हजारीबागः केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया लगातार आ रही है. झारखंड के नेताओं इसको लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया जाहिर की है. हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा बजट को लेकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत का बजट देश को आर्थिक संपन्नता के स्वर्णिम दौर में ले जाएगा. वहीं विधायक अंबा प्रसाद ने केंद्रीय बजट को मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसा करार दिया है.
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हजारीबाग सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति जयंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जन-जन की आकांक्षाओं को पूरा करने वाले बजट बताया है. सांसद ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का बजट देश को आर्थिक संपन्नता के स्वर्णिम दौर में ले जाएगा. उन्होंने कहा कि यह बजट विकास को गति देते हुए देश को आर्थिक संपन्नता के स्वर्णिम दौर में ले जाएगा. इस बजट में निवेश को बढ़ोतरी दी गयी है. कैपिटल एक्सपेंडिचर को 5.5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ किया गया है. इससे रोजगार और उत्पादन में वृद्धि होगी. देश में सस्टेनेबिलिटी और नेट जीरो के लक्ष्य हासिल करने हेतु प्रोत्साहन दिए गए हैं. साथ ही नीतियों में स्थिरता लायी गयी है.
सांसद ने कहा कि आम बजट 2022 कोरोना संकट में भी तेजी से बढ़ती भारत की अर्थव्यवस्था का सशक्त उदाहरण है. बजट को बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ करना मोदी सरकार की सफल नीतियों, क्षमता व दृढ़इच्छाशक्ति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का बजट युवाओं, किसानों व महिलाओं समेत हर वर्ग को मजबूत बनाएगा. सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि यह दूरदर्शी बजट आने वाले वर्षों में न्यू इंडिया के निर्माण को विस्तार और 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को गति देगा. इसमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को हासिल करने हेतु हर प्रावधान किए गए हैं.
आम बजट 2022 को लेकर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. केंद्र सरकार द्वारा वार्षिक बजट के खिलाफ प्रतिक्रिया देते हुए अंबा प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसा प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान बेरोजगारी चरम सीमा पर है. युवाओं को रोजगार के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. महंगाई ने गरीबों का जीना दूभर कर दिया है. महंगाई के इस दौर में गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए किसी भी तरह की राहत नहीं है. यह एक ऐसा बजट है जो भारत को 25 साल और पीछे करने जा रही है. केंद्र सरकार भारत को 100 वर्ष का बजट बता रही है लेकिन वस्तुस्थिति यही है कि अच्छे दिनों के सपने को सिर्फ बंद आंखों से ही देख सकते हैं.
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विधायक ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दैनिक गरीबों, किसानों और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए कुछ नहीं किया है. सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातों को भुनाना चाहती है जिसका कोई मतलब नहीं है. सरकार ने रेलवे के लिए 1 लाख 48 हजार 528 करोड़ रुपए दिए हैं पर इससे आम रेल यात्रियों के लिए कोई फायदा नहीं होगा. मध्यम वर्ग को करों में कोई छूट नहीं मिल पाई और तो और उनके रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी होने से जेब पर उल्टा असर पड़ेगा. ये बजट अच्छे दिनों को और दूर धकेलता दिख रहा है और भारतवासियों के साथ विश्वासघात किया गया है.
उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि आम आदमी के हिस्से में एक बार फिर मायूसी ही आई है. मोदी सरकार की अनर्थनीति ने देश पर ऋण बढ़ाने का ही काम किया है. देश के लिए मोदी सरकार की नीति देश को उल्टा ले जा रही है. रोजगार के वादे खोखले निकले और फिर से 60 लाख रोजगार देने का वादा दे दिया गया. बोले थे कि 2 करोड़ रोज़गार हर साल देंगे यानी 7 साल में 14 करोड़ रोजगार, उल्टा कोरोना में कोरोना में 12 करोड़ रोजगार चले गए. कहा गया था कि साल 2022 तक किसान की आय दुगनी होगी पर पिछले साल की उनकी किसान विरोधी चाल उजागर हो गई. इस बजट में फिर से MSP गारंटी की चर्चा नहीं की गयी, खेती का बजट बढ़ा सिर्फ 2.7%.साबित है केंद्र सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं, मध्यम वर्ग की विरोधी सरकार है.