ETV Bharat / state

हजारीबाग में अवैध पत्थर खनन का चल रहा गोरख धंधा, अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी में विभाग

author img

By

Published : Feb 14, 2022, 2:22 PM IST

हजारीबाग में अवैध पत्थर खनन का गोरख धंधा चल रहा है. स्थिति यह है कि जिले में 50 निबंधित क्रशर है. लेकिन दो हजार से अधिक अवैध क्रशर चल रहा है, जो अवैध पत्थर खनन कर रह है. अब जिल खनन पदाधिकारी अवैध क्रशर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में हैं.

Illegal stone mining in Hazaribag
हजारीबाग में अवैध पत्थर खनन का चल रहा गोरख धंधा

हजारीबागः जिले में अवैध पत्थर खनन का कारोबार खूब फलफूल रहा है. बरकट्ठा, इचाक, पदमा, टाटीझरिया प्रखंड में सैकड़ों अवैध पत्थर खदान और हजारों क्रसर संचालित है. जिला खनन पदाधिकारी कहते हैं कि जिले में सिर्फ 50 क्रसर ही निबंधित हैं, जो नियमानुसार संचालित हो रहा है. सैकड़ों क्रशर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.

यह भी पढ़ेंःब्लास्टिंग से मजदूर की मौत मामलाः डीसी ने किया घटनास्थल का मुआयना, दिए कई निर्देश

अवैध पत्थर खदान और क्रशर की वजह से सरकार को प्रत्येक दिन लाखों रुपये राजस्व की क्षति हो रही है. सैकड़ों एकड़ भूमि में गुपचुप तरीके से पत्थर व्यवसायी पत्थर का उत्खनन करते हैं. इचाक और बरकट्ठा प्रखंड के वन क्षेत्र में सैकड़ों पत्थर खदान अवैध तरीके से संचालित है. इचाक प्रखंड के डुमरौन गांव से सटे पुरनी, खरखरवा, फुलदाहा, गुडकुआ, सिजुआ, साडम, और टेप्सा में 100 से अधिक अवैध क्रशर और खदान संचालित है. टाटीझरिया प्रखंड के मुरुमातु सहित दर्जनों गांवों में अवैध खनन का कार्य चल रहा है. इन गांवों में रोजाना छोटी बड़ी घटनाएं भी हो रही है. इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है. हालांकि, अवैध पत्थर उत्खनन को लेकर जिला टास्क फोर्स की टीम बनाई गई है. यह टीम यदाकदा कार्रवाई करती है, जो सिर्फ दिखावा होता है. इस अवैध खनन के पीछे खनन विभाग, स्थानीय पुलिस और राजनेताओं का सांठगांठ है, जिससे गोरख धंधा फलफूल रहा है.



जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि इको सेंसेटिव जोन में भी अवैध रूप से उत्खनन का कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि अवैध क्रशर संचालकों की सूची तैयार की गई है और बिजली विभाग के साथ मिलकर चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि हजारीबाग में 2 हजार से अधिक अवैध खदान और क्रशर चलाए जा रहे हैं. इस अवैध खनन को लेकर स्थानीय लोगों ने आवाज भी उठाई है. इसके बावजूद कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं की गई.

हजारीबागः जिले में अवैध पत्थर खनन का कारोबार खूब फलफूल रहा है. बरकट्ठा, इचाक, पदमा, टाटीझरिया प्रखंड में सैकड़ों अवैध पत्थर खदान और हजारों क्रसर संचालित है. जिला खनन पदाधिकारी कहते हैं कि जिले में सिर्फ 50 क्रसर ही निबंधित हैं, जो नियमानुसार संचालित हो रहा है. सैकड़ों क्रशर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.

यह भी पढ़ेंःब्लास्टिंग से मजदूर की मौत मामलाः डीसी ने किया घटनास्थल का मुआयना, दिए कई निर्देश

अवैध पत्थर खदान और क्रशर की वजह से सरकार को प्रत्येक दिन लाखों रुपये राजस्व की क्षति हो रही है. सैकड़ों एकड़ भूमि में गुपचुप तरीके से पत्थर व्यवसायी पत्थर का उत्खनन करते हैं. इचाक और बरकट्ठा प्रखंड के वन क्षेत्र में सैकड़ों पत्थर खदान अवैध तरीके से संचालित है. इचाक प्रखंड के डुमरौन गांव से सटे पुरनी, खरखरवा, फुलदाहा, गुडकुआ, सिजुआ, साडम, और टेप्सा में 100 से अधिक अवैध क्रशर और खदान संचालित है. टाटीझरिया प्रखंड के मुरुमातु सहित दर्जनों गांवों में अवैध खनन का कार्य चल रहा है. इन गांवों में रोजाना छोटी बड़ी घटनाएं भी हो रही है. इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है. हालांकि, अवैध पत्थर उत्खनन को लेकर जिला टास्क फोर्स की टीम बनाई गई है. यह टीम यदाकदा कार्रवाई करती है, जो सिर्फ दिखावा होता है. इस अवैध खनन के पीछे खनन विभाग, स्थानीय पुलिस और राजनेताओं का सांठगांठ है, जिससे गोरख धंधा फलफूल रहा है.



जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि इको सेंसेटिव जोन में भी अवैध रूप से उत्खनन का कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि अवैध क्रशर संचालकों की सूची तैयार की गई है और बिजली विभाग के साथ मिलकर चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि हजारीबाग में 2 हजार से अधिक अवैध खदान और क्रशर चलाए जा रहे हैं. इस अवैध खनन को लेकर स्थानीय लोगों ने आवाज भी उठाई है. इसके बावजूद कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं की गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.