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लॉकडाउन के पॉजिटिव इफेक्टः प्रदूषण के स्तर में गिरावट, पेड़ों पर चहचहाने लगे पक्षी - Heron gathering at Hazaribag Medical College Hospital

लॉकडाउन की वजह से हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परिवर्तन दिख रहा है. यहां पेड़ों पर कभी एक पक्षी भी नहीं दिखाई देते थे, लेकिन आज यहां सैकड़ों की संख्या में अलग-अलग तरह के पक्षी दिखाई दे रहे हैं.

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में बगुला का जमावड़ा
Heron gathering at Hazaribag Medical College Hospital Campus
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Published : May 21, 2020, 11:24 AM IST

हजारीबाग: लॉकडाउन ने जीने की शैली में भी परिवर्तन कर दिया है. इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ा है. पहले से वातावरण काफी शुद्ध हुआ है और कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में परिवर्तन देखने को मिला है.

देखें पूरी खबर

लॉकडाउन का असर

लॉकडाउन की वजह से हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परिवर्तन दिख रहा है. यहां पेड़ों पर कभी एक पक्षी भी नहीं दिखाई देते थे, लेकिन आज यहां सैकड़ों की संख्या में अलग-अलग तरह के पक्षी दिखाई दे रहे हैं. अस्पताल होने के कारण लोगों की आवाजाही यहां काफी अधिक थी, साथ ही गाड़ियों की आवाज और प्रदूषण काफी ज्यादा था. जिससे पक्षियों का जीवन दूभर हो गया था. इस कारण पक्षी भी अस्पताल परिसर में बेहद कम दिखते थे, लेकिन इस लॉकडाउन ने हर एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित किया है. इसका असर पर्यावरण पर भी देखने को मिला है.

ये भी पढ़ें-राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ी बसों को अनुमति नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण, ये ओछी राजनीति हैः भंवर जितेंद्र सिंह

काफी संख्या में बगुला ने डाला डेरा

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज परिसर में पिछले कई दिनों से काफी संख्या में बगुला ने अपना डेरा बना लिया है. कहा जाता है कि हजारीबाग के छठवां और लूटा डैम में यह बगुला प्रवास करते थे, लेकिन गर्मी पड़ने के बाद यह अस्पताल परिसर को अपना घर बना लिए हैं. वहां के कर्मियों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि यहां इतनी बड़ी संख्या में बगुला देखा जा रहा है.

पर्यावरण के साथ खिलवाड़

कर्मियों का मानना है कि ये पक्षी किसी जमाने में यहां काफी दिखते थे, लेकिन मौसम प्रदूषित होते चला गया और पंक्षियों की संख्या यहां कम होती चली गई. लेकिन लॉकडाउन के कारण अब गाड़ी कम चल रहे हैं और लोगों का आना जाना कम हो गया है. इसलिए पक्षी वापस अपने पुराने डेरा में पहुंच रहे हैं. उनका कहना है कि पर्यावरण के साथ बहुत खिलवाड़ किया गया है, जिसका परिणाम सभी को भुगतना होगा.

हजारीबाग: लॉकडाउन ने जीने की शैली में भी परिवर्तन कर दिया है. इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ा है. पहले से वातावरण काफी शुद्ध हुआ है और कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में परिवर्तन देखने को मिला है.

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लॉकडाउन का असर

लॉकडाउन की वजह से हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परिवर्तन दिख रहा है. यहां पेड़ों पर कभी एक पक्षी भी नहीं दिखाई देते थे, लेकिन आज यहां सैकड़ों की संख्या में अलग-अलग तरह के पक्षी दिखाई दे रहे हैं. अस्पताल होने के कारण लोगों की आवाजाही यहां काफी अधिक थी, साथ ही गाड़ियों की आवाज और प्रदूषण काफी ज्यादा था. जिससे पक्षियों का जीवन दूभर हो गया था. इस कारण पक्षी भी अस्पताल परिसर में बेहद कम दिखते थे, लेकिन इस लॉकडाउन ने हर एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित किया है. इसका असर पर्यावरण पर भी देखने को मिला है.

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काफी संख्या में बगुला ने डाला डेरा

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज परिसर में पिछले कई दिनों से काफी संख्या में बगुला ने अपना डेरा बना लिया है. कहा जाता है कि हजारीबाग के छठवां और लूटा डैम में यह बगुला प्रवास करते थे, लेकिन गर्मी पड़ने के बाद यह अस्पताल परिसर को अपना घर बना लिए हैं. वहां के कर्मियों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि यहां इतनी बड़ी संख्या में बगुला देखा जा रहा है.

पर्यावरण के साथ खिलवाड़

कर्मियों का मानना है कि ये पक्षी किसी जमाने में यहां काफी दिखते थे, लेकिन मौसम प्रदूषित होते चला गया और पंक्षियों की संख्या यहां कम होती चली गई. लेकिन लॉकडाउन के कारण अब गाड़ी कम चल रहे हैं और लोगों का आना जाना कम हो गया है. इसलिए पक्षी वापस अपने पुराने डेरा में पहुंच रहे हैं. उनका कहना है कि पर्यावरण के साथ बहुत खिलवाड़ किया गया है, जिसका परिणाम सभी को भुगतना होगा.

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