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हजारीबागः VBU में केवल 20% छात्र कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई, ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल रहा लाभ - VBU में ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था

कोरोना वायरस के कारण छात्रों को पढ़ाई में काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है. छात्रों के लिए पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है. इस कारण विश्वविद्यालय के सामने छात्रों की शिक्षा से जुड़ी समस्याएं खड़ी हो गईं हैं.

20% students are studying online in vbu from hazaribag
vbu में सिर्फ 20% छात्र कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई
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Published : Jun 29, 2020, 4:56 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 11:48 AM IST

हजारीबाग: कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में अब भी तेजी से फैल रहा है. इससे मौत का आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना काल के दौरान कई लोगों के घर बर्बाद हुए तो कईयों को बेरोजगारी की समस्या देखने को मिली है. इस दौरान छात्रों को पढ़ाई का नुकसान भी हुआ है. पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है आलम ये है कि अब विश्वविद्यालय के सामने छात्रों को शिक्षा कैसे दें, यह चुनौती से कम नहीं है.

VBU में केवल 20% छात्र कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में लगभग 5 हजार 500 छात्र पढ़ाई करते हैं. वहीं इसके संबद्ध कॉलेजों में भी छात्रों की संख्या 65 हजार के आसपास है. VBU परिसर में छात्रों की तादाद काफी ज्यादा है. यहां के छात्र खुले मैदान में और लाइब्रेरी में पढ़ाई करते नजर आते थे, छात्रों से कैंपस गुलजार रहता था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब यहां कैंपस, पुस्तकालय और क्लास हर जगह खामोशी छाई हुई है. ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने का बीड़ा उठाया गया, लेकिन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के छात्रों को इसका अधिक लाभ नहीं मिल पाया.

पढ़ें:झारखंड विधानसभा उपचुनाव में मजबूत प्रत्याशी को समर्थन करेगी कांग्रेस: धीरज प्रसाद साहू

शुरुआती दौर में यह कहा गया कि लगभग सभी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और इसका लाभ भी मिल रहा है, लेकिन जब वास्तविकता देखी गई तो महज 20 से 30% छात्र ही ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय काफी चिंतित है कि सिलेबस पूरा कैसे किया जाए. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव का मानना है कि हजारीबाग ग्रामीण क्षेत्र है. हमारे विश्वविद्यालय में दूरदराज से छात्र भी पहुंचते हैं. ऐसे में वहां इंटरनेट की व्यवस्था भी एक समस्या है. वहीं दूसरी ओर छात्रों के पास स्मार्टफोन भी नहीं है. इस कारण इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है.

हजारीबाग झारखंड मुक्ति मोर्चा के छात्र नेता चंदन सिंह का कहना है कि हजारीबाग की भौगोलिक स्थिति अजीबोगरीब है. कोरोना के कारण लोग अपने-अपने घर चले गए हैं. अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश से आते हैं वहां मोबाइल का नेटवर्क काम नहीं करता है. कई छात्रों के पास स्मार्टफोन भी नहीं है. ऐसे में विश्वविद्यालय अपना कोरम पूरा कर रहा है.

विश्वविद्यालय हर दिन 17 लाख रुपए अपने कर्मियों को वेतन के रूप में देता है. ऐसे में छात्र ऑनलाइन शिक्षा का लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. सरकार और विश्वविद्यालय प्रबंधन को इस बात छात्रों के कैरियर का ख्यास रखना चाहिए और सोचना चाहिए कि उन्हें कैसे पढ़ाया जाए.

हजारीबाग: कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में अब भी तेजी से फैल रहा है. इससे मौत का आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना काल के दौरान कई लोगों के घर बर्बाद हुए तो कईयों को बेरोजगारी की समस्या देखने को मिली है. इस दौरान छात्रों को पढ़ाई का नुकसान भी हुआ है. पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है आलम ये है कि अब विश्वविद्यालय के सामने छात्रों को शिक्षा कैसे दें, यह चुनौती से कम नहीं है.

VBU में केवल 20% छात्र कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में लगभग 5 हजार 500 छात्र पढ़ाई करते हैं. वहीं इसके संबद्ध कॉलेजों में भी छात्रों की संख्या 65 हजार के आसपास है. VBU परिसर में छात्रों की तादाद काफी ज्यादा है. यहां के छात्र खुले मैदान में और लाइब्रेरी में पढ़ाई करते नजर आते थे, छात्रों से कैंपस गुलजार रहता था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब यहां कैंपस, पुस्तकालय और क्लास हर जगह खामोशी छाई हुई है. ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने का बीड़ा उठाया गया, लेकिन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के छात्रों को इसका अधिक लाभ नहीं मिल पाया.

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शुरुआती दौर में यह कहा गया कि लगभग सभी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और इसका लाभ भी मिल रहा है, लेकिन जब वास्तविकता देखी गई तो महज 20 से 30% छात्र ही ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय काफी चिंतित है कि सिलेबस पूरा कैसे किया जाए. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव का मानना है कि हजारीबाग ग्रामीण क्षेत्र है. हमारे विश्वविद्यालय में दूरदराज से छात्र भी पहुंचते हैं. ऐसे में वहां इंटरनेट की व्यवस्था भी एक समस्या है. वहीं दूसरी ओर छात्रों के पास स्मार्टफोन भी नहीं है. इस कारण इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है.

हजारीबाग झारखंड मुक्ति मोर्चा के छात्र नेता चंदन सिंह का कहना है कि हजारीबाग की भौगोलिक स्थिति अजीबोगरीब है. कोरोना के कारण लोग अपने-अपने घर चले गए हैं. अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश से आते हैं वहां मोबाइल का नेटवर्क काम नहीं करता है. कई छात्रों के पास स्मार्टफोन भी नहीं है. ऐसे में विश्वविद्यालय अपना कोरम पूरा कर रहा है.

विश्वविद्यालय हर दिन 17 लाख रुपए अपने कर्मियों को वेतन के रूप में देता है. ऐसे में छात्र ऑनलाइन शिक्षा का लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. सरकार और विश्वविद्यालय प्रबंधन को इस बात छात्रों के कैरियर का ख्यास रखना चाहिए और सोचना चाहिए कि उन्हें कैसे पढ़ाया जाए.

Last Updated : Jun 30, 2020, 11:48 AM IST
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