हजारीबाग : झारखंड की दो महिला डॉन इन दिनों जेल प्रशासन के लिए आफत बनी हुई हैं. घाटशिला जेल में बंद दोनों महिला डॉन घाघीडीह जेल जाना चाहती थीं. इसके लिए दबाव बनाने के लिए बीते दिनों दोनों ने जेल में ही खुदकुशी की कोशिश की थी. जेल प्रशासन ने उनकी चालाकियों के आगे घुटने तो नहीं टेके, लेकिन सुरक्षा कारणों से दोनों को अलग-अलग जेल स्थानांतरित कर दिया गया है. इनमें से एक बुलेट रानी उर्फ श्वेता दास को घाटशिला जेल से हजारीबाग केंद्रीय कारा यानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि दूसरी महिला डॉन यानी चटनी डॉन को सेंट्रल जेल दुमका शिफ्ट कर दिया गया है.
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जेल प्रबंधन के मुताबिक, घाटशिला जेल में बंद दो महिला डॉन को मंगलवार को राज्य के अलग-अलग सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया है. जेल प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया है. बताया जा रहा है कि दोनों जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में जाना चाहती थीं. इसके लिए दोनों ने पिछले सप्ताह घाटशिला जेल में आत्महत्या की कोशिश की थी. दोनों को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में सुरक्षा कारणों से दोनों को अलग-अलग जेल भेज दिया गया.
झारखंड की खूंखार महिला डॉन
27 वर्षीय बुलेट रानी डॉन उर्फ श्वेता दास को हजारीबाग सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है, जबकि 25 वर्षीय चटनी डॉन यानी प्रिया सिंह को दुमका सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि सेंट्रल जेल हजारीबाग लाई गई बुलेट रानी और चटनी डॉन ने घाटशिला जेल में रहते हुए आत्महत्या करने की कोशिश की थी. डॉन बुलेट रानी डॉन ने चूड़ी से अपनी गर्दन की नस काट ली थी, जबकि चटनी डॉन ने चूड़ी के टुकड़ों को निगल लिया था.
इन मामलों में जेल में बंद हैं दोनों
चटनी डॉन आर्म्स एक्ट समेत कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप में जेल में बंद है. वहीं बुलेट रानी पर पति की निर्मम हत्या का आरोप है. दोनों को जमशेदपुर के घाघीडीह जेल से घाटशिला जेल करीब 2 माह पहले शिफ्ट किया गया था. ये दोनों यहां से फिर घाघीडीह जेल वापस जाना चाहती थीं.
बुलेट रानी की विशेष निगरानी
हजारीबाग लाने के बाद बुलेट रानी उर्फ श्वेता दास को विशेष निगरानी में हजारीबाग लोकनायक जयप्रकाश नारायण कारा में रखा गया है. जेपी कारा के काराधीक्षक ने बताया कि उसे महिला जनरल वार्ड में रखा गया है. ताकि उसकी गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा सके.