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हजारीबागः निजी स्कूल के मनमानी के खिलाफ अभिभावकों ने दिया धरना, बच्चों को स्कूल में ही पढ़ाने की मांग - हजारीबाग में संत जेवियर स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन

हजारीबाग जिले के संत जेवियर स्कूल की मनमानी के खिलाफ मंगलवार को अभिभावक स्कूल गेट पर ही धरने पर बैठ गए. इस दौरान अभिभावकों ने कोरोना काल में बच्चों को स्कूल में ही पढ़ाने की मांग की.

अभिभावकों का धरना प्रदर्शन.
अभिभावकों का धरना प्रदर्शन.
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Published : Jun 30, 2020, 4:26 PM IST

हजारीबागः जिले का प्रतिष्ठित और नामी निजी स्कूल संत जेवियर और अभिभावकों के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 3 महीने से अभिभावक और स्कूल प्रबंधन आमने-सामने हैं. आलम यह है कि मंगलवार को अभिभावक स्कूल प्रबंधन से थक कर स्कूल गेट पर ही धरने पर बैठ गए और बच्चों को स्कूल में आगे पढ़ाने की मांग करने लगे.

संत जेवियर और अभिभावकों के बीच में इन दिनों कलह चरम सीमा पर चल रही है. इस संबंध में तीन बार अभिभावकों की स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक भी हो चुकी है, लेकिन बैठक में परिणाम सामने नहीं आया. मंगलवार को स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के माता-पिता को स्कूल बुलाया था और मामले को पटाक्षेप करना चाहता था, लेकिन आज भी किसी भी तरह का परिणाम सामने नहीं आया. ऐसे में अभिभावक थक हार कर स्कूल गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए.

इसे भी पढ़ें- नामकुम सरकारी स्कूल का सराहनीय कदम, बच्चों को लाउडस्पीकर के माध्यम से दी जा रही शिक्षा

32 छात्रों को नोटिस थमाया
दरअसल स्कूल प्रबंधन ने लगभग 32 छात्रों को नोटिस थमा दिया है. अब टीसी लेने का दबाव बनाया जा रहा है. छात्रों पर अनुशासनहीनता, परीक्षा में कम अंक लाना समेत अन्य बातों को मुद्दा बनाया गया है. अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चों को आगे पढ़ाने की इजाजत दी जाए. उनका कहना है कि कोरोना काल के दौरान बच्चे किस स्कूल में जाएंगे, यह सबसे बड़ी चुनौती है. इसके अलावा जो बच्चे 9वीं में पढ़ रहे हैं, स्कूल छोड़ने के बाद बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कहां से होगा, लेकिन स्कूल प्रबंधन का कहना है कि आगे क्लास नहीं दी जाएगी और विशेष परीक्षा ली जाएगी. अगर छात्र पास करता है तो उसे स्कूल में रहने दिया जाएगा.

स्कूल प्रबंधन सुध लेने के लिए तैयार नहीं
धरने पर बैठी महिला अभिभावक ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि मेरा बच्चा डिप्रेशन में चला गया है. उसने आत्महत्या का कदम भी उठा लिया था, लेकिन घर में काम करने वाली ने उसे देख लिया और उसे बचा लिया. ऐसे में अब हम प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि हमारे बच्चे के भविष्य के लिए कदम उठाएं. वहीं, अभिभावक संघ ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि स्कूल प्रबंधन हमारे बच्चे को लेने के लिए तैयार नहीं है. हम लोग प्रशासन के पास भी जा चुके हैं. प्रशासन ने मामले का पटाक्षेप करने के लिए स्कूल प्रबंधन को कहा भी, लेकिन स्कूल प्रबंधन सुध लेने के लिए तैयार नहीं है.

हजारीबागः जिले का प्रतिष्ठित और नामी निजी स्कूल संत जेवियर और अभिभावकों के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 3 महीने से अभिभावक और स्कूल प्रबंधन आमने-सामने हैं. आलम यह है कि मंगलवार को अभिभावक स्कूल प्रबंधन से थक कर स्कूल गेट पर ही धरने पर बैठ गए और बच्चों को स्कूल में आगे पढ़ाने की मांग करने लगे.

संत जेवियर और अभिभावकों के बीच में इन दिनों कलह चरम सीमा पर चल रही है. इस संबंध में तीन बार अभिभावकों की स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक भी हो चुकी है, लेकिन बैठक में परिणाम सामने नहीं आया. मंगलवार को स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के माता-पिता को स्कूल बुलाया था और मामले को पटाक्षेप करना चाहता था, लेकिन आज भी किसी भी तरह का परिणाम सामने नहीं आया. ऐसे में अभिभावक थक हार कर स्कूल गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए.

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32 छात्रों को नोटिस थमाया
दरअसल स्कूल प्रबंधन ने लगभग 32 छात्रों को नोटिस थमा दिया है. अब टीसी लेने का दबाव बनाया जा रहा है. छात्रों पर अनुशासनहीनता, परीक्षा में कम अंक लाना समेत अन्य बातों को मुद्दा बनाया गया है. अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चों को आगे पढ़ाने की इजाजत दी जाए. उनका कहना है कि कोरोना काल के दौरान बच्चे किस स्कूल में जाएंगे, यह सबसे बड़ी चुनौती है. इसके अलावा जो बच्चे 9वीं में पढ़ रहे हैं, स्कूल छोड़ने के बाद बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कहां से होगा, लेकिन स्कूल प्रबंधन का कहना है कि आगे क्लास नहीं दी जाएगी और विशेष परीक्षा ली जाएगी. अगर छात्र पास करता है तो उसे स्कूल में रहने दिया जाएगा.

स्कूल प्रबंधन सुध लेने के लिए तैयार नहीं
धरने पर बैठी महिला अभिभावक ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि मेरा बच्चा डिप्रेशन में चला गया है. उसने आत्महत्या का कदम भी उठा लिया था, लेकिन घर में काम करने वाली ने उसे देख लिया और उसे बचा लिया. ऐसे में अब हम प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि हमारे बच्चे के भविष्य के लिए कदम उठाएं. वहीं, अभिभावक संघ ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि स्कूल प्रबंधन हमारे बच्चे को लेने के लिए तैयार नहीं है. हम लोग प्रशासन के पास भी जा चुके हैं. प्रशासन ने मामले का पटाक्षेप करने के लिए स्कूल प्रबंधन को कहा भी, लेकिन स्कूल प्रबंधन सुध लेने के लिए तैयार नहीं है.

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