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हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में प्रबंधन ने छात्रों के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर, दीक्षांत समारोह में छात्रों ने किया था हंगामा - छात्रों के खिलाफ दर्ज एफआईआर

हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर प्रबंधन ने दुख जाहिर किया है. विगत 5 अगस्त को बिनोवा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था. जहां अव्यवस्था का यह आलम हुआ कि नाश्ता भी छात्रों को फेंक कर दिया गया तो छात्रों ने जमकर हंगामा किया. कुलपति ने हंगामा करने वाले छात्रों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया है.

विनोबा भावे विश्वविद्यालय में प्रबंध ने छात्रों के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर
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Published : Aug 10, 2019, 9:40 PM IST

हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

देखें पूरी खबर


क्या है पूरा मामला
5 अगस्त को दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर कई संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा भी किया था. साथ ही यह मांग की थी कि कुलपति कुव्यवस्था को लेकर इस्तीफा दें. यहां तक कि 5 अगस्त को ही कार्यक्रम स्थल पर भी कुर्सियां तोड़ी गई थी और प्रशासनिक भवन के सामने छात्रों ने उत्पात भी मचाया था. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर छात्रों को तितरबितर किया था. इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया और जमकर हंगामा किया था. इस दौरान अपशब्द भी कुलपति के खिलाफ छात्रों ने कहा. आलम यह था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने कुलपति पर पानी का बोतल भी फेंका और नारेबाजी भी की.

ये भी पढ़ें- बरवाडीह मध्य विद्यालय की बदहाली शिक्षा विभाग की खोल रही पोल, दो कमरे में पढ़ते हैं दो 200 बच्चे


क्या है कुलपति का कहना
कुलपति ने छात्रों के खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज किया है. इस बात की जानकारी विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश शरण ने दिया. उन्होंने कहा कि वह काफी आहत है कि छात्रों ने इतना गलत व्यवहार विश्वविद्यालय में किया. उनकी शिकायत जायज है लेकिन, विरोध करने का तरीका, स्थान और जगह ठीक नहीं है. डॉ रमेश शरण ने कहा कि वह दिन उनके कार्यकाल का यह सबसे बुरा दिन था, जब छात्रों ने बदसलूकी की. उनका यह भी कहना है कि वह कभी भी नहीं चाहते हैं कि छात्रों के खिलाफ थाने में जाएं लेकिन, आहत होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है. कुलपति ने यह भी सफाई दी कि उनके ऊपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने खराब खाने का व्यवस्था की था. जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है. साथ ही अव्यवस्था को लेकर हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है जो जांच करेगी.


कुलपति ने दी सफाई
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान जो सर्टिफिकेट दिया गया था उसके पेपर के क्वालिटी पर भी सवाल खड़ा किया गया था. उन्होंने इस पर कहा कि छात्रों को जो सर्टिफिकेट दिया गया था वह पेपर हस्त निर्मित है और खादी बोर्ड के द्वारा बनाया गया था. इस कारण पेपर थोड़ा पतला था. उन्होंने कहा कि खादी का कागज देने का उद्देश्य था कि लोगों को रोजगार दिया जाए और देसी खुशबू से छात्रों को एहसास कराया जाए.

हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

देखें पूरी खबर


क्या है पूरा मामला
5 अगस्त को दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर कई संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा भी किया था. साथ ही यह मांग की थी कि कुलपति कुव्यवस्था को लेकर इस्तीफा दें. यहां तक कि 5 अगस्त को ही कार्यक्रम स्थल पर भी कुर्सियां तोड़ी गई थी और प्रशासनिक भवन के सामने छात्रों ने उत्पात भी मचाया था. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर छात्रों को तितरबितर किया था. इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया और जमकर हंगामा किया था. इस दौरान अपशब्द भी कुलपति के खिलाफ छात्रों ने कहा. आलम यह था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने कुलपति पर पानी का बोतल भी फेंका और नारेबाजी भी की.

