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VBU में छात्राओं की संख्या छात्र से ज्यादा, प्रोत्साहित करने के लिए किए जाते हैं कई प्रयास - Vinoba Bhave University

उच्च शिक्षा और शोध किसी भी राष्ट्र के विकास की प्रगति की रीढ़ होती है. अगर उच्च शिक्षा में छात्राओं का रुझान अधिक हो तो समाज की आंख खोलने और राष्ट्र के विकास के लिए काफी मददगार होता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय में. जहां छात्राओं की संख्या छात्र की तुलना में अधिक है, जो विकसित समाज के लिए काफी अच्छे संकेत है.

Vinoba Bhave University
विनोबा भावे विश्वविद्यालय
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Published : Apr 11, 2021, 10:11 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 9:41 PM IST

हजारीबाग: उच्च शिक्षा और शोध किसी राष्ट्र के विकास की प्रगति की रीढ़ होती है. उच्च शिक्षा में अगर छात्राओं का रुझान अधिक हो तो माना जाता है कि छात्राएं भी राष्ट्रीय विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती है. हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में छात्राओं की संख्या छात्र की तुलना में अधिक है. जो यह बताती है कि हजारीबाग के अभिभावक और विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्राओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं.

देखें स्पेशल खबर

ये भी पढ़ें-विनोबा भावे विश्वविद्यालय में बनेगा ट्राइबल स्टडी सेंटर, विलुप्त हो रही जनजाति की मिलेगी जानकारी

महिलाओं को सशक्त बनाने की तैयारी

आज की दुनिया में लोगों की सोच ज्यादा संकुचित स्वार्थी और संगीन होती जा रही है. ऐसे हालात में भी सभी को सामान अवसर मिले और भेदभाव का शिकार होने वाली महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर सके. राष्ट्रपति ने भी अपने संबोधन के दौरान यह कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात (जीआईआर) को वर्ष 2035 तक 50% अंक बढ़ाना है, जिसमें तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महिला छात्राओं की उधारी बेहद कम हो. ऐसे में हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां लड़कियों की संख्या तुलनात्मक दृष्टिकोण से लड़कों की संख्या से अधिक है.

More number of girls in Saint columbus college
संत कोलंबस कॉलेज

छात्राओं को हर क्षेत्र में मिल रही है मदद

इस बाबत विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से 3% अतिरिक्त आरक्षण भी महिलाओं को दिया गया है. जिस कारण छात्राओं की संख्या विश्वविद्यालय में अधिक है. अगर वर्तमान की बात की जाए तो स्नातक के विभिन्न विभाग में विश्वविद्यालय में 38 हजार 165 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया, जिसमें 19 हजार 583 छात्राएं हैं. वही स्नाकोत्तर के विभिन्न विभाग की बात की जाए तो 4 हजार 665 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है, जिसमें छात्राओं की संख्या 2 हजार 914 है. ऐसे में स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डॉ. इंद्रजीत कुमार कहते हैं कि यह एक अच्छा संकेत है, जब एक महिला पढ़ती है तो पूरा परिवार पढ़ता है और हमारा विश्वविद्यालय छात्राओं को हर क्षेत्र में मदद भी करता है.

More number of girls in Vinoba Bhave University
कॉलेज से बाहर जाती छात्राएं

ये भी पढ़ें-विनोबा भावे विश्वविद्यालय में होगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई, बनाई जा रही रूपरेखा

सुरक्षा के दृष्टिकोण से है विशेष इंतजाम

दूसरी ओर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव का कहना है कि वो लोग छात्राओं को प्रमोट करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. बीच-बीच में छात्राओं का सेमिनार होता है, उन्हें बताते हैं कि उनका अधिकार क्या है, वह आगे क्या कर सकती हैं. इसके अलावा सुरक्षा के दृष्टिकोण से विशेष रूप से इंतजाम किया गया है, सीसीटीवी कैमरे से लैस है, गाड़ी की भी व्यवस्था की गई है. जिससे छात्राएं सुरक्षित विश्वविद्यालय पहुंचे और पढ़ाई करें. ऐसे में छात्राओं की संख्या भी बढ़ी है.

