारंटी भी सुनिश्चित करेगा.

People getting employment from MGNREGA Park in Hazaribag
मनरेगा में काम करते मजदूर
मनरेगा पार्क के लाभुक भी बताते हैं कि हम लोगों को मनरेगा पार्क से लाभ मिल रहा है. पहले हम मनरेगा के तहत रोजगार पाने के लिए दूसरे की जमीन पर काम करते थे. लेकिन अब मनरेगा के तहत हम लोग अपने ही जमीन पर काम कर रहे हैं. जिससे हम लोगों को दोहरा लाभ हो रहा है. पहला उन्हें 20 दिन का रोजगार मिल रहा है. जब फसल या तालाब में मछली तैयार हो जाएगा तो उसे बेचकर यहां काम कर रहे मजदूर पैसा भी कमा पाएंगे. लोगों का भविष्य भी मनरेगा पार्क के जरिए सुरक्षित हो रहा है. दूसरा युवक बताते हैं कि वो आम की बागवानी अपनी जमीन पर किए हैं.

पंचायत के मुखिया भी बताते हैं कि यह उनके लिए बहुत खुशी की बात है कि हमारे गांव में मनरेगा पार्क बना है. हम लोग इसके पहले किसी भी गांव में मनरेगा पार्क के बारे में नहीं सुने थे. पार्क बनने से 9 परिवार के लोगों को रोजगार भी मिला और अब उनका जीवन स्तर भी इस पार्क के जरिए सुधर रहा है. यह पार्क पूरे राज्य भर में सुर्खियों में है. पिछले दिनों कई पदाधिकारी भी आकर पार्क का निरीक्षण किए थे. ऐसे में लगता है कि उनके पंचायत का मनरेगा पार्क अब पूरे देश भर में आदर्श मनरेगा पार्क के मॉडल के रूप में उभर रहा है.

People getting employment from MGNREGA Park in Hazaribag
मनरेगा पार्क से रोजगार प्राप्त करती महिलाएं

हजारीबागः एक ऐसा पार्क जहां सरकार की योजनाएं धरातल पर उतर रही है और ग्रामीणों के वर्तमान से लेकर भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाएगी. सरकार की इच्छाशक्ति और ग्रामीणों की मदद से मनरेगा की 10 से ज्यादा योजनाएं आपको यहां दिख जाएंगी. सिंचाई कूप, डोभा, दीदी बाड़ी, वर्मी कंपोस्ट, टीसीबी, शेड निर्माण सहित अन्य मनरेगा से संचालित योजनाएं यहां धरातल पर उतर चुकी हैं. हजारीबाग में मनरेगा पार्क रोजगार नए अवसर प्रदान कर रही है.

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग में वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतर्गत चल रही मनरेगा की कई योजनाएं, जानें रिपोर्ट



मनरेगा से रोजगार का सृजन हो रहा है. लेकिन हजारीबाग में मनरेगा पार्क से लोगों को नया आयाम मिला है. जिला मुख्यालय से लगभग 19 किमी के दूरी पर चुरचू प्रखंड अंतर्गत कुल 41 राजस्व ग्राम हैं. वहीं चुरचू पंचायत अंतर्गत 12 राजस्व ग्राम है. यह गांव कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पूरे राज्यभर में जाना जाता था. जहां सूर्यास्त होने के बाद कोई भी व्यक्ति जाना पसंद नहीं करता था. सुरक्षा बल भी एहतियात बरतते हुए क्षेत्र से गुजरती थी. लेकिन अब इस गांव की पहचान नक्सल से नहीं बल्कि मनरेगा पार्क से पूरे सूबे में होने जा रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ग्राम डूमर मनरेगा योजनाओं का केंद्र बन गया है. यहां मनरेगा की 10 से ज्यादा योजनाएं धरातल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराती दिख रही है. ग्राम डूमर में 9 परिवार मिलकर मनरेगा पार्क का निर्माण 10 एकड़ अपने भूमि पर विकसित कर रहे हैं. ग्रामीणों को यहां महीने में कम से कम 20 दिन रोजगार की गांरटी है. इस पार्क में मनरेगा के अंतर्गत संचालित होने वाली सभी योजनाओं का समावेश है. 10 एकड़ में यह पार्क ना सिर्फ ग्राम विशेष में स्थायी परिसंपत्तियों का सृजन करेगा बल्कि संबंधित प्रखंड में रोजगार मांगने वाले श्रमिकों को रोजगार की गारंटी भी सुनिश्चित करेगा.

People getting employment from MGNREGA Park in Hazaribag
मनरेगा में काम करते मजदूर
मनरेगा पार्क के लाभुक भी बताते हैं कि हम लोगों को मनरेगा पार्क से लाभ मिल रहा है. पहले हम मनरेगा के तहत रोजगार पाने के लिए दूसरे की जमीन पर काम करते थे. लेकिन अब मनरेगा के तहत हम लोग अपने ही जमीन पर काम कर रहे हैं. जिससे हम लोगों को दोहरा लाभ हो रहा है. पहला उन्हें 20 दिन का रोजगार मिल रहा है. जब फसल या तालाब में मछली तैयार हो जाएगा तो उसे बेचकर यहां काम कर रहे मजदूर पैसा भी कमा पाएंगे. लोगों का भविष्य भी मनरेगा पार्क के जरिए सुरक्षित हो रहा है. दूसरा युवक बताते हैं कि वो आम की बागवानी अपनी जमीन पर किए हैं.

पंचायत के मुखिया भी बताते हैं कि यह उनके लिए बहुत खुशी की बात है कि हमारे गांव में मनरेगा पार्क बना है. हम लोग इसके पहले किसी भी गांव में मनरेगा पार्क के बारे में नहीं सुने थे. पार्क बनने से 9 परिवार के लोगों को रोजगार भी मिला और अब उनका जीवन स्तर भी इस पार्क के जरिए सुधर रहा है. यह पार्क पूरे राज्य भर में सुर्खियों में है. पिछले दिनों कई पदाधिकारी भी आकर पार्क का निरीक्षण किए थे. ऐसे में लगता है कि उनके पंचायत का मनरेगा पार्क अब पूरे देश भर में आदर्श मनरेगा पार्क के मॉडल के रूप में उभर रहा है.

People getting employment from MGNREGA Park in Hazaribag
मनरेगा पार्क से रोजगार प्राप्त करती महिलाएं
Last Updated : Mar 26, 2022, 11:03 PM IST
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