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क्या है कुलपति का कहना
कुलपति ने छात्रों के खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज किया है. इस बात की जानकारी विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश शरण ने दिया. उन्होंने कहा कि वह काफी आहत है कि छात्रों ने इतना गलत व्यवहार विश्वविद्यालय में किया. उनकी शिकायत जायज है लेकिन, विरोध करने का तरीका, स्थान और जगह ठीक नहीं है. डॉ रमेश शरण ने कहा कि वह दिन उनके कार्यकाल का यह सबसे बुरा दिन था, जब छात्रों ने बदसलूकी की. उनका यह भी कहना है कि वह कभी भी नहीं चाहते हैं कि छात्रों के खिलाफ थाने में जाएं लेकिन, आहत होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है. कुलपति ने यह भी सफाई दी कि उनके ऊपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने खराब खाने का व्यवस्था की था. जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है. साथ ही अव्यवस्था को लेकर हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है जो जांच करेगी.


कुलपति ने दी सफाई
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान जो सर्टिफिकेट दिया गया था उसके पेपर के क्वालिटी पर भी सवाल खड़ा किया गया था. उन्होंने इस पर कहा कि छात्रों को जो सर्टिफिकेट दिया गया था वह पेपर हस्त निर्मित है और खादी बोर्ड के द्वारा बनाया गया था. इस कारण पेपर थोड़ा पतला था. उन्होंने कहा कि खादी का कागज देने का उद्देश्य था कि लोगों को रोजगार दिया जाए और देसी खुशबू से छात्रों को एहसास कराया जाए.

Intro:हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर आज प्रबंधन ने दुख जाहिर किया है। साथ ही साथ अव्यवस्था के लिए खुद को जिम्मेदार भी माना है। विगत 5 अगस्त को हजारीबाग के बिनोवा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था। जहां कु व्यवस्था का यह आलम हुआ कि नाश्ता भी छात्रों को फेक कर दिया गया तो साथ ही साथ छात्र भी जमकर हंगामा किया। कुलपति ने हंगामा करने वाले छात्रों के खिलाफ एफ आई आर भी दर्ज कराया है।


Body:5 अगस्त को दीक्षांत समारोह के दौरान हुए अव्यवस्था को लेकर कई संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा भी किया था। साथ ही साथ यह मांग की थी कि कुलपति कुव्यवस्था को लेकर इस्तीफा दें। यहां तक कि 5 अगस्त को ही कार्यक्रम स्थल पर भी कुर्सियां तोड़ी गई थी और प्रशासनिक भवन के सामने छात्रों ने उत्पात भी मचाया था। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर छात्रों को तितरबितर किया था। इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था और जमकर हंगामा किया था। इस दौरान अपशब्द भी कुलपति के खिलाफ छात्रों ने कहा। आलम यह था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने कुलपति के ऊपर पानी का बोतल भी फेंका था और नारेबाजी भी की थी। इसे देखते हुए कुलपति ने छात्रों के खिलाफ थाने में एफआइआर भी दर्ज किया है। इस बात की जानकारी विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश शरण ने दिया। उन्होंने कहा कि वह काफी आहत है कि छात्रों ने इतना गलत व्यवहार विश्वविद्यालय में किया। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत जायज है लेकिन विरोध करने का तरीका स्थान और जगह ठीक नहीं है। डॉ रमेश शरण ने कहा कि वो दिन उनके कार्यकाल का यह सबसे बुरा दिन था ।जब छात्रों ने बदसलूकी की। उनका यह भी कहना है कि वह कभी भी नहीं चाहते हैं कि छात्रों के खिलाफ थाने में जाएं। लेकिन आहत होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है।

byte.... डॉ रमेश शरण कुलपति विनोवा भावे विश्वविद्यालय


Conclusion:इस दौरान कुलपति ने यह भी सफाई दी कि उनके ऊपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने खराब खाना का व्यवस्था किया था। इस पर उन्होंने कहा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है। साथ ही साथ अव्यवस्था को लेकर हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है जो जांच करेगी। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान जो सर्टिफिकेट दिया गया था उसके पेपर के क्वालिटी पर भी सवाल खड़ा किया गया था। उन्होंने इस पर कहा कि की छात्रों को जो सर्टिफिकेट दिया गया था वह वह पेपर हस्त निर्मित है और खादी बोर्ड के द्वारा बनाया गया था। इस कारण पेपर थोड़ा पतला था। उन्होंने कहा कि खादी का कागज देने का उद्देश्य था कि लोगों को रोजगार दिया जाए और देसी खुशबू से छात्रों को एहसास कराया जाए।
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