हजारीबाग: वैसे तो एंबुलेंस चालक मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन जिले के एक एंबुलेंस चालक युधिष्ठिर गोरियन और उसके सहयोगी अनिल कुमार पासवान ने जो काम किया है वो ईमानदारी की मिसाल बन गया है. उनके इस काम की चर्चा पूरे हजारीबाग में हो रही है.
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घायल महिला की बचाई जान
दरअसल, 108 एंबुलेंस के चालक युधिष्ठिर गोरियन और उसके सहयोगी अनिल कुमार पासवान को चरही घाटी में दुर्घटना की खबर मिली. उन्हें किसी ने बताया था कि एक महिला बुरी तरह जख्मी है जिसे अस्पताल पहुंचाने की जरूरत है. ऐसे में एंबुलेंस चालक सहयोगी के साथ वहां पहुंचे और महिला के बैग में मौजूद कागजों में से नंबर निकालकर परिजनों को सूचित किया. महिला के बैग में 50 हजार रुपए भी मौजूद थे, जिसे युधिष्ठिर गोरियन ने सुरक्षित रख लिया और महिला को अस्पताल पहुंचाया. बाद में महिला के होश में आने पर उसके परिजनों को 50 हजार रुपये भी सौंप दिए. उनके इसी ईमानदारी की चर्चा पूरे शहर में हो रही है. उनके साथ काम करने वाले एंबुलेंस ड्राइवर भी उसके ईमानदारी की बात कह रहे हैं.
हर तरफ से मिल रही है शाबाशी
युधिष्ठिर गोरियन के ईमानदारी की चर्चा जब मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वरीय पदाधिकारियों को हुई तो उन्होंने भी उनकी ईमानदारी के लिए शाबाशी दी. इसके बाद इस बात की जानकारी जब कॉल सेंटर के लोगों को हुई तो उन्होंने भी सराहना करते हुए एंबुलेंस चालक की प्रशंसा की. बहरहाल जो भी हो युधिष्ठिर गोरियन ने अपनी ईमानदारी से लोगों को ये सबक सिखाया है कि केवल पैसा ही सबकुछ नहीं होता है, बल्कि कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से भी अपनी पहचान बनाई जा सकती है.