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रूपेश के परिजनों से मिले एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो, बच्चे को इंसाफ दिलाना उद्देश्य- प्रियंक

हजारीबाग में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो रूपेश के परिजनों से मिले. परिजनों से उन्होंने घटना की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि बरही में मारे गए बच्चे को इंसाफ दिलाना मुख्य उद्देश्य है.

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग
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Published : Feb 20, 2022, 8:25 PM IST

Updated : Feb 20, 2022, 8:38 PM IST

हजारीबागः बरही में हुए रूपेश पांडे की संदिग्ध मौत को लेकर अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो रविवार को हजारीबाग के बरही प्रखंड के नईटांड़ पहुंचकर रूपेश पांडे के परिजनों से मुलाकात की. इसके साथ ही कई वरीय अधिकारियों से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली है.

इसे भी पढ़ें- रूपेश पांडे हत्याकांड: झारखंड पहुंचे राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष, कहा- बच्चों के अधिकारों का नहीं होने देंगे हनन

हजारीबाग में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो रूपेश के परिजनों से मिले. परिजनों से उन्होंने घटना की जानकारी ली. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने धनबाद रोड स्थित एक होटल में हजारीबाग एसपी से पूरी जानकारी प्राप्त किया. इसके बाद उन्होंने अनुसंधानकर्ता, एसडीपीओ, सीडब्ल्यूसी और बरही अस्पताल में जिस डॉक्टर ने बालक का इलाज किया उससे जानकारी इकट्ठा की है. अंत में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक से भी पूछताछ की. आयोग के अध्यक्ष ने मृतक मां उर्मिला देवी से अकेले में मुलाकात कर घटना की जानकारी ली.

देखें पूरी खबर

एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पत्रकारों से कहा कि बरही में हुए जघन्य हत्याकांड में जान गंवा चुके बालक को न्याय दिलाने के उद्देश्य से यहां पर इंक्वायरी की जा रही है, सभी तथ्यों को अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल करेंगे. उन्होंने आश्वस्त किया कि मृतक बालक से संबंधित किसी भी गवाह को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा. घटना के बाद सरकार बच्चों को प्रताड़ित ना करें. देश में बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए न्याय किशोर अधिनियम लागू है. उसके प्रावधानों का पूर्ण रूपेण अनुपालन हों, यह सुनिश्चित करवाने का काम बाल आयोग करेगा. उन्होंने पीड़ित परिवार से कहा कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए आयोग उनके साथ है. न्याय और हक की लड़ाई लड़ने के लिए हम उनको सुरक्षा और संरक्षण के लिए तत्पर हैं. जांच के दौरान उन्हें कुछ तथ्य मिलें है, जो न्याय किशोर अधिनियम प्रावधान के विपरीत है.


रूपेश की हत्या के बाद हुई आगजनी मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम को करियातपुर के ग्रामीणों ने आवेदन सौंपा है. आवेदन में उन्होंने बताया कि रूपेश पांडेय की हत्या की खबर के बाद कुछ सामाजिक तत्वों ने दुलमाहा में आगजनी को अंजाम दिया गया था. घटना के एफआईआर में ज्यादातर बच्चों के नाम दे दिए गए हैं, जो घटनास्थल पर नहीं थे और उन लोगों की उम्र 18 वर्ष से भी कम है. ग्रामीणों ने मांग की है कि उन बच्चों का नाम वापस लिया जाए, इसके लिए आयोग संज्ञान ले.

हजारीबागः बरही में हुए रूपेश पांडे की संदिग्ध मौत को लेकर अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो रविवार को हजारीबाग के बरही प्रखंड के नईटांड़ पहुंचकर रूपेश पांडे के परिजनों से मुलाकात की. इसके साथ ही कई वरीय अधिकारियों से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली है.

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हजारीबाग में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो रूपेश के परिजनों से मिले. परिजनों से उन्होंने घटना की जानकारी ली. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने धनबाद रोड स्थित एक होटल में हजारीबाग एसपी से पूरी जानकारी प्राप्त किया. इसके बाद उन्होंने अनुसंधानकर्ता, एसडीपीओ, सीडब्ल्यूसी और बरही अस्पताल में जिस डॉक्टर ने बालक का इलाज किया उससे जानकारी इकट्ठा की है. अंत में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक से भी पूछताछ की. आयोग के अध्यक्ष ने मृतक मां उर्मिला देवी से अकेले में मुलाकात कर घटना की जानकारी ली.

देखें पूरी खबर

एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पत्रकारों से कहा कि बरही में हुए जघन्य हत्याकांड में जान गंवा चुके बालक को न्याय दिलाने के उद्देश्य से यहां पर इंक्वायरी की जा रही है, सभी तथ्यों को अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल करेंगे. उन्होंने आश्वस्त किया कि मृतक बालक से संबंधित किसी भी गवाह को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा. घटना के बाद सरकार बच्चों को प्रताड़ित ना करें. देश में बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए न्याय किशोर अधिनियम लागू है. उसके प्रावधानों का पूर्ण रूपेण अनुपालन हों, यह सुनिश्चित करवाने का काम बाल आयोग करेगा. उन्होंने पीड़ित परिवार से कहा कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए आयोग उनके साथ है. न्याय और हक की लड़ाई लड़ने के लिए हम उनको सुरक्षा और संरक्षण के लिए तत्पर हैं. जांच के दौरान उन्हें कुछ तथ्य मिलें है, जो न्याय किशोर अधिनियम प्रावधान के विपरीत है.


रूपेश की हत्या के बाद हुई आगजनी मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम को करियातपुर के ग्रामीणों ने आवेदन सौंपा है. आवेदन में उन्होंने बताया कि रूपेश पांडेय की हत्या की खबर के बाद कुछ सामाजिक तत्वों ने दुलमाहा में आगजनी को अंजाम दिया गया था. घटना के एफआईआर में ज्यादातर बच्चों के नाम दे दिए गए हैं, जो घटनास्थल पर नहीं थे और उन लोगों की उम्र 18 वर्ष से भी कम है. ग्रामीणों ने मांग की है कि उन बच्चों का नाम वापस लिया जाए, इसके लिए आयोग संज्ञान ले.

Last Updated : Feb 20, 2022, 8:38 PM IST
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