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हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन, 70 से अधिक छात्र-छात्राओं ने लिया हिस्सा - हजारीबाग न्यूज

हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. इस आयोजन में 70 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया है. शतरंज के खेल से मानसिक एक्सरसाइज भी होता है.

हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन
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Published : Apr 6, 2019, 6:33 PM IST

हजारीबाग: जिले में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. जिसमें विश्व चैंपियन विश्वनाथ आनंद का क्रेज मन में लिए नन्हे बच्चे शतरंज की बिसात पर शह और मात का खेल खेल रहे हैं. इस आयोजन में 70 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया है.

हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन

हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. जहां बच्चों ने शतरंज की चाल से लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है. 5 बार विश्व चैंपियन रहे आनंद की कामयाबी ने बच्चों को शतरंज के खेल को गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित किया है.

बता दें कि हजारीबाग डिस्ट्रिक्ट चेस एसोसिएशन कि ओर से तीन दिवसीय चेस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है. इस आयोजन में 70 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया है. वहीं, शतरंज के प्रतिभागी छात्र बताते हैं कि सतरंज ऐसा खेल है जो हमें कुछ बेहतर करने की दिशा को प्रेरित करता है.

अभिभावक का कहना हैं कि शतरंज के खेल से बच्चों का मानसिक विकास होता है. साथ ही कैरियर बेहतर होता है. वहीं, आयोजक भी मानते कि हजारीबाग में जिस तरह से जूनियर खिलाड़ी अपना प्रदर्शन कर रहे हैं यह काबिले तारीफ है. साथ ही साथ उनका कहना है कि शतरंज के खेल से मानसिक एक्सरसाइज भी होता है.

हजारीबाग: जिले में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. जिसमें विश्व चैंपियन विश्वनाथ आनंद का क्रेज मन में लिए नन्हे बच्चे शतरंज की बिसात पर शह और मात का खेल खेल रहे हैं. इस आयोजन में 70 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया है.

हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन

हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. जहां बच्चों ने शतरंज की चाल से लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है. 5 बार विश्व चैंपियन रहे आनंद की कामयाबी ने बच्चों को शतरंज के खेल को गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित किया है.

बता दें कि हजारीबाग डिस्ट्रिक्ट चेस एसोसिएशन कि ओर से तीन दिवसीय चेस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है. इस आयोजन में 70 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया है. वहीं, शतरंज के प्रतिभागी छात्र बताते हैं कि सतरंज ऐसा खेल है जो हमें कुछ बेहतर करने की दिशा को प्रेरित करता है.

अभिभावक का कहना हैं कि शतरंज के खेल से बच्चों का मानसिक विकास होता है. साथ ही कैरियर बेहतर होता है. वहीं, आयोजक भी मानते कि हजारीबाग में जिस तरह से जूनियर खिलाड़ी अपना प्रदर्शन कर रहे हैं यह काबिले तारीफ है. साथ ही साथ उनका कहना है कि शतरंज के खेल से मानसिक एक्सरसाइज भी होता है.

Intro:दिलों में विश्वनाथ आनंद का क्रेज लिए यह नन्हे बच्चे शतरंज की बिसात पर शह और मात का खेल खेल रहे हैं। ऐसे खिलाड़ियों के सामने बोर्ड पर बिछे मोहरे से बेहतर पृष्ठभूमि और क्या हो सकती है। विश्वनाथ आनंद की तरह हाथ ठुड्डी पर टिका है और दोनों प्लेयर्स की आंखें मोहरों पर जमी है। इस बोर्ड के सामने 70 बच्चे सलीके से लगी कुर्सियों पर बैठे हैं ।मेज पर शतरंज के बोर्ड और मोहरे हैं और स्टॉपवॉच रखी है।


Body:इन दिनों हजारीबाग में जूनियर शतरंज डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है। जहां बच्चे शतरंज की चाल से लोगों को सोचने को विवश कर रहे हैं यह बच्चे बीच शतरंज खेलने में पीछे नहीं है। यहां माहौल में पूरी तरह शांति है। यह शांति तभी भंग होती है जब कोई बच्चा अपना कुर्सी किसकाता है या फिर मैंगो जूस का चुस्की लेता है। इन प्रतिभाशाली बच्चों में से कोई अगला विश्वनाथ आनंद बनना चाहता है। 5 बार विश्व चैंपियन के आनंद की कामयाबी ने बच्चों को शतरंज का खेल अपनाने और उसे गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।

हजारीबाग डिस्ट्रिक्ट चेस एसोसिएशन के द्वारा तीन दिवसीय चेस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है जहां 70 से अधिक खिलाड़ी ने हिस्सा लिया है जिसमें अधिक से अधिक स्कूली छात्राएं छात्र तरीके से चेस टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर शतरंज के खेल में दिखे प्रतिभागी छात्र बताते हैं कि सतरंज ऐसा खेल है जिसमें कुछ बेहतर करने की दिशा को प्रेरित करता है झारखंड में नहीं है लेकिन बड़े शहरों में है और छात्रों का प्रिय खेल होता जा रहा है।

अभिभावक की मानते हैं कि शतरंज के खेल से बच्चों का मानसिक विकास होता है और कैरियर के लिहाज से भी खेल बेहतर है। वही आयोजक भी मानते कि हजारीबाग में जिस तरह से जूनियर खिलाड़ी अपना प्रदर्शन कर रहे हैं यह काबिले तारीफ है। जो उनके भविष्य के लिए भी अच्छा है। साथ ही साथ उनका कहना है कि शतरंज का खेल से मानसिक एक्सरसाइज होता है तो दूसरी और एकाग्रता भी बढ़ती है।

byte.... कुमारी रश्मि जूनियर खिलाड़ी की मां
byte.... शुभम जूनियर शतरंज खिलाड़ी
byte.... विजय कुमार सिंह आयोजक


Conclusion:कहां जाए तो ऐसे ही बच्चों में से कोई विश्वनाथ आनंद बनता है और अपने देश का परचम पूरे विश्व में लहराता है। जरूरत है ऐसे बच्चों को सही दिशा देने की ।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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