हजारीबागः आगामी 29 दिसंबर को महागठबंधन की हेमंत सरकार अपना खजाना का पिटारा खोलने जा रही है. कृषि और श्रम विभाग कई सौगात झारखंडवासियों को देने जा रही है. झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख ने इस बात का विश्वास दिलाया है कि सरकार जनता के साथ खड़ी है जो वादा सरकार बनने के समय किया था वह वादा को भी पूरा करने जा रहे है. 29 दिसंबर को श्रम मंत्रालय कई कंपनी के साथ एमओयू भी करेगी. जिसमें 12000 छात्र छात्राओं को सीधा रोजगार दिया जाएगा. जिसमें छात्र और छात्राएं दोनों शामिल रहेंगे.
कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि दो हजार करोड़ की कर्ज माफी किसानों का किया जाएगा. जिसमें ₹1 से लेकर ₹50 हजार रुपया तक के कर्जदार शामिल रहेंगे. जिसमें 9 लाख 7 हजार किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.
हम किसानों-मजदूरों के साथ खड़े हैं
सरकार का यह भी कहना है कि कोरोन काल के दौरान झारखंड के प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए पूरे देश में अगर पहली ट्रेन चली तो वह झारखंड से चली. हम लोग प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाया, राशन दिया और फिर रोजगार भी दिया. हवाई चप्पल पाने वाले लोगों को एरोप्लेन से बैठा कर उनके घर तक पहुंचाने का काम किया है. जो यह बताता है कि हम किसानों, मजदूरों के साथ हर दम खड़े हैं. विपत्ति के दौरान सरकार ने यह दिखाया कि हमारे राज्य के भाई-बहन ही सर्वोपरि हैं.
केंद्र पर लगाया सौतेला व्यवहार का आरोप
दूसरी ओर बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार पर ठीकरा भी फोड़ा. उनका कहना है कि विपत्ति के समय जो मददगार होता है उसे हमेशा याद किया जाता है. केंद्र सरकार ने विपत्ति के समय में भी जीएसटी और कोयला का रोयल्टी नहीं दिया. अगर राशि मिलती तो हम लोग और भी अच्छा कर पाते हैं. उन्होंने सौतेला व्यवहार हम लोगों के साथ किया है. इसके बावजूद भविष्य में हम लोग यह उम्मीद करते हैं कि हमें उनका सहयोग मिलेगा.
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पशुधन योजना की होगी शुरुआत
बादल पत्रलेख का यह भी कहना है कि 29 तारीख को 325 करोड़ रुपया का पशुधन योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करने जा रहे हैं. जिसका सीधा लाभ ग्रामीण और स्थानीय लोगों को मिलेगा.
किसान राहत योजना से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
आने वाले समय में केंद्र की बीमा कंपनी को झारखंड के किसान पैसा नहीं देंगे. बादल पत्रलेख का कहना है कि 3 साल में 480 करोड़ रुपया ट्रेजरी से कंपनी को गया है. लेकिन मात्र 77 करोड़ रुपया ही किसानों को मिला. इससे स्पष्ट होता है कि उन पैसों से बैंक और केंद्र सरकार को चला गया है. इस कारण हम लोग अब केंद्र की बीमा कंपनी को पैसा नहीं देंगे. किसान राहत योजना की शुरुआत भी इस बाबत 29 दिसंबर से शुरू की जा रही है. जिसमें 100 रुपया का प्रबंध किया गया है. फसल के नुकसान होने पर सीधा राशि किसानों को दिया जाएगा.