हजारीबाग: झारखंड में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसके रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के सामने बाहर से आए मजदूरों को चिन्हित करना सबसे बड़ी चुनौती है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान मुखिया का हो रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन भी मुखिया को धन्यवाद दे रहे हैं. मुखिया पंचायत में दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों पर लगातार नजर रख रहा है और उसे जिला प्रशासन की मदद से क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.
लोकतंत्र का सबसे निचला पायदान पंचायत माना जाता है. जब पंचायत का मुखिया जिला प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाए तो क्षेत्र का विकास भी होता है और समस्याओं का समाधान भी. ऐसे में हजारीबाग समेत पूरे राज्य भर में इस कोरोना काल में मुखिया का अहम योगदान हो गया है. मुखिया बाहर से आए लोगों पर नजर भी रखे हुए हैं और उसकी सूचना जिला प्रशासन को दे रहा है. यही नहीं मुखिया बाहर से आए लोगों का समुचित इलाज भी करवा रहा है और उन्हें खाने के लिए अनाज भी दिया जा रहा है. मुखिया होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे संदिग्ध लोगों को राशन भी पहुंचा रहा है, साथ ही उन लोगों को मास्क और हाथ धोने का तरीका भी बता रहे हैं, ताकि वह सुरक्षित रहें और पूरा पंचायत भी सुरक्षित रह सके.
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हजारीबाग जिला प्रशासन का भी मानना है कि बिना मुखिया के सहयोग से जमीनी स्तर पर काम नहीं हो सकता है, जो योजना प्रवासी मजदूर के लिए चलाए जा रहे हैं उसमें भी मुखिया का महत्वपूर्ण योगदान है, साथ में वैसे लोग जो दूर-दराज से पहुंचे हैं उन पर भी मुखिया नजर रखे हुए है, क्योंकि कई लोग ऐसे भी हैं जो छुप-छुपा के गांव पहुंच रहे हैं, ऐसे में मुखिया हर घर पर नजर रखे हैं और इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को दे रहा है, यही कारण है कि हजारीबाग में एक भी व्यक्ति संक्रमित बाहर का नहीं मिला है, जो भी संक्रमित पाए गए हैं सभी होम क्वॉरेंटाइन से मिले हैं.