हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
क्या है पूरा मामला
5 अगस्त को दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर कई संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा भी किया था. साथ ही यह मांग की थी कि कुलपति कुव्यवस्था को लेकर इस्तीफा दें. यहां तक कि 5 अगस्त को ही कार्यक्रम स्थल पर भी कुर्सियां तोड़ी गई थी और प्रशासनिक भवन के सामने छात्रों ने उत्पात भी मचाया था. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर छात्रों को तितरबितर किया था. इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया और जमकर हंगामा किया था. इस दौरान अपशब्द भी कुलपति के खिलाफ छात्रों ने कहा. आलम यह था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने कुलपति पर पानी का बोतल भी फेंका और नारेबाजी भी की.
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क्या है कुलपति का कहना
कुलपति ने छात्रों के खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज किया है. इस बात की जानकारी विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश शरण ने दिया. उन्होंने कहा कि वह काफी आहत है कि छात्रों ने इतना गलत व्यवहार विश्वविद्यालय में किया. उनकी शिकायत जायज है लेकिन, विरोध करने का तरीका, स्थान और जगह ठीक नहीं है. डॉ रमेश शरण ने कहा कि वह दिन उनके कार्यकाल का यह सबसे बुरा दिन था, जब छात्रों ने बदसलूकी की. उनका यह भी कहना है कि वह कभी भी नहीं चाहते हैं कि छात्रों के खिलाफ थाने में जाएं लेकिन, आहत होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है. कुलपति ने यह भी सफाई दी कि उनके ऊपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने खराब खाने का व्यवस्था की था. जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है. साथ ही अव्यवस्था को लेकर हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है जो जांच करेगी.
कुलपति ने दी सफाई
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान जो सर्टिफिकेट दिया गया था उसके पेपर के क्वालिटी पर भी सवाल खड़ा किया गया था. उन्होंने इस पर कहा कि छात्रों को जो सर्टिफिकेट दिया गया था वह पेपर हस्त निर्मित है और खादी बोर्ड के द्वारा बनाया गया था. इस कारण पेपर थोड़ा पतला था. उन्होंने कहा कि खादी का कागज देने का उद्देश्य था कि लोगों को रोजगार दिया जाए और देसी खुशबू से छात्रों को एहसास कराया जाए.