हजारीबाग: स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत लॉकडाउन में बस और अन्य यात्री वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, इसके बावजूद बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा है. ऐसे में इक्का-दुक्का यात्री ही बस स्टैंड पहुंच रहे हैं. जिसके कारण बसों को घंटों पैसेंजर के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. इस दौरान उनकी आमदनी भी काफी कम हो गई है.
ये भी पढ़ें- मरीज को ले जाने के लिए नहीं मिला स्ट्रेचर, तो ICU वार्ड में ही घुसा दी स्कूटी, देखें VIDEO
यात्रियों की कमी का असर
कोरोना के संक्रमण की बढ़ती चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह शुरू किया है. जिसे मिनी लॉकडाउन कहा जा रहा है. ऐसे में सार्वजनिक परिवहन सेवा पर इसका साफ असर दिख रहा है. जहां शहर के बस स्टैंड में बसें तो खड़ी है, लेकिन यात्री नहीं हैं. संक्रमण इस तरह फैल रहा है कि लोग दहशत में हैं. स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत सरकार ने यात्री वाहनों का परिचालन पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, फिर भी लोग यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं. अधिकांश गाड़ी में यात्रियों की काफी कमी देखी गई, जिससे प्राइवेट बस संचालक भी खासे परेशान हैं. संचालक मानते हैं कि संक्रमण बढ़ने के कारण लोग यात्रा से परहेज कर रहे हैं. जिसके कारण बसों में यात्री नहीं है, जिसके कारण कई तरह की परेशानी हो रही है. यहां तक कि कई बार तो डीजल तक का पैसा पूरा नहीं हो पा रहा है.
कम पैसेंजर में खर्च वहन करना मुश्किल
बस मालिकों को यात्रियों का इंतजार करना पड़ रहा है और यात्री पहुंच भी नहीं रहे हैं. लिहाजा विभिन्न मार्गों पर वाहन उपलब्ध है. मगर उस में यात्रा करने वाले यात्रियों का अभाव है. पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिलने के कारण हजारीबाग में कई रूटों की बस नहीं चल रही हैं. बस मालिकों का कहना है कि इतने कम पैसेंजर लेकर हम लोगों को गाड़ी चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है. सरकार को चाहिए था कि पूर्ण रूप से लॉकडाउन कर दें. जिसमें यात्री बस भी शामिल हो, ताकि एक संदेश भी जाता और हम लोग भी अपनी गाड़ी बंद रखते. बस मालिकों का यह भी कहना है कि शादी का समय होने के बावजूद सभी बुकिंग कैंसिल कर दिए गए हैं. ऐसे में हम लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है.
हजारीबाग शहर में दो बस स्टैंड है और दोनों बस स्टैंड की यही स्थिति है. एक भी बस समय पर नहीं निकल रहा है. बस मालिक और कंडक्टर यात्रियों का इंतजार करते ही नजर आ रहे हैं. हजारीबाग से रांची रूट के लिए हर 10 मिनट पर एक बस चलता था, लेकिन अब दिनभर में 10 बस भी नहीं चल रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि कब स्थिति ठीक होती है और बसों का परिचालन सामान्य हो पाता है.