हजारीबाग: विधानसभा चुनाव के बाद हेमंत सरकार स्वरूप में भी आ चुकी है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अपनी हार को लेकर भी मंथन कर रही है. जयंत सिन्हा का मानना है कि अगर हम हारे हैं तो उसका कहीं ना कहीं कारण गठबंधन का टूटना है. वहीं उन्होंने सरकार पर भी टिप्पणी किया है और कहा है कि इस सरकार का हनीमून पीरियड काफी छोटा है.
हेमंत सोरेन को दी बधाई
झारखंड विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने सरकार बना लिया है, ऐसे में हजारीबाग के सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने हेमंत सोरेन को शुभकामनाएं दी है. उन्होंने उनसे उम्मीद की है कि वह जनाकांक्षा पर खरे उतरेंगे. लेकिन उन्होंने चिंता भी जाहिर किया है कि हेमंत सोरेन का राजनीतिक हनीमून पीरियड जो चल रहा है वह काफी छोटा लग रहा है. क्योंकि राज्य भर में नागरिकता संशोधन बिल और विधि व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ाती जा आ रही है. ऐसे में अगर वह जल्द से जल्द नियंत्रण नहीं किए तो जन आकांक्षा पर वह खड़ा नहीं उतरेंगे. इसके साथ ही कई योजनाएं भी चल रही है उसे कायम रखना भी राज्य सरकार की जिम्मेवारी होगी.
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जनमुद्दों को लेकर बनाएंगे सरकार पर दबाव
जयंत सिन्हा ने आगे कहा कि अगर सरकार योजनाओं को धरातल पर नहीं उतर पाती है तो हम विपक्ष की भूमिका निभाते हुए उन पर दबाव भी बनाएंगे. तो दूसरी ओर उन्होंने अपनी हार की समीक्षा करते हुए यह भी कहा कि अगर हम आजसू के साथ गठबंधन करते हैं तो हमें 41 सीटें आती. जो वर्तमान में वोट बटवारा का प्रतिशत को देखते हुए प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि हजारीबाग में दो विधानसभा सीट पर जीत दर्ज किए हैं और अगर गठबंधन होता तो हम सभी सीटें जीतते.
गठबंधन टूटना हार का कारण
इधर, जयंत सिन्हा का मानना है कि गठबंधन टूटना पार्टी के हार का कारण बना है. ऐसे में अब पार्टी खुद को कैसे संभालती है यह भी एक बड़ी चुनौती रहेगी. तो दूसरी ओर सिन्हा का हेमंत सरकार पर जन योजनाओं को धरातल पर उतारने का सपना कितना खरा उतरता है यह भी भविष्य के गर्भ में रहेगा.