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झारखंड में पहली बार बेचा गया ऑनलाइन तरबूज, किसानों को हुआ दोगुना फायदा

हजारीबाग के किसान अब हाईटेक होने लगे हैं. किसान अब तरबूज ईनाम पोर्टल के जरिये बेच रहे हैं. इस पोर्टल से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. एक तो किसानों को परेशानी नहीं हो रही है और दूसरी ओर उसे दोगुना मुनाफा भी हो रहा है, जिससे वो काफी उत्साहित हैं.

Online watermelon sold for the first time in Hazaribag
झारखंड में पहली बार बेचा गया ऑनलाइन तरबूज
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Published : Apr 23, 2020, 8:21 PM IST

हजारीबाग: जिले के किसान अब हाईटेक हो रहे हैं, जहां एक और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, तो दूसरी ओर किसान ऑनलाइन मार्केटिंग कर अपने आप को स्थापित कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ हजारीबाग के चनारो पंचायत में देखने को मिला, जहां के किसानों ने अपना उत्पाद ऑनलाइन ईनाम पोर्टल के जरिए बेच रहे है.

देखें स्पेशल स्टोरी

दरअसल ईनाम एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो किसानों के लिए बनाया गया है. यहां किसान अपना उत्पाद खुद ही बेचते हैं और पैसा भी ऑनलाइन उनके अकाउंट में आ जाता है . लॉकडाउन होने के कारण हजारीबाग में तरबूज की कीमत अच्छी नहीं मिल रही थी. ऐसे में किसान भी काफी परेशान थे. उन्हें जितना लागत तरबूज उगाने में लग रहा था वो भी वापस नहीं आता था, लेकिन अबर ईनाम पोर्ट्ल के जरिये किसानों का तरबूज भी आसानी से बिक रहा है, साथ ही मुनाफा भी दोगुना मिल रहा है. आलम यह है कि स्थानीय बाजार में जहां 5 किलो तरबूज बिक रहा था, वह 10 से 11 रु. किलो ऑनलाइन बिक रहा है. ऐसे में किसान गदगद हैं और मालामाल हो रहे हैं.

Online watermelon sold for the first time in Hazaribag
खेतों में तरबूज

किसानों को हो रहा दोगुना फायदा

किसानों का कहना है कि हम लोग बहुत ही मेहनत से तरबूज लगाए थे और जब परिश्रम का परिणाम नहीं मिले तो बहुत ही परेशानी होती है. हमारा पूंजी भी लगा हुआ है. ऐसे में मौसम भी साथ नहीं दे रहा था, लेकिन ईनाम ने साथ दिया और हम लोगों को मालामाल कर दिया.

Online watermelon sold for the first time in Hazaribag
तरबूज ने किसानों की जगाई उम्मीद

इसे भी पढे़ं:- हजारीबागः पत्नी बनी JPSC स्टेट टॉपर, पति ने भी हासिल किया 32वां रैंक, ईटीवी भारत से साझा की सफलता की कहानी

वहीं कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिवराकेश कुमार सिंह ने कहा कि ईनाम अच्छा पोर्टल साबित हो रहा है, इससे जुड़ने के बाद किसानों का अच्छा व्यवसाय हो रहा है और उनका उत्पाद राज्य के कोने कोने तक पहुंच रहा है. हजारीबाग से 2 जिलों में पहुंचाया तरबूज पहंचाया गया, जहां व्यवसायियों ने 7 से 8 क्विंटल तरबूज खरिदा है. ऐसे में किसानों को भी फायदा हुआ है और खरीदार भी पौष्टिक शुद्ध और स्वादिष्ट तरबूज का आनंद ले रहे हैं.

हजारीबाग: जिले के किसान अब हाईटेक हो रहे हैं, जहां एक और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, तो दूसरी ओर किसान ऑनलाइन मार्केटिंग कर अपने आप को स्थापित कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ हजारीबाग के चनारो पंचायत में देखने को मिला, जहां के किसानों ने अपना उत्पाद ऑनलाइन ईनाम पोर्टल के जरिए बेच रहे है.

देखें स्पेशल स्टोरी

दरअसल ईनाम एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो किसानों के लिए बनाया गया है. यहां किसान अपना उत्पाद खुद ही बेचते हैं और पैसा भी ऑनलाइन उनके अकाउंट में आ जाता है . लॉकडाउन होने के कारण हजारीबाग में तरबूज की कीमत अच्छी नहीं मिल रही थी. ऐसे में किसान भी काफी परेशान थे. उन्हें जितना लागत तरबूज उगाने में लग रहा था वो भी वापस नहीं आता था, लेकिन अबर ईनाम पोर्ट्ल के जरिये किसानों का तरबूज भी आसानी से बिक रहा है, साथ ही मुनाफा भी दोगुना मिल रहा है. आलम यह है कि स्थानीय बाजार में जहां 5 किलो तरबूज बिक रहा था, वह 10 से 11 रु. किलो ऑनलाइन बिक रहा है. ऐसे में किसान गदगद हैं और मालामाल हो रहे हैं.

Online watermelon sold for the first time in Hazaribag
खेतों में तरबूज

किसानों को हो रहा दोगुना फायदा

किसानों का कहना है कि हम लोग बहुत ही मेहनत से तरबूज लगाए थे और जब परिश्रम का परिणाम नहीं मिले तो बहुत ही परेशानी होती है. हमारा पूंजी भी लगा हुआ है. ऐसे में मौसम भी साथ नहीं दे रहा था, लेकिन ईनाम ने साथ दिया और हम लोगों को मालामाल कर दिया.

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तरबूज ने किसानों की जगाई उम्मीद

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वहीं कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिवराकेश कुमार सिंह ने कहा कि ईनाम अच्छा पोर्टल साबित हो रहा है, इससे जुड़ने के बाद किसानों का अच्छा व्यवसाय हो रहा है और उनका उत्पाद राज्य के कोने कोने तक पहुंच रहा है. हजारीबाग से 2 जिलों में पहुंचाया तरबूज पहंचाया गया, जहां व्यवसायियों ने 7 से 8 क्विंटल तरबूज खरिदा है. ऐसे में किसानों को भी फायदा हुआ है और खरीदार भी पौष्टिक शुद्ध और स्वादिष्ट तरबूज का आनंद ले रहे हैं.

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