हजारीबाग: अमनारी और सरौनी ग्राम में जन वितरण प्रणाली दुकान में IOCL कंपनी के केरोसिन तेल में विस्फोट मामले में जांच तेज हो गई है. शुरूआती जांच में पता चला कि लापरवाही और मिलावट के कारण यह घटना घटी है. अब प्रशासन अन्य जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि सही निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके. विस्फोट में दो लोगों की मौत हुई थी और लगभग 1 दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे. इस मामले को लेकर रांची से भी पदाधिकारी जांच करने के लिए हजारीबाग पहुंचे थे.
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प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट से खुलासा
उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने बताया कि वितरित केरोसिन तेल के छह अलग-अलग सैंपल को एकत्रित कर जांच के लिए भेजे गए हैं. एक सैंपल की प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है. जिसमें उच्च ज्वलनशील तरल की संभावना जताई जा रही है. जिसका फ़्लैश पॉइंट 13.5 डिग्री सेल्सियस है. जो उच्च ज्वलन सीमा का परिचायक है. साधारण 33 डिग्री सेल्सियस केरोसिन के लिए आदर्श फ्लैश प्वाइंट माना जाता है. उन्होंने बताया कि केरोसिन के मामले में ट्रांसपोर्ट की प्रक्रिया अलग होती है. ट्रेडिंग कंपनी की जिम्मेदारी होती है कि उसे सुरक्षित परिवहन कर सही जगह पहुंचाए. इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच टीम रांची से भी हजारीबाग पहुंची थी.
मुआवजे को लेकर संशय
उपायुक्त ने कहा कि पहली नजर में ये अनियमितता का मामला नजर आता है. इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद कार्रवाई का भी उन्होंने आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले केरोसिन तेल के वितरण वापस लेने और इसे प्रयोग में नहीं लाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. प्रयोग में लाए के टैंकर को सील कर जांच के लिए भेज दिया गया है. मुआवजे को लेकर आईओसीएल से चर्चा के बाद मुआवजे का प्रावधान नहीं बताया गया है. इस पर सरकारी प्रावधानों के आधार पर मुआवजा को लेकर निर्णय लिया जाएगा.