Vinoba Bhave University
कक्षा में बैठी छात्राएं

कॉलेज जाने के लिए छात्राओं में उत्साह

हजारीबाग का एकमात्र महिला केबी वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर रेखा रानी कहती हैं कि पिछले 10 सालों से वह कालेज में सेवा दे रही हैं. पहले और वर्तमान स्थिति में काफी अंतर हुआ है. छात्राएं अब कॉलेज जाने के लिए उत्साहित भी रहती हैं. वो चाहती हैं कि अधिक से अधिक छात्राएं कॉलेज पहुंचे और उच्च शिक्षा प्राप्त करे. ऐसे में उनके अभिभावक भी मदद करते हैं. सिर्फ सामान्य पढ़ाई ही नहीं, बल्कि अब छात्राएं व्यवसायिक शिक्षा की ओर भी आगे आ रही है.

ये भी पढ़ें-विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कर्मचारियों पर वित्तीय अनियमितता का आरोप, धरने पर आजसू छात्र संघ सदस्य

ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं के लिए मुफ्त बस सेवा

शहर में छात्राएं तो कॉलेज पहुंच जाती है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या ग्रामीण क्षेत्र में होती है. क्योंकि हजारीबाग एक ग्रामीण इलाका है. ऐसे में गांव की छात्राएं कॉलेज कैसे पहुंचे, यह एक बहुत बड़ी चुनौती है. ऐसे में हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल भी छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज भेजने के लिए कदम बढ़ाया है. वो सुदूरवर्ती कटकमदाग प्रखंड से एक बस छात्राओं के लिए वीमेंस कॉलेज भेजते हैं, जिससे छात्राएं सुरक्षित पहुंचती है. ऐसे में उनका कहना है कि उन्हें इस सेवा का विस्तार भी करना है. कई इलाकों से बस चलाना है, ताकि छात्राएं कॉलेज पहुंच सके. उनका कहना है कि यह प्रयोग सकारात्मक भी हुआ है. ग्रामीण क्षेत्र की छात्राएं कॉलेज आ रही है. इस बस में सिर्फ छात्राएं आती हैं. जिसमें उनके अभिभावक और किसी भी अन्य लोगों के आने पर पाबंदी रहती है.

राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका अहम

हजारीबाग में उच्च शिक्षा को लेकर छात्रों में जिस तरह से रुझान दिख रहा है. यह अच्छा संकेत माना जाए कि अब छात्राएं भी छात्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर उच्च शिक्षा की ओर आगे आ रही हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन भी सकारात्मक कदम उठा रही है. जरूरत है और भी अधिक संख्या को बढ़ाने की. जिससे छात्राएं अपना करियर बना सके और राष्ट्र निर्माण में उनकी अहम भूमिका सुनिश्चित हो सके.

हजारीबाग: उच्च शिक्षा और शोध किसी राष्ट्र के विकास की प्रगति की रीढ़ होती है. उच्च शिक्षा में अगर छात्राओं का रुझान अधिक हो तो माना जाता है कि छात्राएं भी राष्ट्रीय विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती है. हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में छात्राओं की संख्या छात्र की तुलना में अधिक है. जो यह बताती है कि हजारीबाग के अभिभावक और विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्राओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं.

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महिलाओं को सशक्त बनाने की तैयारी

आज की दुनिया में लोगों की सोच ज्यादा संकुचित स्वार्थी और संगीन होती जा रही है. ऐसे हालात में भी सभी को सामान अवसर मिले और भेदभाव का शिकार होने वाली महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर सके. राष्ट्रपति ने भी अपने संबोधन के दौरान यह कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात (जीआईआर) को वर्ष 2035 तक 50% अंक बढ़ाना है, जिसमें तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महिला छात्राओं की उधारी बेहद कम हो. ऐसे में हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां लड़कियों की संख्या तुलनात्मक दृष्टिकोण से लड़कों की संख्या से अधिक है.

