हजारीबाग: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले दिनों इलाज के दौरान लापरवाही का मामला प्रकाश में आया था. 38 दिनों तक महिला को अस्पताल में भर्ती रखा गया, मगर टूटा हुए पैर का ऑपरेशन नहीं किया गया. इस दौरान ऑपरेशन के लिए ₹20 हजार रुपये की मांग के भी आरोप लगे थे. इस बात को लेकर अब जांच शुरू कर दी गई है. हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल की गवाही दर्ज की गई.
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शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 60 वर्षीय महिला के इलाज में लापरवाही कि शिकायत पर जांच शुरू हो गई है. इस बात को लेकर सदर विधायक मनीष जायसवाल ने मेडिकल कॉलेज पदाधिकारी को खरी-खोटी सुनाई थी. इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री ,सचिव, उपायुक्त से की थी. इस बात को लेकर जांच टीम का गठन किया गया था. मामले में गठित टीम के सामने मनीष जायसवाल ने अपनी बात रखी है. कमिटी में तीन सदस्य हैं. जिसमें सदर एसडीओ विद्या भूषण, जिला कल्याण पदाधिकारी और कार्यपालक दंडाधिकारी अदिति गुप्ता बतौर सदस्य शामिल हैं.
जांच समिति के सदस्यों ने बारी-बारी से विधायक मनीष जायसवाल से करीब 13 सवाल किए. विधायक मनीष जायसवाल ने सभी सवालों का जवाब दिया.इस मामले में इलाज करने वाले चिकित्सक सह आर्थोपेडिक विभाग के एचओडी डॉ शंकर निवास और ऑर्थोपेडिक वार्ड पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है.