रांची/हजारीबागः एक तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक कह रहे हैं कि माओवादी अंतिम सांसें गिन रहे हैं. दूसरी तरफ माओवादी घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को नये सिरे से चुनौती दे दे रहे हैं. ताजा मामला हजारीबाग का है. कटकमसांडी थाना क्षेत्र के शाहपुर हेसा कुंदर गांव के पास 12 अक्टूबर को अहले सुबह माओवादियों ने चार वाहनों को फूंक दिया. इसमें एक पेलोडर, दो हाइवा और एक पिकअप वाहन शामिल है. माओवादियों ने घटनास्थल पर धमकी भरा पर्चा भी छोड़ा है और घटना की जिम्मेवारी भी ली है.
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हजारीबाग हेडक्वार्टर के डीएसपी राजीव ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी गाड़ियां एक निजी कंपनी की थी. वह कंपनी रेलवे ट्रैक निर्माण का काम कर रही है. उन्होंने बताया कि इस कांड के बाद पूरे इलाके में ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. घटनास्थल से पर्चा बरामद हुआ है. फिलहाल इस बात की जांच की जा रही है कि इसमें कहीं किसी आपराधिक संगठन ने माओवादियों के नाम का इस्तेमाल तो नहीं किया है. तमाम बिंदुओं पर जांच चल रही है.
हालांकि सूत्रों का मानना है कि लेवी के लिए माओवादियों ने ही घटना को अंजाम दिया होगा. इस कांड के बाद इलाके में दहशत है. दरअसल, यह इलाका चतरा और हजारीबाग की सीमा पर है. अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना को अंजाम देकर माओवादी दूसरे जिला में शिफ्ट कर गये हैं. खास बात है कि करीब एक साल पहले भी रेलवे ट्रैक निर्माण कार्य में लगी निजी कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई थी. उस मामले में आपराधिक संगठन के कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.