हजारीबाग: झारखंड का बहुचर्चित माहेश्वरी परिवार के छह लोगों के संदिग्ध मौत को लेकर एक बार फिर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है. मौत की जांच के आदेश सीबीआई को हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने दिया है. इससे याचिकाकर्ता और माहेश्वरी परिवार के भतीजे राजेश माहेश्वरी ने राहत की सांस ली है. वह पिछले पांच साल से इसके लिए प्रयासरत थे. उन्होंने इसके लिए मानवाधिकार आयोग, पीएमओ, विधायक सरयू राय, माहेश्वरी समाज और हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया है.
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पिछले दिनों सीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट प्रस्तुत किया था. जिस रिपोर्ट पर परिवार वालों ने आपत्ति जाहिर की थी. फिर से झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर माहेश्वरी परिवार के संदिग्ध 6 लोगों की मौत मामले की जांच शुरू हो गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को जांच टीम ने जिस फ्लैट में माहेश्वरी परिवार के छह लोगों का संदिग्ध अवस्था में शव बरामद किया गया था उसे फिर खोला गया है. डेढ़ घंटे तक वहां जांच भी की है.
बुधवार को 1:45 में थाने से एक कर्मी ने माहेश्वरी परिवार को जानकारी दी कि 2:00 बजे फिर से एसआईटी की टीम फ्लैट पर आने वाली है. 2:00 बजे ठीक एसआईटी की टीम वहां पहुंची. उस फ्लैट का ताला खोला गया और जांच शुरू की गई. 3.50 मिनट तक पदाधिकारी फ्लैट के अंदर ही रहे. यह भी जानकारी मिली है कि जनवरी महीने तक पूरी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत करना है.
हाईकोर्ट के आदेश पर महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक ने हजारीबाग के बहुचर्चित माहेश्वरी परिवार हत्याकांड को लेकर फिर से अनुसंधान का निर्देश दिया है. इस बाबत उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी को एसआईटी गठित कर जांच का निर्देश दिया है. मामले के अनुसंधान के लिए एसआईटी गठित की है. एसआईटी ने जांच भी शुरू कर दिया है.
हजारीबाग जांच करने के लिए गिरिडीह से डीएसपी नौशाद और इंस्पेक्टर पहुंचे थे. डीएसपी के साथ एसआईटी की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर सभी वारदात से रूबरू हुए जांच के समय माहेश्वरी परिवार के राजकुमार माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी समेत अन्य लोग उपस्थित थे. परिजनों ने भी सदर पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है.
15 जुलाई 2018 को महावीर माहेश्वरी के भाई सांवरमल माहेश्वरी के बयान पर सदर थाने में हत्या का मामला दर्ज हुआ था. बाद में पुलिसिया जांच के बाद इस मामले को आत्महत्या मानकर केस क्लोज कर दिया था. इसके बाद जन दवाब में इस मामले को झारखंड सीआईडी की टीम ने टेक अप किया. सीआईडी की टीम ने सीन रिक्रिएट किया. लेकिन बाद में हजारीबाग पुलिस की जांच को ही क्लोज कर दिया. इस पर राजेश महेश्वरी ने सीआइडी जांच पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच सीबीआई से करने के लिए याचिका दायर की थी.
शहर के खजांची तालाब के निकट स्थित सीडीएम अपार्टमेंट 15 जुलाई 2018 को फ्लैट नंबर 303 में माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों के शव बरामद हुए थे. इनमें मुख्य सदस्य महावीर माहेश्वरी, पत्नी किरण माहेश्वरी, उनका बेटा नरेश माहेश्वरी, बहू प्रीति माहेश्वरी, पोता अमन माहेश्वरी (10), पोती अन्वी उर्फ परी माहेश्वरी (06)) शामिल थे. इनमें महाबीर माहेश्वरी का शव बेडरूम के पंखे से लटका मिला था. वहीं नरेश माहेश्वरी का शरद अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर पड़ा था. किरण माहेश्वरी का शव बिस्तर पर पड़ा था. बहू प्रीति का शव पंखे से लटका मिला था. वहीं पोता अमन उसकी गर्दन आगे की ओर लटकी हुई थी. जिसका शव सोफे पर पड़ा हुआ था.