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बिना ट्रेनिंग दिए NDRF की टीम लौटी वापस, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल देने आई थी ट्रेनिंग

हजारीबाग से एनडीआरएफ की टीम खाली हाथ लौट गई. यह टीम हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आपदा से बचने के लिए ट्रेनिंग देने पहुंची थी. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से सहयोग नहीं मिलने पर टीम वापस लौट गई.

बैरन लोटी NDRF की टीम, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिखाने आई थी आपदा से बचने के गुर
NDRF की टीम
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Published : Jan 17, 2020, 6:57 PM IST

हजारीबागः एनडीआरएफ की टीम आपदा के समय प्रभावितों के भले के लिए काम करती है. यह आम जनता के साथ-साथ संस्था को ट्रेनिंग भी देती है. इस बाबत इन दिनों हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची, लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिना किसी ट्रेनिंग दिए ही लौट गई, क्योंकि उन्हें अस्पताल प्रबंधन से मदद नहीं मिली.

देखें पूरी खबर

दिल्ली आगजनी के बाद एनडीआरएफ सजग
दिल्ली में हुए अस्पताल में आगजनी के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं. ऐसे में सरकार ने यह कोशिश की है कि संस्था को भी सुदृढ़ किया जाए कि अगर कोई आपदा हो जाए तो कैसे लड़ा जाए और बचाव किया जाए. इसी बाबत हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची, जो विभिन्न संस्था, स्कूल और फैक्ट्री में आपदा के समय कैसे लोगों को सुरक्षित किया जाए, इसे लेकर जानकारी दे रही है. लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल से एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार को बिना ट्रेनिंग दिए ही लौट गई.

और पढ़ें- श्रमदान से बना माइक्रो बांध, 200 लोगों ने एक साथ मिलकर दिया सहयोग

एनडीआरएफ की टीम मायूस लौटी

दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एनडीआरएफ की टीम को प्रशिक्षण देना था और मॉक ड्रिल करना था. ताकि वहां के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को अपडेट किया जा सके. लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि 3 घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा और अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी भी तरह की सहायता नहीं देने के कारण उन्हें बिना ट्रेनिंग दिए लौटना पड़ा. इस बाबत डॉक्टरों ने कहा कि मीटिंग होने के कारण वे व्यस्त हैं और कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते. हजारीबाग के सिविल सर्जन भी इन दिनों हजारीबाग से बाहर हैं. ऐसे में मेडिकल कॉलेज सुपरिटेंडेंट ऑफिसर ने भी किसी तरह की सहायता नहीं की. बिहार के बिहटा से आई टीम काफी निराश भी हुई और कहा कि वे कोशिश करेंगे कि भविष्य में फिर से अस्पताल के लोगों को आपदा से लड़ने की टिप्स देंगे. लेकिन मदद नहीं मिलना उन लोगों के लिए मायूसी वाली बात रही.

हजारीबागः एनडीआरएफ की टीम आपदा के समय प्रभावितों के भले के लिए काम करती है. यह आम जनता के साथ-साथ संस्था को ट्रेनिंग भी देती है. इस बाबत इन दिनों हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची, लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिना किसी ट्रेनिंग दिए ही लौट गई, क्योंकि उन्हें अस्पताल प्रबंधन से मदद नहीं मिली.

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दिल्ली आगजनी के बाद एनडीआरएफ सजग
दिल्ली में हुए अस्पताल में आगजनी के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं. ऐसे में सरकार ने यह कोशिश की है कि संस्था को भी सुदृढ़ किया जाए कि अगर कोई आपदा हो जाए तो कैसे लड़ा जाए और बचाव किया जाए. इसी बाबत हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची, जो विभिन्न संस्था, स्कूल और फैक्ट्री में आपदा के समय कैसे लोगों को सुरक्षित किया जाए, इसे लेकर जानकारी दे रही है. लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल से एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार को बिना ट्रेनिंग दिए ही लौट गई.

