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झालसा ने जेल की सजा काट रहे व्यक्ति को उपलब्ध कराया वकील, आधी सजा काटने पर मिली जमानत - झालसा ने जेल की सजा काट रहे व्यक्ति को उपलब्ध कराया वकील

दुष्कर्म के एक मामले में जेल की सजा भुगत रहे हजारीबाग के विकास विश्वकर्मा को हाई कोर्ट लीगल सर्विस अथारिटी(झालसा) ने निःशुल्क वकील उपलब्ध कराया है. बाद में आधी सजा काटने के आधार पर उसे जमानत मिल गई.

Jhalsa available lawyer to the person serving jail sentence
झालसा ने जेल की सजा काट रहे व्यक्ति को उपलब्ध कराया वकील
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Published : Dec 9, 2020, 4:34 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 4:54 PM IST

रांची:दुष्कर्म के एक मामले में जेल की सजा भुगत रहे विकास विश्वकर्मा को हाई कोर्ट लीगल सर्विस अथारिटी(झालसा) ने निःशुल्क वकील उपलब्ध कराया है. बाद में आधी सजा काटने के आधार पर उसे जमानत मिल गई. बताया जा रहा है कि निचली अदालत से सजा पाए विकास के पास हाई कोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए रुपये नहीं थी. जब यह मामला हाई कोर्ट लीगल सर्विस अथारिटी के संज्ञान में आया तो उसे मुफ्त में अधिवक्ता उपलब्ध कराया गया.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-प्रोटेक्शन ऑफ ह्यूमन राइट विषय पर झालसा में वेबीनार का आयोजन

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता विजय रंजन सिन्हा ने बताया कि हजारीबाग के रहने वाले विकास विश्वकर्मा पर एक लड़की को भगाकर कई दिनों तक अपने साथ रखने का आरोप था. यह घटना सितंबर 2015 की है. विकास इसी साल के नवंबर महीने से जेल में बंद था.इस मामले में निचली अदालत ने फरवरी 2018 में दस साल की सजा सुनाई है. इधर विकास की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उसकी ओर से सजा के खिलाफ अपील भी दाखिल नहीं की गई, ऐसे लोगों की मदद के लिए हाईकोर्ट लीगल सर्विस अथारिटी की ओर से योजना चलाई जाती है. इस मामले में उसने जेल से ही अथारिटी को आवेदन दिया. इसके बाद अथारिटी ने यह मामला अधिवक्ता अभिजीत सिंह को सौंपा. उन्होंने इस मामले में अपील दाखिल कर विकास के लिए जमानत मांगी. सुनवाई के दौरान उनकी ओर से आधी सजा काटने का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई. इसके बाद अदालत ने विकास विश्वकर्मा को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी.

रांची:दुष्कर्म के एक मामले में जेल की सजा भुगत रहे विकास विश्वकर्मा को हाई कोर्ट लीगल सर्विस अथारिटी(झालसा) ने निःशुल्क वकील उपलब्ध कराया है. बाद में आधी सजा काटने के आधार पर उसे जमानत मिल गई. बताया जा रहा है कि निचली अदालत से सजा पाए विकास के पास हाई कोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए रुपये नहीं थी. जब यह मामला हाई कोर्ट लीगल सर्विस अथारिटी के संज्ञान में आया तो उसे मुफ्त में अधिवक्ता उपलब्ध कराया गया.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता विजय रंजन सिन्हा ने बताया कि हजारीबाग के रहने वाले विकास विश्वकर्मा पर एक लड़की को भगाकर कई दिनों तक अपने साथ रखने का आरोप था. यह घटना सितंबर 2015 की है. विकास इसी साल के नवंबर महीने से जेल में बंद था.इस मामले में निचली अदालत ने फरवरी 2018 में दस साल की सजा सुनाई है. इधर विकास की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उसकी ओर से सजा के खिलाफ अपील भी दाखिल नहीं की गई, ऐसे लोगों की मदद के लिए हाईकोर्ट लीगल सर्विस अथारिटी की ओर से योजना चलाई जाती है. इस मामले में उसने जेल से ही अथारिटी को आवेदन दिया. इसके बाद अथारिटी ने यह मामला अधिवक्ता अभिजीत सिंह को सौंपा. उन्होंने इस मामले में अपील दाखिल कर विकास के लिए जमानत मांगी. सुनवाई के दौरान उनकी ओर से आधी सजा काटने का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई. इसके बाद अदालत ने विकास विश्वकर्मा को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी.

Last Updated : Dec 9, 2020, 4:54 PM IST

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