More number of girls in Saint columbus college
संत कोलंबस कॉलेज

छात्राओं को हर क्षेत्र में मिल रही है मदद

इस बाबत विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से 3% अतिरिक्त आरक्षण भी महिलाओं को दिया गया है. जिस कारण छात्राओं की संख्या विश्वविद्यालय में अधिक है. अगर वर्तमान की बात की जाए तो स्नातक के विभिन्न विभाग में विश्वविद्यालय में 38 हजार 165 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया, जिसमें 19 हजार 583 छात्राएं हैं. वही स्नाकोत्तर के विभिन्न विभाग की बात की जाए तो 4 हजार 665 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है, जिसमें छात्राओं की संख्या 2 हजार 914 है. ऐसे में स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डॉ. इंद्रजीत कुमार कहते हैं कि यह एक अच्छा संकेत है, जब एक महिला पढ़ती है तो पूरा परिवार पढ़ता है और हमारा विश्वविद्यालय छात्राओं को हर क्षेत्र में मदद भी करता है.

More number of girls in Vinoba Bhave University
कॉलेज से बाहर जाती छात्राएं

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सुरक्षा के दृष्टिकोण से है विशेष इंतजाम

दूसरी ओर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव का कहना है कि वो लोग छात्राओं को प्रमोट करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. बीच-बीच में छात्राओं का सेमिनार होता है, उन्हें बताते हैं कि उनका अधिकार क्या है, वह आगे क्या कर सकती हैं. इसके अलावा सुरक्षा के दृष्टिकोण से विशेष रूप से इंतजाम किया गया है, सीसीटीवी कैमरे से लैस है, गाड़ी की भी व्यवस्था की गई है. जिससे छात्राएं सुरक्षित विश्वविद्यालय पहुंचे और पढ़ाई करें. ऐसे में छात्राओं की संख्या भी बढ़ी है.

Vinoba Bhave University
कक्षा में बैठी छात्राएं

कॉलेज जाने के लिए छात्राओं में उत्साह

हजारीबाग का एकमात्र महिला केबी वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर रेखा रानी कहती हैं कि पिछले 10 सालों से वह कालेज में सेवा दे रही हैं. पहले और वर्तमान स्थिति में काफी अंतर हुआ है. छात्राएं अब कॉलेज जाने के लिए उत्साहित भी रहती हैं. वो चाहती हैं कि अधिक से अधिक छात्राएं कॉलेज पहुंचे और उच्च शिक्षा प्राप्त करे. ऐसे में उनके अभिभावक भी मदद करते हैं. सिर्फ सामान्य पढ़ाई ही नहीं, बल्कि अब छात्राएं व्यवसायिक शिक्षा की ओर भी आगे आ रही है.

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ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं के लिए मुफ्त बस सेवा

शहर में छात्राएं तो कॉलेज पहुंच जाती है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या ग्रामीण क्षेत्र में होती है. क्योंकि हजारीबाग एक ग्रामीण इलाका है. ऐसे में गांव की छात्राएं कॉलेज कैसे पहुंचे, यह एक बहुत बड़ी चुनौती है. ऐसे में हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल भी छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज भेजने के लिए कदम बढ़ाया है. वो सुदूरवर्ती कटकमदाग प्रखंड से एक बस छात्राओं के लिए वीमेंस कॉलेज भेजते हैं, जिससे छात्राएं सुरक्षित पहुंचती है. ऐसे में उनका कहना है कि उन्हें इस सेवा का विस्तार भी करना है. कई इलाकों से बस चलाना है, ताकि छात्राएं कॉलेज पहुंच सके. उनका कहना है कि यह प्रयोग सकारात्मक भी हुआ है. ग्रामीण क्षेत्र की छात्राएं कॉलेज आ रही है. इस बस में सिर्फ छात्राएं आती हैं. जिसमें उनके अभिभावक और किसी भी अन्य लोगों के आने पर पाबंदी रहती है.

राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका अहम

हजारीबाग में उच्च शिक्षा को लेकर छात्रों में जिस तरह से रुझान दिख रहा है. यह अच्छा संकेत माना जाए कि अब छात्राएं भी छात्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर उच्च शिक्षा की ओर आगे आ रही हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन भी सकारात्मक कदम उठा रही है. जरूरत है और भी अधिक संख्या को बढ़ाने की. जिससे छात्राएं अपना करियर बना सके और राष्ट्र निर्माण में उनकी अहम भूमिका सुनिश्चित हो सके.

Last Updated : Apr 12, 2021, 9:41 PM IST
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