हजारीबागः सरकारी आकड़ों के आधार पर 24 मई तक दस हजार से अधिक प्रवासी मजदूर घर पहुंचे हैं. बताया गया कि प्रखंड के 26 पंचायतों में विभिन्न प्रदेशों के रेड जोन से आने वाले मजदूरों के लिए पंचायत भवन सहित करीब 115 क्वॉरेंटाइन सेंटर संचालित किये जा रहे हैं. प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की संख्या बढ़ने के कारण पंचायत के ही स्कूल और आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन को क्वॉरेंटाइन केंद्र बना दिया गया.
ये भी पढ़ें- रांचीः सिकिदिरी घाटी में प्रवासी मजदूरों से भरी बस पलटी, 40 घायल
सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में 3090 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं और हजारों मजदूर होम क्वॉरेंटाइन में हैं. पंचायत भवन और पंचायत के अन्य क्वॉरेंटाइन में रह रहे. पंचायत स्तर पर क्वॉरेंटाइन प्रवासी मजदूर क्रमश: चौपारण में 111, जपुर में 18, चोरदाहा में 112, दादपुर में 76, झापा में 136, दैहर में 85, बेला में 121, बहेरा में 108, मानगढ़ में 44, पांड़ेबारा में 67, जगदीशपुर में 185, डेबो में 163, करमा में 243, सेलहरा में 135, गोविंदपुर में 18, भगहर में 197, पडरिया में 121, रामपुर में 279, बेलाही में 148, बरहमोरिया में 134, बसरिया में 154, चैथी में 58, चयकला में 42, यवनपुर में 98, बच्छई में 77 और सिंघरावां में 91 प्रवासी मजदूर रह रहे है. वहीं विधायक उमाशंकर अकेला कई क्वॉरेंटाइन सेंटरों का निरीक्षण कर प्रवासी मजदूरों की समस्या से अवगत हुए.