हजारीबाग: जिला हजारीबाग इन दिनों घोटाला को लेकर सुर्खियों में है. इस बार हजारीबाग के बरकट्ठा में टेंडर घोटाला प्रकाश में आया है (Tender scam in Hazaribag), जहां भवन प्रमंडल विभाग में टेंडर पेपर नहीं बेच कर अपने लोगों को ही मदद पहुंचाने का आरोप लगा है. आलम यह रहा कि इस घोटाले की लपट रांची तक पहुंच चुकी है. ऐसे में 14 टेंडर रद्द करने का आदेश निर्गत किया गया है.
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टेंडर घोटाले को लेकर हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल भी भवन प्रमंडल के दफ्तर पहुंचे और उन्होंने कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार की जमकर क्लास लगायी. उन्होंने कहा कि आप लोग आखिर कैसे टेंडर मैनेज कर रहे हैं. दरअसल, पिछले दिनों भवन प्रमंडल ने 14 टेंडर निकाला था. सभी टेंडरों में तीन लोगों ने ही पेपर खरीदा और टेंडर भरा. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर यह कैसे हो सकता है कि सभी टेंडर में तीन लोगों ने कागज डाला.
हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि हम लोगों ने इसकी शिकायत रांची सचिवालय में भी की है. उसी का नतीजा है कि 14 टेंडर रद्द किए जाने के आदेश निर्गत किया गया है. भवन प्रमंडल में सिर्फ और सिर्फ टेंडर मैनेज किया जा रहा है. अलाम यह है कि पदाधिकारी टेंडर मैनेज करने के नाम पर उगाही कर रहे हैं. इसकी शिकायत हजारीबाग उपायुक्त को भी दी जाएगी. सत्र के दौरान भी यह मामला सदन में उठाया जाएगा.
भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि यहां कोई भी टेंडर मैनेज नहीं किया गया है. सभी टेंडर नियमानुसार भरे गए हैं. उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि तीन लोगों ने पेपर खरीदा, लेकिन उनका यह भी कहना है कि रांची से हम लोगों को 14 टेंडर रद्द करने का आदेश निर्गत किया गया है. ऐसे में हम लोग आदेश का पालन भी करने जा रहे हैं. हमारे कार्यालय में किसी भी तरह का टेंडर मैनेज या घोटाला नहीं हुआ है. वहीं, जब उनसे पूछा गया कि विधायक मनीष जायसवाल ने जो आरोप लगाया है उस पर क्या कहना है तो उन्होंने चुप्पी साध ली.