हजारीबाग: झारखंड के सैकड़ों बच्चे इन दिनों राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं. उन्हें लाने के लिए जहां सरकार ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष सरकार पर दबाव बना रही है. ऐसे में बच्चे अपने घर सकुशल कैसे लौटे यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है. इस बाबत कांग्रेस की बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि सीएम हेमंत पर इतना प्रेशर है. अगर आप जायजा लेंगे तो आपको दया आ जाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों काफी प्रैशर में हैं. विधायक ने कहा कि केंद्र से सहयोग भी नहीं मिल रहा है और कोटा से बच्चे को लाने की बात कही जा रही है.
उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश का सभी लोग उदाहरण दे रहे हैं. वहां सरकार भाजपा की है. अगर हम उसी ढंग से लाएं तो हमारे अधिकारी की नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है. अधिकारी पर केंद्र सरकार कार्रवाई भी कर सकती है. इन बातों को भी लोगों को समझना चाहिए. दरअसल, विधायक अंबा प्रसाद हजारीबाग आईं थी. उन्होंने यहां गरीबों को भोजन कराया और ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं. पिछले दिनों ईटीवी भारत से बात करते हुए हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने सरकार पर आरोप लगाया था कि वह कोटा से बच्चे लाने के लिए गंभीर नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि वक्त लड़ाई का नहीं है. बल्कि हम लोगों को मिलजुल कर काम करना है. ऐसे में एक बार फिर कोटा से बच्चों को लाने के लेकर राजनीति गर्म होती जा रही है. बता दें कि राजस्थान के कोटा में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यों से अपील की है कि वह अपने-अपने प्रदेश के छात्रों को ले जाएं. इसके बाद यूपी सरकार ने बस भेजकर अपने छात्रों को वहां से निकाला है. इसी तरह कई अन्य राज्य के मुख्यमंत्री भी अपने बच्चों को लाने के लिए कवायद शुरू कर दिए हैं.