ETV Bharat / state

हजारीबाग नगर निगम का हाल, जनप्रतिनिधियों की भी नहीं सुनते हैं अधिकारी - झारखंड न्यूज

शहर की देखभाल करना निगम की जिम्मेदारी होती है. लेकिन निगम में ही जब कुछ सही न हो तो, व्यवस्था को भगवान बचाए. ऐसा ही कुछ है हजारीबाग नगर निगम में. जहां  अधिकारी और जनप्रतिनिधियों में कोई तालमेल नहीं है.

हजारीबाग मेयर ने बुलाई बैठक
author img

By

Published : Jul 17, 2019, 5:52 PM IST

हजारीबाग: जिला नगर निगम का हाल बुरा है. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में नहीं बनती है. जनप्रतिनिधि अपनी लाचारी बयां करते नजर आ रहे हैं. इसको लेकर मेयर ने एक बैठक बुलाई. इस दौरान उन्होंने अपना दर्द पार्षदों के बीच बयां किया.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग नगर निगम के जनप्रतिनिधि आजकल अपने कक्ष की केवल शोभा बढ़ा रहे हैं. जनप्रतिनिधियों को काम करने के लिए अधिकारियों की मदद लेनी होती है. लेकिन अधिकारी जनप्रतिनिधियों की न सुन रहे हैं और न ही उनका फोन उठा रहे हैं. लेकिन जनप्रतिनिधि होने के कारण जनता सीधे उनसे सवाल करती है. जब सवाल का जवाब अधिकारी या फिर कर्मचारी से मांगा जाता है तो वह फोन उठाना पसंद नहीं करते हैं.

ये भी देखें-हजारीबागः बिजली की समस्या से लोग परेशान, नए कनेक्शन की मांग को लेकर महिलाएं उतरी सड़क पर

इसको लेकर जनप्रतिनिधि काफी परेशान और लाचार है. अपनी लाचारी को व्यक्त करते हुए मेयर ने कहा कि अब हजारीबाग का कुछ भी नहीं हो सकता है. सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है. अगर कुछ अच्छा करने की सोच भी रहती है तो विभाग की ओर से मदद नहीं मिलता है. इसको लेकर यहां के जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

हजारीबाग: जिला नगर निगम का हाल बुरा है. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में नहीं बनती है. जनप्रतिनिधि अपनी लाचारी बयां करते नजर आ रहे हैं. इसको लेकर मेयर ने एक बैठक बुलाई. इस दौरान उन्होंने अपना दर्द पार्षदों के बीच बयां किया.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग नगर निगम के जनप्रतिनिधि आजकल अपने कक्ष की केवल शोभा बढ़ा रहे हैं. जनप्रतिनिधियों को काम करने के लिए अधिकारियों की मदद लेनी होती है. लेकिन अधिकारी जनप्रतिनिधियों की न सुन रहे हैं और न ही उनका फोन उठा रहे हैं. लेकिन जनप्रतिनिधि होने के कारण जनता सीधे उनसे सवाल करती है. जब सवाल का जवाब अधिकारी या फिर कर्मचारी से मांगा जाता है तो वह फोन उठाना पसंद नहीं करते हैं.

ये भी देखें-हजारीबागः बिजली की समस्या से लोग परेशान, नए कनेक्शन की मांग को लेकर महिलाएं उतरी सड़क पर

इसको लेकर जनप्रतिनिधि काफी परेशान और लाचार है. अपनी लाचारी को व्यक्त करते हुए मेयर ने कहा कि अब हजारीबाग का कुछ भी नहीं हो सकता है. सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है. अगर कुछ अच्छा करने की सोच भी रहती है तो विभाग की ओर से मदद नहीं मिलता है. इसको लेकर यहां के जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

Intro:जब जनप्रतिनिधि की बात अधिकारी और सरकारी सेवक ना सुने तो आप क्या कहेंगे। यह सुनने में तो अजीब लगता है लेकिन यह हजारीबाग नगर निगम में देखने को मिल रहा है ।हजारीबाग नगर निगम इन दिनों दो गुट मे बटा हुआ है। चुकी भारतीय जनता पार्टी से दोनों जनप्रतिनिधि मेयर और डिप्टी में चुनकर आए हैं। लेकिन अब जनप्रतिनिधियों का नगर निगम के अधिकारी नहीं सुन रहे हैं और आलम यह है कि बैठक के दौरान मेयर अपना दर्द पार्षदों को बयां कर रही।


Body:लालफीताशाही हजारीबाग नगर निगम में सर चढ़कर बोल रहा है। जनप्रतिनिधियो का आलम यह है कि वह अपने कक्ष का शोभा बढ़ा रहे हैं। अगर जनप्रतिनिधियों को काम करना है तो अधिकारियों की मदद लेनी होती है। लेकिन जब अधिकारी जनप्रतिनिधियों की ना सुने और उनका फोन भी नहीं उठा रहे है। जनप्रतिनिधि होने के कारण जनता सीधे उनसे सवाल करती हैं। जब सवाल का जवाब अधिकारी या फिर कर्मचारी से मांगा जाता है तो वह फोन उठाना ही पसंद नहीं करते हैं ।

ऐसे में जनप्रतिनिधि काफी परेशान भी हैं और लाचार भी। अपनी लाचारी उन्होंने व्यक्त करते हुए कहा कि अब हजारीबाग का कुछ भी नहीं हो सकता। सब भगवान भरोसे चल रहा है ।अगर कुछ अच्छा करने की सोच भी हो तो विभाग ही मदद नहीं करता है। आलम यह है कि यहां के जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनका सुनने वाला कोई नहीं है।

byte.... रोशनी तिर्की महापौर हजारीबाग नगर निगम


Conclusion:जिस तरह से जनप्रतिनिधि की बात या फिर फोन उठाना अधिकारी पसंद नहीं कर रहे हैं ।यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। जरूरत है अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल स्थापित करने की ताकि विकास कार्य प्रभावित ना हो।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.