हजारीबागः एनडीआरएफ की टीम आपदा के समय प्रभावितों के भले के लिए काम करती है. यह आम जनता के साथ-साथ संस्था को ट्रेनिंग भी देती है. इस बाबत इन दिनों हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची, लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिना किसी ट्रेनिंग दिए ही लौट गई, क्योंकि उन्हें अस्पताल प्रबंधन से मदद नहीं मिली.
दिल्ली आगजनी के बाद एनडीआरएफ सजग
दिल्ली में हुए अस्पताल में आगजनी के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं. ऐसे में सरकार ने यह कोशिश की है कि संस्था को भी सुदृढ़ किया जाए कि अगर कोई आपदा हो जाए तो कैसे लड़ा जाए और बचाव किया जाए. इसी बाबत हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची, जो विभिन्न संस्था, स्कूल और फैक्ट्री में आपदा के समय कैसे लोगों को सुरक्षित किया जाए, इसे लेकर जानकारी दे रही है. लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल से एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार को बिना ट्रेनिंग दिए ही लौट गई.
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एनडीआरएफ की टीम मायूस लौटी
दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एनडीआरएफ की टीम को प्रशिक्षण देना था और मॉक ड्रिल करना था. ताकि वहां के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को अपडेट किया जा सके. लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि 3 घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा और अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी भी तरह की सहायता नहीं देने के कारण उन्हें बिना ट्रेनिंग दिए लौटना पड़ा. इस बाबत डॉक्टरों ने कहा कि मीटिंग होने के कारण वे व्यस्त हैं और कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते. हजारीबाग के सिविल सर्जन भी इन दिनों हजारीबाग से बाहर हैं. ऐसे में मेडिकल कॉलेज सुपरिटेंडेंट ऑफिसर ने भी किसी तरह की सहायता नहीं की. बिहार के बिहटा से आई टीम काफी निराश भी हुई और कहा कि वे कोशिश करेंगे कि भविष्य में फिर से अस्पताल के लोगों को आपदा से लड़ने की टिप्स देंगे. लेकिन मदद नहीं मिलना उन लोगों के लिए मायूसी वाली बात रही.