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एनडीआरएफ की टीम मायूस लौटी

दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एनडीआरएफ की टीम को प्रशिक्षण देना था और मॉक ड्रिल करना था. ताकि वहां के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को अपडेट किया जा सके. लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि 3 घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा और अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी भी तरह की सहायता नहीं देने के कारण उन्हें बिना ट्रेनिंग दिए लौटना पड़ा. इस बाबत डॉक्टरों ने कहा कि मीटिंग होने के कारण वे व्यस्त हैं और कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते. हजारीबाग के सिविल सर्जन भी इन दिनों हजारीबाग से बाहर हैं. ऐसे में मेडिकल कॉलेज सुपरिटेंडेंट ऑफिसर ने भी किसी तरह की सहायता नहीं की. बिहार के बिहटा से आई टीम काफी निराश भी हुई और कहा कि वे कोशिश करेंगे कि भविष्य में फिर से अस्पताल के लोगों को आपदा से लड़ने की टिप्स देंगे. लेकिन मदद नहीं मिलना उन लोगों के लिए मायूसी वाली बात रही.

Intro:राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एक पुलिस बल है ।जिसका निर्माण डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के कानून के तहत किसी आपातकाल यह आपदा के समय विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता के साथ संगठित होकर प्रभावित और हताहतों के भले के लिए काम करना है। जो आम जनता के साथ-साथ संस्था को ट्रेनिंग भी देती है कि अगर आपदा हो जाए तो आप उसे कैसे लडा जाए। इस बाबत इन दिनों हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे बिना किसी ट्रेनिंग दिए ही बैरन लॉर्ड गई ।क्योंकि उन्हें अस्पताल प्रबंधन से मदद नहीं मिली।




Body:हाल के दिनों में दिल्ली में हुए अस्पताल में आगजनी के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़ा हुए हैं ।ऐसे में सरकार के द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि संस्था को भी सुदृढ़ किया जाए कि अगर कोई आपदा हो जाए तो कैसे लड़ा जाए और बचाव किया जाए। इस बाबत हजारीबाग में भी एनडीआरएफ की टीम पहुंची है। जो विभिन्न संस्था ,स्कूल और फैक्ट्री में आपदा के समय कैसे लोगों को सुरक्षित किया जाए इसे लेकर जानकारी दे रही है। लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनडीआरएफ की टीम आज बैरन लौट गई।दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूर्व कार्यक्रम के तहत एनडीआरएफ की टीम को प्रशिक्षण देना था और मॉक ड्रिल करना था। ताकि वहां के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को अपडेट किया जा सके। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि 3 घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा और अस्पताल प्रबंधन के द्वारा किसी भी तरह की सहायता नहीं देने के कारण उन्हें बैरन लौटना पड़ा।

ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि अस्पताल ने क्यों नहीं टीम को मदद किया और आपदा से लड़ने की जानकारी ली। इस बाबत डॉक्टरों ने यह कह दिया कि मीटिंग होने के कारण हम व्यस्त हैं और इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते हैं ।हजारीबाग के सिविल सर्जन भी इन दिनों हजारीबाग से बाहर है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज सुपरिटेंडेंट ऑफिसर ने भी किसी तरह का सहायता नहीं किया।

ऐसे में बिहार बीटा से आई टीम काफी निराश भी हुई और कहा कि हम कोशिश करेंगे कि भविष्य में फिर से अस्पताल के लोगों को आपदा से लड़ने की टिप्स देंगे। लेकिन मदद नहीं मिलना उन लोगों के लिए मायूसी वाली बात रही।

byte..... संतोष कुमार इंस्पेक्टर 9 एनडीआरएफ बिहटा पटना


Conclusion:ऐसे में अस्पताल प्रबंधन सवाल के घेरे में है कि अगर भविष्य में कोई घटना घटती है तो कैसे वहां के लोग मरीजों को सुरक्षा दे पाएंगे।
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